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शनिवार, 13 फ़रवरी 2010

फूलझड़ी

वैलेंटाइन के बहाने से चैट पर
आशिकी झाड़ने वालों
बच के रहना
जिस दिन कोई
सिरफिरी टकरा जाएगी
आशिकी की सारी
भूतनियाँ उतार जाएगी
जेब के पैसे जब
डकार जाएगी
तब घरवाली भी
हाथ से निकल जाएगी
वैलेन्टाइन की माला
जपने वाले एक बार में ही

तेरा वैलेन्टाइन मना जाएगी
फिर हर औरत में तुम्हें
माँ , बहन ही नज़र आएगी
तेरी आशिकी की फूलझड़ी में
कंगाली का बम लगा जाएगी
इस बार की होली में
अपनी दिवाली और
तेरा दिवाला निकाल जाएगी

32 टिप्‍पणियां:

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

वन्‍दना जी, क्‍यों जूत भिगो रही हैं? आप तो होली का ही इंतजार कीजिए।

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) ने कहा…

हाँ हाँ हाँ मेरा तो हस्ते हुए बुरा हाल है क्या बात है बहुत खूब लिखा है आप ने ,,,
तेरी आशिकी की फूलझड़ी में
कंगाली का बम लगा जाएगी
इस बार की होली में
अपनी दिवाली और
तेरा दिवाला निकाल जाएगी
हाँ बहुत जबरदस्त
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084

Rohit Singh ने कहा…

हा हा वाह क्या सरल शब्दों मे बखिया उधेड़ी है....

दीपक 'मशाल' ने कहा…

कुछ पता नहीं चल रहा.. आप कविता कह रही हैं... समझा रही हैं..हड़का रही हैं या फिर परिष्कृत तरीके से गाली दे रही हैं.. :)
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...

Mithilesh dubey ने कहा…

बात तो आपने बड़े पते की है ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जिस दिन कोई
सिरफिरी टकरा जाएगी
आशिकी की सारी
भूतनियाँ उतार जाएगी
..............

इस बार की होली में
अपनी दिवाली और
तेरा दिवाला निकाल जाएगी

bahut badhiya.
happy valentine.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बन्दना जी!
"क्‍यों जूत भिगो रही हैं?"
अरे...! श्रीमती अजित गुप्ता जी ने सभी कुछ तो कह दिया है!

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

very very good..

happy v-day to you!

निर्मला कपिला ने कहा…

हा हा हा बहुत ब्बडिया ये जूते सही मे काम के हैं शुभकामनायें

Arvind Mishra ने कहा…

अरे इतना गुस्सा भी ठीक नहीं है प्रेम दिवस पर

Yashwant Mehta "Yash" ने कहा…

हंस हंस कर लोट-पोट हो गया
सलाह काम आयेगी सिरफ़िरों के

Randhir Singh Suman ने कहा…

भूतनियाँ उतार जाएगी.nice

M VERMA ने कहा…

चैट पर लगता नहीं वैट
और फिर चैट करने वाले भी तो नही हैं रैट
दो चार पड़ जायेंगे तो भी तो क्या होगा

Udan Tashtari ने कहा…

ये तो खुले आम धमकाया जा रहा है..हा हा!!

:)

के सी ने कहा…

पहली चार पंक्तियों ने भी वह आनंद दिया कि आगे का बयां करना मुश्किल है. चेहरे पर मुस्कान है अभी तक.

मनोज कुमार ने कहा…

संवेदनशील रचना। बधाई।

पंकज मिश्रा ने कहा…

शानदार। शानदार। शानदार। शानदार। शानदार। शानदार। शानदार।
बस और कुछ नहीं।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

आपने तो सूखे पानी में ....चप्पल भिगो भिगो कर मारा है....

rashmi ravija ने कहा…

हाहाहा...मजा आ गया...हँसते हँसते बुरा हाल है...बहुतों को बचा लिया,आपने इस कविता के माध्यम से....शुक्रगुजार होंगे,आपके..

आकाँक्षा गर्ग ( Akanksha Garg ) ने कहा…

हाहाहा क्या बात कही आपने मज़ा आ गया
कितने बेचारे लोग बच गए भिगो भिगो के लगाया है
होली दीवाली प्रेम दिवस सब एक साथ :)

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

क्या अनोखे अंदाज़ में वंदना जी ने वेलेन्टाईन डे पर सबके सामने अपनी बात रखी है...
अब जिसको जिस ढंग और जिस दृष्टिकोण से देखना / सोचना या नुभव करना हैं करते रहो
और वंदना जी को "भला" - " बुरा " कहते रहो
मैं तो उनकी "बोल्डनेस" की तारीफ़ करूँगा .
- विजय तिवारी "किसलय"

बेनामी ने कहा…

mujhe link bhej kar bulvaaya
shukriyaa

naam daetee to aur bhi achcha hotaa

Renu Sharma ने कहा…

hi
vanadana ji
namaskar
wah ji wah , kya baat hai , lagata hai aapane to kamar kas li hai.
good .
bahut achchha likha hai.

कुलवंत हैप्पी ने कहा…

सीधी सपाट बात। बेबाक काव्य बहुत अच्छा लगा। सचमच अच्छा लगा। आपका ब्लॉग http://blogwood.feedcluster.com/ में शामिल कर दिया गया है। अगर अन्य ब्लॉग हो तो वो खुद एड करें।

Narendra Vyas ने कहा…

वाह जी वाह! क्या खूब सलाह दी है आपने सरफिरे आशिकों के लिये, जो इस पवित्र दिवस को बदनाम करते है.......वो कहते हैं ना कि कि ’’वन्दना जी का है अन्दाज-ए- बयाँ-और।’’.....अच्छी अभिव्यक्ति!! आभार!!

limty khare ने कहा…

badhai jabardast likha hai badhut he badiya

sadar

मोहन वशिष्‍ठ ने कहा…

wah ji wah bahut khub behatrin likha hai aapne aur ab to hume bhi kisi se bhi chat karni band karni padegi kya pata aur kaun kaun bhi yehi sab soch len

बखिया उधेड़ achchi lagi

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

wah vandana ji, mazedar, chatkharedaar, lagta ab to bhoot bhaga hi samjho.

Apanatva ने कहा…

ha ha ha ha ...........

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

वंदना जी, आदाब
कविता के माध्यम से अच्छी नसीहत है.

अजय कुमार ने कहा…

सलाह अच्छा है , सच्चा है

दिगम्बर नासवा ने कहा…

हास्य के साथ साथ आज के मनचलों को अच्छा संदेश दिया है आपने ...... लाजवाब रचना ...