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सोमवार, 16 जनवरी 2012

शायद तभी पक्के सौदे घाटे के नही होते……


उम्र की दराज खोलकर जो देखी
उम्र ही वहाँ जमींदोज़ मिली
सिर्फ़ एक लम्हा था रुका हुआ
जिसके सीने मे था कैद
ज़िन्दगी का वो सफ़ा 
जहाँ मोहब्बत ने मोहब्बत को 
जीया था कुछ लम्हा
उसके बाद ना उसके पहले
उम्र का ना कोई निशाँ मिला
ये हुआ सौदा उम्र का मोहब्बत से
जिसमे उम्र रुकी भी तो
सिर्फ़ मोहब्बत की दहलीज तक
शायद तभी पक्के सौदे घाटे के नही होते……

29 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरत अहसासों से सजी उम्र और मुहब्बत की दास्तान...सचमुच उम्र का वही लम्हा यादों में ताजा रह जाता है जिसमें दिल झुक गया हो मुहब्बत की दहलीज पर...

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    1. सही कह रही हैं अनिता जी जिस पल मोहब्बत को जी लिया उसका एक घूंट पी लिया बस वो ही जीना तो वास्तव मे जीना हुआ।

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  2. "उम्र की दराज" - बहुत सुन्दर शब्द प्रयोग

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  3. darasal mein mohabbat mein saude hee nahee hote
    umr ke har padaav mein premee dil-o-dimaag mein saath hote

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  4. hmm कुछ सौदों में घाटे और लाभ का सोचना ही नहीं चाहिए...बढ़िया रचना.

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  5. आज कविता पर कोई टिप्पड़ी नहीं आज तो वंदना जी से डांट खानी है मुझे ...पता है कित्ते दिन बाद आया हूँ यहाँ
    देख लो वंदना जी अगर आपने कुछ कहा नहीं तो झगरा हो जायेगा पक्का
    एक बात पक्की है की अब आता रहूँगा !!

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    1. जब आपने कह ही दिया है आनन्द जी तो फिर झगडा कैसा?

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  6. जिंदगी का वो सफ़ा
    जहाँ मोहब्बत ने मोहब्बत को
    जिया था कुछ लम्हा उसके बाद न उसके पहले
    उम्र का कोई निशाँ मिला
    ...
    कैसे रोकूँ खुद को टिप्पड़ी करने से वाह !
    पता नही जहाँ भी मोहब्बत कि बात होती है में अनायास ही पहुँच जाता हूँ ! :)

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    1. मोहब्बत करने वाले ही तो मोहब्बत भरे दिलों की बात समझते हैं आनन्द जी :)))

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  7. नहीं जी कुछ पक्के सौदे भी पक्के कच्चे क्या सौदे तो सभी घटे के ही होते हैं|

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  8. लेकिन सौदे के पक्के होने न होने की जांच कैसे करें जी बडी दुविधा आन खडी हुई । फ़ौरन ही शंका निवारण किया जाए ।

    हमेशा की तरह दिल से निकल कर दिल तक पहुंचने वाले शब्द । आभार दोस्त

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    1. बस एक बार दिल मे झांकिये अजय जी अगर जवाब आये तो समझियेगा सौदा घाटे का नही किया वरना तो उम्र गुजर जाती है जवाब के इंतज़ार मे………

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  9. वाह क्या बात कही है ..बहुत खूबसूरत भाव .

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  10. शायद तभी पक्‍के सौदे घाटे के नहीं होते ..
    बहुत ही बढि़या अभिव्‍यक्ति ।

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  11. बेशक, पक्के सौदे घाटे के नहीं होते, सुंदर दृष्टांत..

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  12. निश्चित रूप से घाटे के नहीं होते , अच्छी अभिव्यक्ति

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  13. सच कहा, पक्‍के सौदे घाटे के नहीं होते।
    सुंदर रचना। गहरे भाव।

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  14. सौदा तो पक्का किया था ,
    वादा ही कच्चा निकला |

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  15. प्यार के चंद पलों में ही होती है पूरी ज़िंदगी ....

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  16. वे पल इस उम्र के सबसे बहुमूल्य पल और जीवन के धरोहर होते हें. बहुत सुंदर लिखा.

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया