आज मै दस की हो ली
अब ग्यारहवें वर्ष में
प्रवेश किया है
चाहती हूँ आप सभी
इस आने वाले
मेरे दशक में
मेरे साथी बनें
ये मेरे जीवन का
एक बहुत ही
उन्नत काल है
यहीं से तो मुझे
दिशा मिलेगी
और इसी में
मोहब्बत भी
परवान चढ़ेगी
देखो मुझे
संभाल लेना
बहकने मत देना
आप सबकी
छोटी सी प्यारी सी
नटखट सी
गुडिया हूँ
बचपन और यौवन
की संधि का वय: काल
हर नव - यौवना के
जीवन का सबसे
नाज़ुक और अहम्
काल होता है
मुझे यौवन की
दहलीज पर
फिसलने मत देना
मुझ संग
सहयोग करना
फिर कल तुम्हारा
और मेरा
दोनों का
सँवर जायेगा
ज़िन्दगी को इक
दिशा दे जायेगा
आने वाल कल
रौशन हो जायेगा
मेरा ख्याल रखना
फिर तुम्हारा भी
भविष्य खुशहाल
हो जायेगा
ज़िन्दगी को
फूलों सा महका जायेगा
देखो ना.............
मैं २१ वीं सदी हूँ
मगर अभी तो
बच्ची हूँ
शैशवावस्था में हूँ ..........
दोस्तों ,
नववर्ष की ये नयी सुबह आप सबके जीवन में खुशियाँ , सुख और समृद्धि लेकर आये .......... आपके और आपके परिवार के लिए नव वर्ष मंगलमय हो.आपका लेखन और उन्नत हो .
40 टिप्पणियां:
वाह! मज़ा आ गया इस कविता को पढ़ कर.
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
सादर
बहुत ही सुन्दर शब्दों में व्यक्त किया है आपने इक्कीसवी सदी की शैशवावस्था को ...बधाई इस सुन्दर सी अभिव्यक्ति के लिये ।
नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ ...।
बहुत सुन्दर पोस्ट लगाई है आपने!
आपकी दस नम्बरी की डिग्री हट गई है!
अब आप ग्यारह नम्बरी हो गई हो!
--
आपका पोस्ट लिखने का आइडिया और थीम मन मोह लेता है!
--
नव वर्ष की मंगलकामनाएँ!
बहुत अच्छी रचना इक्कीसवी सदी की ...
नव वर्ष की शुभकामनाये
सुंदर प्रस्तुति. ....... नये वर्ष की शुभकामनाये.
सुंदर प्रस्तुतिकरण..नया साल मुबारक हो।
वंदना जी,
२१ वीं सदी का बहुत ही सुन्दर चित्र आपनें उकेरा है.कविता में समाहित भावनाएं सुन्दर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती हैं !
आपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
नव वर्ष पर आपको शुभकामनाएं ! भहुत सुन्दर कविता ! इस उम्र में लाज़मी है उचित मार्गदर्शन मिले !
बहुत ही सुन्दर...
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
बहुत सुन्दर !
आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना ! भगवान् से प्रार्थना है कि नया साल आप सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!
नववर्ष की एक नए तरह की कविता ....बहुत अच्छी लगी...
२१ वीं सदी की इस नाज़ुक, अल्हड सुकुमारी कन्या को हमारा सस्नेह......
नव वर्ष सबों को समस्त अभीष्ट प्राप्ति की सामर्थ्य तथा शुभ-मात्र की एषणा के विवेक से परिपूर्ण रखे.
हार्दिक शुभकामनाएँ.
के एस एस कन्हैया बोकारो
http://ksskanhaiya.blogspot.com/
बहुत सुन्दर रचना...बधाई...
नव वर्ष की शुभ कामनाएं...
नीरज
आप को ओर आप के परिवार को इस नये वर्ष की शुभकामनाऎं
ikkisvin sadi hoon;
sundar abhvyakti...
naya saal mubarak ho .
नया दृष्टिकोण अच्छा है
लो जी बन गया आपका साथी, आपको नव वर्ष की बहुत-बहुत बधाई ।
बिल्कुल नए कंसेप्ट लेकर आई हैं आप! अद्भुत!! सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
साल ग्यारह आ गया है!
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
सुन्दर आशा. वाह...
नववर्ष आपको शुभ व मंगलमय हो । शूभकांनाएँ.
नववर्ष की शुभकामनायें।
नव वर्ष 2011 की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं.
नववर्ष में हमें करना है – एक ‘संकल्प’;
खेलेंगे जरूर ‘खेल जिंदगी का’ क्योकि ,
नहीं है कोई इसका – ‘विकल्प’.
कोई फर्क नहीं पड़ता यहाँ– ‘जर्सी का’
वह लाल हो या पीली, हरी हो या नीली.
वह अध्यात्म की हो, या विज्ञान की ,
किसी संतरी की हो या किसी मंत्री की.
यहाँ शर्त बस एक ही है, बस एकही
खुला रखेंगे दरवाजा - ‘बुद्धि का’,
झरोखा ‘ज्ञान का’, खिड़की ‘विवेक की ’.
नहीं होगा वहाँ कोई ‘झीना’ पर्दा भी ;
किसी ‘भ्रम का’,‘विभ्रम का’,‘लोभ का’…
नववर्ष में हमें करना है – एक ‘संकल्प’;
खेलेंगे जरूर ‘खेल जिंदगी का’ क्योकि ,
नहीं है कोई इसका – ‘विकल्प’.
कोई फर्क नहीं पड़ता यहाँ– ‘जर्सी का’
वह लाल हो या पीली, हरी हो या नीली.
वह अध्यात्म की हो, या विज्ञान की ,
किसी संतरी की हो या किसी मंत्री की.
यहाँ शर्त बस एक ही है, बस एकही
खुला रखेंगे दरवाजा - ‘बुद्धि का’,
झरोखा ‘ज्ञान का’, खिड़की ‘विवेक की ’.
नहीं होगा वहाँ कोई ‘झीना’ पर्दा भी ;
किसी ‘भ्रम का’,‘विभ्रम का’,‘लोभ का’…
सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े .
नव - वर्ष २०११ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
21 का 11 मुबारक हो।
आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।
कविता में शताब्दी का मानवीकरण अच्छा लगा।
अनूठे अंदाज़ की कविता के लिए बधाई।
नव वर्ष, नव दशक मंगलमय हो।
इस कविता में नयापन नजर आया।
अच्छी कविता... वाह वाह
नववर्ष की शुभकामनाएं स्वीकारें
शताब्दी के शैशावस्था और इस से जुडी आशाओं, भावनाओं का सुन्दर शब्द दिए हैं आपने.. सुन्दर कविता... ११ का यह वर्ष खूब सपने देखे.. वे सपने पूरे भी हों.. यही कामना है..
kuch kadam maine liye kuch aapne ... naya saal adiyaan uchka raha aur hum uski baaten sun rahe samajh rahe ...
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ....
नवीनता लिए कविता बधाई |
नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
आशा
सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.
नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ ...।
सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.
नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ ...।
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
बहुत खूब ...काश ये जीवन भी बच्चा ही रहे ,.... उम्र आगे न बढ़े .......
वंदना जी ... २०११ में आप नयी नयी उँचाइयाँ छुवें ... आपको और परिवार में सभी को नाव वर्ष मंगलमय हो ...
बहुत नई सोच है आओ मिल कर इसे सहेजें आपको व आपके परिवार को सार्थक लेखन व नव वर्ष कि मंगल कामनाएं
बड़े नायाब तरीक़े से और नायब कविता से नए साल का आगाज़ किया आपने.लगता है की आप कविता पर research कर रही हैं ,आजकल आपकी कविता कुछ ऐसी हो रही है. नए वर्ष की हार्दिक बधाई.
नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।
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