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मंगलवार, 1 जनवरी 2013

आज मैं फिर जी उठी हूँ

उम्मीदों की पुडिया 
हर बार बाँधी मैंने 
और रख दी आस की टोकरी में 
ये सोच अब की बार जरूर 
एक नया रंग भरेगी 
मगर आस की टोकरी
हमेशा सूखती रही 
और मुझमे एक चेतना का 
संचार करती रही 
और अब और नहीं , और नहीं 
बहुत हुआ ख्वाबों के महल सजाना 
अब मैंने हकीकत से है आँख मिलाना 
बस जिस दिन ये प्रण लिया 
मेरी उम्मीदों की बगिया का 
हर फूल खिल उठा 
जीवन का हर पल महक उठा 
बस यही तो मैंने खुद से वादा किया 
अब खुद लडूंगी अपनी लडाई 
अपने वजूद का अहसास कराऊंगी 
सबको ये बतलाऊंगी 
हाँ , मैंने खुद को बदल लिया है 
एक क्रांति का बीज खुद में बो दिया है 
जहाँ न कोई नर मादा हुआ है 
बस एक इंसानियत का तरु विकसित हुआ है 
जिसकी शाखों पर विश्वास के फूल खिले हैं 
जो इस वर्ष  कैसे चहक उठे हैं 
जिसका दिग्दर्शन उस पल हुआ है 
जब बच्चे से लेकर हर बड़ा 
मेरे संग खड़ा है और उसने माना  है 
हाँ .........मैं नारी हूँ बेशक 
पर भोग्या नहीं ...............
बस इस वर्ष मैंने मुझे ये तोहफा दिया है 
आज मैं फिर जी उठी हूँ  
नारी हूँ, भोग्या नहीं  ...........इस अद्भुत अहसास के साथ




ये रचना उस जज्बे को सलाम है जो आज नारी की अस्मिता के लिए लड़ रहे हैं 

27 टिप्‍पणियां:

  1. दिन तीन सौ पैसठ साल के,
    यों ऐसे निकल गए,
    मुट्ठी में बंद कुछ रेत-कण,
    ज्यों कहीं फिसल गए।
    कुछ आनंद, उमंग,उल्लास तो
    कुछ आकुल,विकल गए।
    दिन तीन सौ पैसठ साल के,
    यों ऐसे निकल गए।।
    शुभकामनाये और मंगलमय नववर्ष की दुआ !
    इस उम्मीद और आशा के साथ कि

    ऐसा होवे नए साल में,
    मिले न काला कहीं दाल में,
    जंगलराज ख़त्म हो जाए,
    गद्हे न घूमें शेर खाल में।

    दीप प्रज्वलित हो बुद्धि-ज्ञान का,
    प्राबल्य विनाश हो अभिमान का,
    बैठा न हो उलूक डाल-ड़ाल में,
    ऐसा होवे नए साल में।

    Wishing you all a very Happy & Prosperous New Year.

    May the year ahead be filled Good Health, Happiness and Peace !!!

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  2. वंदना जी हारकर क्रांतियाँ नहीं हुआ करती..............यही जज्बा बदलाव लता है ।

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  3. बहुत उम्दा.बेहतरीन श्रृजन,
    नब बर्ष (2013) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार
    जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
    ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
    इश्वर की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

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  4. शायद ऐसे दामिनी के विचार भी रहे हों ......?
    कब किसके साथ क्या घटित हो जाये किसको क्या पता ....

    फिर भी आशा का जरुरी है ....!!

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  5. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवार के चर्चा मंच पर ।।

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  6. प्रभावी लेखनी,
    नव वर्ष मंगलमय हो,
    बधाई !!

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  7. aapke jajbe ko bhi salam.. ... kyonki beshak ham dono ke vichar nahi milte par mujhe pata hai, aapka dil iss desh ke liye is samaj ke liye dharakta hai... aapko naman :)
    .
    सुना था इक्कीस दिसम्बर को धरती होगी खत्म
    पर पाँच दिन पहले ही दिखाया दरिंदों ने रूप क्रूरतम
    छलक गई आँखें, लगा इंतेहा है ये सितम
    फिर सोचा, चलो आया नया साल
    जो बिता, भूलो, रहें खुशहाल
    पर आ रही थी, अंतरात्मा की आवाज
    उस ज़िंदादिल युवती की कसम
    उसके दर्द और आहों की कसम
    हर ऐसे जिल्लत से गुजरने वाली
    नारी के आबरू की कसम
    जीवांदायिनी माँ की कसम, बहन की कसम
    दिल मे बसने वाली प्रेयसी की कसम
    उसे रखना तब तक याद
    जब तक उसके आँसू का मिले न हिसाब
    जब तक हर नारी न हो जाए सक्षम
    जब तक की हम स्त्री-पुरुष मे कोई न हो कम
    हम में न रहे अहम,
    मिल कर ऐसी सुंदर बगिया बनाएँगे हम !!!!
    नए वर्ष मे नए सोच के साथ शुभकामनायें.....
    .
    http://jindagikeerahen.blogspot.in/2012/12/blog-post_31.html#.UOLFUeRJOT8

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  8. @मुकेश शुक्रिया वैसे विचार तो किसी किसी मुद्दे पर नही मिलते बाकि हमारी दोस्ती और जज़्बा तो हमेशा एक सा ही है क्योंकि हम दोनो ही इस देश को उतना ही चाहते हैं जितना कोई भी भारतीय होने के नाते चाहता होगा।

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  9. इसी विश्‍वास और उम्‍मीद के साथ ...
    अनंत शुभकामनाएं

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  10. बेहतरीन रचना
    नववर्ष की हार्दिक बधाई !!

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  11. सच जब हकीकत से आंख मिलानी की पक्की सोच बन जाय तो फिर नेक इरादों पर कोई पानी नहीं फेर सकता ..
    बहुत बढ़िया प्रेरक रचना ..

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  12. मुझे घर भी बचाना है वतन को भी बचाना है... ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  13. नव वर्ष की समस्त शुभकामनाएं ...

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  14. बहुत प्रेरक प्रस्तुति । यही संकल्प हो .

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  15. बहुत ही खूबसूरत! नव वर्ष 2013 की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनायें!

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  16. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    दिनांक 3/1/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  17. नारी हूँ भोग्या नहीं ...." इसी सौच की महती आवश्यकता है

    बेहतरीन रचना

    बधाई स्वीकारें

    यहाँ पर आपका इंतजार रहेगाशहरे-हवस

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  18. जज्बा और विश्वास ही, करता हमें सफल ।
    जीवन सत्य का भाग है, नहीं ख्वाब के पल ।।

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  19. इस ज़ज्बे को सलाम! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

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  20. यह उत्साह कायम रहे !
    नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें !

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  21. हर प्यास में आस हो तो जीने में विश्वास आ जाता है।

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  22. बहुत प्यारी आस भरी अभिव्यक्ति...
    देर से सही, नववर्ष के लिए हमारी शुभकामनाएँ स्वीकारें..
    सस्नेह
    अनु

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अपने विचारो से हमे अवगत कराये……………… …आपके विचार हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं ………………………शुक्रिया