यादों की कहानी
यादों के फ़साने
हर दिल ने गाये
हर दिलजले ने
जीने का सबब बनाया
यादों का ही
कफ़न सजाया
किसी ने खुद को
नशे में डुबाया
तो किसी ने
ज़िन्दगी को
कर्मभूमि बनाया
मगर यादों से
कभी बच ना पाया
दिल-ओ-दिमाग को
यादों की गिरफ्त से
ना कोई छुड़ा पाया
और कभी कोई ना
ढूंढ पाया
यादों का विकल्प
चाहे कितना ही
अंधेरों में छुपाया
दिल की तहों में
लाख दबाया
मगर फिर भी
कोई ना कोई याद
किसी ना किसी
कोने से कब , कैसे
दस्तक दे ही जाती है
फिर यादों को
कहाँ दफ़न करे कोई
और कैसे
यादों के विकल्प
ढूंढें कोई
20 टिप्पणियां:
किसी ना किसी
कोने से कब , कैसे
दस्तक दे ही जाती है
फिर यादों को
कहाँ दफ़न करे कोई
और कैसे
यादों के विकल्प
ढूंढें कोई
बहुत सुन्दर कविता....यादों का विकल्प तो सच कोई नहीं....
अगले संचयन की तैयारी शुरू है...................'अनुगूँज
भावनात्मक, समसामयिक, प्रेरणात्मक रचनाएँ..........४ से ५ रचनाएँ.........४ हज़ार की राशि देय होगी. कवितायेँ अधिक लीं या
पृष्ठ संख्या अधिक हुई तो उसके हिसाब से राशि बढ़ सकती है.............
फिलहाल रचनाएँ, परिचय , तस्वीर..............राशि अंत में
यदि आप शामिल होना चाहते तो संपर्क करें
yaadon ka koi vikalp hota bhi nahin , shabd to bas sahchar hote hain
sunder rachna hai
bahut khub
suder rachna hai
bahut khub
बहुत सुंदर रचना है जी ..वंदना जी शुभकामनाएं लिखते रहिए ..
अजय कुमार झा
wow achi rachan he
aap ko badhai
yado ki kagani kado ka fasana
bahut achi lagi
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
aadrniya yaadon ka kuch thik nhin hota yeh maashuq ki trah bevfa nhin hotin yeh aati hen to bus hmeshan saath rehkr saath nibhaati hen so yeh sbse zyaada vfaadaar hoti hen nan aapki kvita bhut khub thi aapne gaagar men saager bhra he yaadon ke nye frsfe ko janam diya he aapko iske liyen bhut bhut badhaai ho. akhtar khan akela kota rajasthan
यादें तो अनमोल धरोहर है!
कभी-कभी ये तड़पाती हैं
और कभी-कभी जीने की प्रेरणा दे जाती हैं!
Bahut sundar bhawnatmak kavita hai....sach puchiye to Insaan ko Yaadon ki wajah se tadapna bhi padhta hai...par aksar yadon ka hi sahara hota hai...yadon ke bina Zindagi shayad bemani ho jaye.
बहुत सुन्दर रचना .....यादें जो हमेशा साथ रहेती है ......
कोई ना कोई याद
किसी ना किसी
कोने से कब , कैसे
दस्तक दे ही जाती है
यादें न जाने किस मिट्टी के बने होते हैं अनचाहे ही आ जाते हैं
सुन्दर एहसास
nice
बहुत खूबसूरती से लिखा है यादों का फ़साना ....यादें ही जीवन कि धरोहर होती हैं...बहुत खूब
यादों का विकल्प .... बस इक ये चीज़ ही तो है दिल के मारों के पास ... वो भी न हो तो कैसे कोई जिएगा ...
बहुत अच्छा लिखा है आपने .....
...सुन्दर रचना!!
किसी ना किसी
कोने से कब , कैसे
दस्तक दे ही जाती है
फिर यादों को
कहाँ दफ़न करे कोई
और कैसे
यादों के विकल्प
ढूंढें कोई
बहुत खूब.....!!
यादें हँसाती है रुलाती है बस विकल्प ही नही होता उनका। बहुत खूब।
दिल को छू जाने वाली रचनाएँ हैं आपकी वंदना जी। चाह कर भी नहीं रोक पाया तारीफ करने से।
लहरों की तरह यादें, दिल से टकराती हैं, तूफान उठाती है, लहरों की तरह यादें ...
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