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रविवार, 7 जून 2009

तड़पता तो तू भी होगा

नींद तुझे भी न आती होगी
तू भी करवट बदलता होगा
मुझे खामोश करने वाले
तू कौन सा चैन से सोता होगा

दिल तो तेरा भी तड़पता होगा
आँख तो तेरी भी रोती होगी
मुझे बेवफा कहने वाले
तू कौन सा बफा निभाता होगा

कसक तो तेरे सीने में भी उठती होगी
मिलन को निगाह तरसती होगी
मुझे बेचैन करने वाले
तू कौन सा चैन से रहता होगा

क्या मुझे हर मोड़ पर ना ढूंढता होगा
मेरे निशां को तरसता होगा
मेरा नामोनिशां दिल से मिटाने वाले
क्या ख़ुद के निशां कहीं पाता होगा

16 टिप्‍पणियां:

सुशील छौक्कर ने कहा…

बहुत उम्दा। दर्द को मिले बेहतरीन शब्द।

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

बहुत ही उम्दा रचना .

शैलन्द्र झा ने कहा…

vandana ji vaise main kavita likh nahi pata , gadhya par haath saaf karne ki koshish me laga hoon,par 1 chij kehna hai k aapne bhavon k saghan hone se pehle hi unhe shabdon me utaar diya.yadi aap soch ko thoda waqt deti to kavita shaandar hoti.lage rahiye.meri or se shubhkamnayen

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

काँटों में पलना जिनकी,
किस्मत का लेखा है।
फिर भी उनको,
खिलते-मुस्काते हमने देखा है।।
कड़ी घूप हो सरदी या,
बारिस से मौसम गीला हो।
पर गुलाब हँसता ही रहता,
चाहे काला, पीला हो।।
ये उपवन में हँसकर,
भँवरों के मन को बहलाते है।
दुख में कभी न विचलित होना,
सुमन हमें सिखलाते है।।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

काँटों में पलना जिनकी किस्मत का लेखा है।
फिर भी उनको खिलते-मुस्काते हमने देखा है।।
कड़ी घूप हो सरदी या, बारिस से मौसम गीला हो।
पर गुलाब हँसता ही रहता, चाहे काला पीला हो।।
ये उपवन में हँसकर, भँवरों के मन को बहलाते है।
दुख में कभी न विचलित होना, सुमन हमें सिखलाते है।।

Vinay ने कहा…

बहुत ख़ूब, बहुत ही बढ़िया

Sajal Ehsaas ने कहा…

rachna strong hai,emotions kaafi intense hai...asar hota hai...

pehle para ki akhiri line shayad sateek nahi hai...baaki rachna bahut umda :)

वीनस केसरी ने कहा…

आपको पढ़ कर मुझे मेरी प्रारंभिक रचनायों की याद आ गई
वीनस केसरी

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

mujhe bechain karne wale tu kaun sa chain se sota hoga.

wah vandana ji, bahut khoob,

Prem Farukhabadi ने कहा…

वियोगी भावों से भरी रचना दिलके करीब से गुजर जाती है.
सराहनीय है.

satish kundan ने कहा…

तड़पता तो तू भी होगा....वंदना जी आपकी रचना के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं है ...दिल में एक तूफ़ान सा उठा गई आपकी रचना......

!!अक्षय-मन!! ने कहा…

क्या बात है...बिलकुल सही जवाब दिया है......
तड़प तो दोनों को होती है.......
बहुत ही अच्छी रचना ........

अक्षय-मन

sada ने कहा…

बहुत ही अच्‍छी रचना

vijay kumar sappatti ने कहा…

vandana ,

bahut gahri aur virah ke shades liye hue hai ye kavita .. man me gahari jagah bana gayi hai ...

badhai

M Verma ने कहा…

bahut sunder bhav.

deepak sharma ने कहा…

bahut umda.....
dil ke dard ko bahout achi tarah vayan kiya hai aap ne
http://apanajunction.blogspot.com