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शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

अंकुरण की संभावना हर बीज मे होती है

लगता है मुझे
कभी कभी डरना चाहिये
क्योंकि डर मे एक
गुंजाइश छुपी होती है
सारे पासे पलटने की…
डर का कीडा अपनी
कुलबुलाहट से
सारी दिशाओं मे
देखने को मज़बूर कर देता है
फिर कोई भी पैंतरा
कोई भी चेतावनी
कोई भी सब्ज़बाग
सामने वाले का काम नही आता
क्योंकि
डर पैदा कर देता है
एक सजगता
एक विचार बोध
एक युक्तिपूर्ण तर्कसंगत दिशा
जो कभी कभी
डर से आगे जीत है
का संदेश दे जाती है
हौसलों मे परवाज़ भर जाती है
डर डर के जीना नही
बल्कि डर को हथियार बनाकर
तलवार बनाकर
सजगता की धार पर चलना ही
डर के प्रति आशंकित सोच को बदलता है
और एक नयी दिशा देता है
कि
एक अंश तक डर भी हौसलों को बुलन्दी देता है
क्योंकि
अंकुरण की संभावना हर बीज मे होती है
बशर्ते उसका सही उपयोग हो
फिर चाहे डर रूपी रावण हो या डर से आँख मिलाते राम
जीत तो सिर्फ़ सत्य की होती है
और हर सत्य हर डर से परे होता है
क्योंकि
डर की परछाईं तले
तब सजगता से युक्तिपूर्ण दिशा मे विचारबोध होता है
और रास्ता निर्बाध तय होता है………
अब डर को कौन कैसे प्रयोग करता है
ये तो प्रयोग करने वाले की क्षमता पर निर्भर करता है………

15 टिप्‍पणियां:


  1. अब डर को कौन कैसे प्रयोग करता है
    ये तो प्रयोग करने वाले की क्षमता पर निर्भर करता है………
    बिलकुल सही !!

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  2. एक अंश तक डर भी हौसलों को बुलंदी देता है
    क्योंकि अंकुरण की संभावना हर बीज रहती है।

    बिल्कुल सही कहा आपने,
    बहुत बढिया

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  3. भय ना हो तो बंद दरवाज़े दिल दिमाग के नहीं खुलते

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  4. डर का अति सुंदर विश्लेषण...जो डर सजग करदे वह तो वांछनीय ही है..

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  5. डर हरेक को लगता है पर कौन इसको हटा कर अपने हौसले बुलंद करता है और कौन नही यही हार जीत तय करता है ।

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  6. हर विचार, हर परिस्थिति संभावना लिये है।

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  7. आप लाज़वाब लिखती हैं वंदना जी,आपकी बहुत सी रचनाओं को पढ़ा,आपने जीवन के हर पहलू को छूने का खूबसूरत प्रयास किया है आपसे बात करने को आपसे मिलने को मान विचलित हो पड़ा,तो मेरे फेसबुक पर कृपया अपना नंबर बता दीजिए,मेरे ब्लॉग में जाते ही आप को फेसबुक पेज मिलेगा

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  8. डर से गर हौसला बढ़ता है तो स्वीकार्य है .... सुंदर विश्लेषण

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  9. डर से जित का रास्ता खुल गया....
    बहुत बेहतरीन रचना..
    :-)

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  10. क्योंकि डर मे एक
    गुंजाइश छुपी होती है
    सारे पासे पलटने की…
    डर का कीडा अपनी
    कुलबुलाहट से
    सारी दिशाओं मे
    देखने को मज़बूर कर देता है,really very nice

    जवाब देंहटाएं
  11. इस मन में जैसे विचार होंगे ,जीवन में उसी की छाया बनी रहेगी .....मन का डर ...एक भाव है जो हर किसी में व्याप्त रूप से अपने पैर पसरे हुए है

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