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मंगलवार, 26 मार्च 2013

कैसे मनाऊँ होली तुम बिन साजन

कैसे मनाऊँ होली तुम बिन साजन 
मन में तो तल्खियों के भंवर पड़े हैं 
जो शूल से उर में गड़े हैं 
तुम साथ हो फिर भी मन में फैली 
मीलों की दूरी कहो कैसे मिटाऊँ साजन 

जब से प्रीत तुमसे जुडी है 
मैंने अपना हर रंग तुम संग संजोया 
चाहे इक फांस मन में गडी है 
फिर भी तुम से ही लगन लगी है 
ये कैसे मेरी प्रीत का रंग है 
जो तुम पर ही अटक गया है 
मगर मन का टेसू तो सिसक गया है 
ना आह करता है न वाह करता है 
जिसमे होली का न कोई चिन्ह दीखता है 
फिर कहो तो साथ होते हुए भी 
कैसे मनाऊँ होली तुम बिन साजन 

रंगों की बहार उमड़ी है 
मगर मेरी होली दहक रही है 
शोलों का श्रृंगार करके 
तुम्हारी प्रीत को गोद में रखके 
होलिका सी जल रही है 
कहो तो जो बिखरा है रिश्ता 
कैसे उसे बचाऊँ साजन 

साथ होकर भी बिखरे पलों में 
कैसे मनाऊँ होली तुम बिन साजन 

13 टिप्‍पणियां:

  1. मिलन हमारा कर सके, खुशियों की बौछार.
    तभी सार्थक मानिए, होली का त्यौहार.

    होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  2. बहुत ही बढ़िया

    होली का पर्व आपको सपरिवार शुभ और मंगलमय हो!

    सादर

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  3. आज भी यह उधेड़बुन? पिचकारी तान लेने का वक्त है यह तो -
    रंगपर्व की बहुत बहुत शुभकामनाएं!

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  4. होली तुम बिन ..बहुत सुन्दर होली की शुभ कामनाएं

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  5. सच में गंभीर समस्या है।
    बहुत बहुत मुबारक हो होली

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  6. ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सब को सपरिवार होली ही हार्दिक शुभकामनाएँ !

    आज की ब्लॉग बुलेटिन हैप्पी होली - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  7. रंग संग जब भाव जगे, साथ पिया का माँगू मैं।

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  8. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  9. उत्तम प्रस्तुति :होली की शुभकामनायें
    latest post धर्म क्या है ?

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  10. होली पर सारी शिकायतें भुला कर बस रंग डालें...यही तो होली सिखाती है..

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