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शनिवार, 30 मार्च 2013

होती है "लाइफ़ आफ़्टर डैथ" भी

सुना था
लाइफ़ आफ़्टर डैथ के बारे में
मगर आज रु-ब-रु हो गया ………तुम्हारे जाने के बाद
ज़िन्दगी जैसे मज़ाक
और मौत जैसे उसकी खिलखिलाती आवाज़
गूँज रही है अब भी कानों में
भेद रही है परदों को
अट्टहास की प्रतिध्वनि
और मैं सोच में हूँ
क्या बदला ज़िन्दगी में मेरी
और तुम्हारी ………जब तुम नही हो कहीं नहीं
फिर भी आस पास हो मेरे
मेरे ख्यालों में ख्याल बनकर
तब आया समझ इस वाक्य का अर्थ
होती है "लाइफ़ आफ़्टर डैथ" भी  ……अगर कोई समझे तो!!!

22 टिप्‍पणियां:

  1. मगर आज रु-बरु हो गया ---------
    बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति.

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  2. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति....

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  3. सही कहा वंदना जी ...शारीरिक उपस्थिति न सही पर यादों में जो जीवित रहता ही है वह शख्स ... भावपूर्ण काविता!

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  4. कल दिनांक 31/03/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  5. मृत्यु के बाद भी यादें जीवंत रहकर उपस्थिति का अहसास कराती हैं..मार्मिक रचना..

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  6. ज़िन्दगी आत्मा की होती है,नश्वर है - तो होगी ही न हमेशा . मुक्तिविधाएँ तो एक प्रयोजन है श्रद्धांजली का और अपने उत्तरदायित्व से मुक्त होने का

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  7. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (31-03-2013) के चर्चा मंच 1200 पर भी होगी. सूचनार्थ

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  8. अगर ऐसा होता तो मरने के बाद भी जिंदगी बेहाल हो जाती ...मौत को तो सुकून लेने दो

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  9. लाइफ आफ्टर डेथ कोई मखौल नहीं सत्य है | बहुत सुनार प्रस्तुति | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  10. लाइफ आफ्टर डेथ कोई मखौल नहीं सत्य है | बहुत सुनार प्रस्तुति | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
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  11. एक बिलकुल ही नया नजरिया ...वाह क्या बात है !

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  12. मौत के बाद की जिंदगी ,जाने वाले की उपस्थिति का निरंतर एहसास और नहीं होने का गम ,रीता कर जाता है मन को । सुन्दर रचना है आपकी , बधाई ।

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  13. मौत के बाद की जिंदगी ,जाने वाले की उपस्थिति का निरंतर एहसास और नहीं होने का गम ,रीता कर जाता है मन को । सुन्दर रचना है आपकी , बधाई ।

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  14. maulik vichar..ek nayi tarah ki baat sochne par mazboor kar diya aapne..bahut bahut badhai.

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  15. किसी की उपस्थिति का एहसास ... हमेशा ... जीवन की माया नहीं तो क्या है ...
    बहुत खूब ...

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  16. बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!!
    पधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...

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