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रविवार, 10 फ़रवरी 2013

आखिरी लम्हों की मीठी यादों का सफ़र ………2013

आज हिन्द युग्म से प्रकाशित रश्मि प्रभा जी के संपादन में हमारी एक और किताब "नारी विमर्श के अर्थ " का विमोचन कवि उदभ्रांत जी के हाथों सम्पन्न हुआ जिस अवसर पर नारी शक्ति के रूप में ……मैं , अंजू चौधरी, रंजू भाटिया और सरस दरबारी मौजूद थे जिसने इस पल को सार्थक कर दिया और नारी विमर्श के वास्तविक अर्थ को साकार किया। कवि उदभ्रांत जी का हार्दिक आभार जो मुझे अचानक वहाँ मिले और सिर्फ़ एक बार कहने पर ही विमोचन के लिये तैयार हो गये और वक्त पर पहुँच भी गये । इतनी सौम्यता और अपनापन पाकर मैं तो अभिभूत हुयी जबकि उनसे पहली बार मिलना हुआ था । यूँ तो सात तारीख को "शब्दों की चहलकदमी" का विमोचन भी उन्हीं के हाथों सम्पन्न हुआ था मगर उस वक्त मैं उपस्थित नहीं रह सकी तो वो कमी भी आज पूरी हो गयी।






 ना जाने कितने दोस्तो से मु्लाकात हुयी जिन्हें हम उनके ब्लोग से तो जानते थे मगर रु-ब-रु कभी नहीं हुये थे आज पुस्तक मेले में गो संयोग भी बन गया । मेरे साथ खडे हैं कैलाश शर्मा जी, गीता पंडित जी, मोहिन्दर कुमार जी अपनी पत्नी के साथ …………जिनसे अब तक मिलना हुआ ही नहीं था




 राजीव तनेजा जी, गिरीश पंकज जी , शैलेश भारतवासी , गीता पंडित , और मनीष कुमार



अंजू और मुकेश कुमार सिन्हा के पुस्तक विमोचन में तो सबसे मिलना हो गया । सरस दरबारी , गुंजन श्रीवास्तव, महेन्द्र श्रीवास्तव, हरि शर्मा, रेखा श्री वास्तव, महफ़ूज़, सुनीता शानू, मीनाक्षी पंत, मीनाक्षी मिश्रा तिवारी, राघवेन्द्र श्रीवास्तव, नीता कोटेचा , नी्ता पोरवाल, अनुपमा त्रिपाठी,खुशदीप सहगल सपरिवार ना जाने कितने फ़ेसबुक और ब्लोग जगत के दोस्तों से मिलना हुआ जो अपने आप मे एक सु्खद अनुभव था जो हमारे सबके ज़ेहन मे हमेशा एक याद बनकर रहेगा

13 टिप्‍पणियां:

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक ने कहा…

सुंदर पत्रकरिता का एक नमूना.

Shalini kaushik ने कहा…

हार्दिक शुभकामनाएं संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग आप भी जाने अफ़रोज़ ,कसाब-कॉंग्रेस के गले की फांस

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आपको ढेरों शुभकामनायें।

shalini rastogi ने कहा…

aap sabhi ko hardik badhai...aapne to ghar baithe hi sabse bhent karva di...harik aabhaar!

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

बधाई जी।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

इस रौनक की बात ही अलग है .......

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बढ़िया रिपोर्ट .... बहुत बहुत बधाई

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

दिल्ली में रहते हुए कभी इतने सारे लोगों से एक साथ मुलाकात नहीं हो पाई थी।
सभी से मिलकर अच्छा लगा, सच कहूं तो ये दिन ही यादगार हो गया..

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

बधाई,हार्दिक शुभकामनाएं !

shikha varshney ने कहा…

बधाई बधाई ..ये रौनकें बनी रहें.

Rakesh Kumar ने कहा…

बधाई!!!
बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ वन्दना जी.

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

सबसे एक साथ मिलने का सुखद अहसास...उन पलों के हम सब साक्षी हैं

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपको ढेरों शुभकामनायें।