दोस्तों
आज आप सबके लिए एक खुशखबरी लेकर आई हूँ.........अब से हर महीने आपके बेशकीमती ब्लोगों पर आपके विचारों को प्रवासी भारतीयों की मैगजीन गर्भनाल पत्रिका में उतारने का मौका मुझे मिला है जिसका पहला अंक प्रकाशित हो गया है. आपके ब्लोग्स की चर्चा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है . अपने निजी कारणों से चर्चा मंच पर चर्चा करना छोड़ा तो यहाँ पकड़ ली गयी और आदरणीय आत्माराम जी ने मुझे महीने में एक बार ब्लोग्स की चर्चा के लिए आमंत्रित किया तो न नहीं कह सकी और इतना वक्त तो निकाल ही सकती हूँ कि महीने में एक बार तो आप सबसे जुडी रहूँ और आप सबके ब्लोग्स को न केवल ब्लॉगजगत तक ही बल्कि देश- विदेश तक पहुँचाने में अपना योगदान दे सकूं जिससे और भी ज्यादा से ज्यादा लोग ब्लोगिंग की तरफ आकर्षित हो सकें और हमारी ब्लोगिंग नए- नए आयामों को छूती रहे.
लगता है चर्चा से एक अटूट नाता जुड़ गया है जिसे अगर छोड़ना भी चाहूँ तो नहीं छोड़ सकती .
इस बार के अक्टूबर माह की गर्भनाल पत्रिका में आप सबके ब्लोग्स का जिक्र हुआ है और जिनके रह गए हैं उनके आगामी माह में आते रहेंगे इसलिए निराश होने की जरूरत नहीं है. बस सिर्फ इतना करना है जो लिंक दे रही हूँ या तो उस पर क्लिक करके पेज १७ पर पढ़ लीजिये या फिर चाहें तो आप ये पत्रिका भी मँगा सकते हैं उसका पता भी दे रही हूँ.
https://mail-attachment.googleusercontent.com/attachment?ui=2&ik=83ac09a125&view=att&th=132b8e47252d686f&attid=0.1&disp=inline&realattid=2959bf5d634d8e0e_0.1&safe=1&zw&saduie=AG9B_P-sqdOOtE1oq5h2pgM3cTYR&sadet=1317374484640&sads=6_z4-bB054OIVBr2oWNUSYdo3I4&sadssc=१
अगर ये लिंक न खुले तो इसे कॉपी करके अलग से एड्रेस बार में पेस्ट करके खोल लीजियेगा आराम से खुल जायेगा. या फिर कमेन्ट पर जब आप क्लिक करके खोलेंगे तो वहां से मूल पोस्ट को क्लिक करिये और वहाँ से आप लिंक कापी कर लीजिये और अलग से एड्रेस बार में पेस्ट करके खोल लीजिये ।
अगर ये लिंक न खुले तो इसे कॉपी करके अलग से एड्रेस बार में पेस्ट करके खोल लीजियेगा आराम से खुल जायेगा. या फिर कमेन्ट पर जब आप क्लिक करके खोलेंगे तो वहां से मूल पोस्ट को क्लिक करिये और वहाँ से आप लिंक कापी कर लीजिये और अलग से एड्रेस बार में पेस्ट करके खोल लीजिये ।
कुछ दोस्त शिकायत कर रहे हैं कि ये लिंक नहीं खुल रहा तो आप इसे http://garbhanal.com/ से डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं.
http://www.garbhanal.com/ Garbhanal%2059.pdf
ये सबसे आसान लिंक है जो आसानी से खुल जायेगा मुझे दीपक मशाल जी ने उपलब्ध करवाया है.
http://www.garbhanal.com/
पता ये है :
DXE23,MEENAL RESIDENCY
J . K. ROAD
BHOPAL------462023
MADHYA PRADESH
BHARAT
MOBILE: 8989015017
EMAIL: garbhnal@ymail.com
उम्मीद है आप सबका सहयोग मुझे और पत्रिका को मिलता रहेगा .
35 टिप्पणियां:
आप ने तो सच मुच कमल कर दिए है बहुत अच्छा
लगा की आप ब्लॉग जगत को देश मे करो और फेलाने का
बधाई
link to nahi open ho raha, par ye sach hai, blog jagat me aapka jabab nahi !! bloggers ke liye to aap lady don ho:)
arre majak me kaha, :)
aapka har blog pe najar rakhna aur unko charcha me shamil karna sabko sayad yaad hoga............chaliye ab aapke bahane se print media me aaane ka mauka milega...badhai:):)
बधाई ..आपको बहुत बहुत ..पर पढ़ नहीं पा रही हूँ ..ओपन करते ही एरर शो करने लगता है लिंक या पी सी हेंग हो जाता है ..यदि हो सके तो आप कॉपी पेस्ट कर के मुझे मेरे मेल आई डी पर भेज दे ....एक बार फिर से बहुत बहुत बधाई ...ब्लॉग समीक्षा वाकई बहुत जिम्मेवारी का और रोचक कार्य है ..मुझे भी हिंदी मिडिया के साथ कई ब्लॉग पर लिखने का अवसर मिला :)
thankyou so much vandna...:)
really yeh bahut achchi khabar hai.bahut sarahniye kam kar rahi hain aap.yeh link nahi khul raha copy bhi nahi ho raha hai.
बहुत सुंदर तरीके से आपने चर्चा की है। अच्छा लगा।
Vandana ji abhi abhi main garbhnaal ko padhne me kamyab ho paai.apne vishay me padha bahut bahut khushi hui haardik aabhari hoon aapki jo mere liye aapne itne achche shabd kahe.really i am very very thankful to you.
बहुत-बहुत बधाई ..के साथ शुभकामनाएं इस चर्चा के लिए ..।
पढने में सक्षम हो सका ||
आभार ||
उच्च-स्तरीय पत्रिका ||
बेहतरीन पेशकश ||
शुक्रिया ||
वन्दनाजी, बधाई आपको। एक अच्छी और प्रतिष्ठित पत्रिका में नियमित लेखन के लिए।
लिंक खुल ही नहीं रहा वंदना जी.
मैं तो निपट अनाडी हूँ.
आप ही रास्ता सुझाये लिंक खुलवाने का.
लिंक खुल ही नहीं रहा वंदना जी.
मैं तो निपट अनाडी हूँ.
आप ही रास्ता सुझाये लिंक खुलवाने का.
बढ़िया प्रयास| आभार|
बढ़िया
बधाई व शुभकामनाएं
पीडीएफ में यह पृष्ठ संख्या 19 है
बहुत-बहुत बधाई ..के साथ शुभकामनाएं इस चर्चा के लिए ..........
वंदना जी ...वंदना जी .... वंदना जी.... बड़ी तिकड़म लगा के 'गर्भनाल ' में पहुची...आपने जितने यत्न सुझाये , वो सब लगाने पड़े ...पर पहुँच गयी ... सबसे पहले तो बधाई इस पत्रिका से जुड़ने की .... आपकी वजह से ही इस पत्रिका के दर्शन हुए ....अभी तक तो इसके अस्तित्व का ही पता नहीं था .... मुझे ये पत्रिका इतनी अच्छी लगी की मैंने इसे फवोरिट्स में डाल लिया है .... इसमे बहुत कुछ है पढने के लिये ...
बहुत रोचक ढंग से आपने ब्लोगर्स के बारे में लिखा है ....एक नज़र में पता चल जाता है की कौन किस तरेह का या किस विषय में लिख रहा है .... बीच बीच में ग्रे बेक-ग्राउंड पर जो फोंट्स का इस्तमाल हुआ है वो बहुत सुंदर हैं ...तो जानना चाहूंगी की ये कौन से फोंट्स हैं ...... अंत में बहुत सारा धन्यवाद आपने मुझे इस काबिल
समझा की मेरे ब्लॉग की चर्चा हो .....
खुले या न खुले , लेकिन अच्छी खबर है । बधाई ।
बहुत बहुत बधाई
bahut-bahut badhyee aur shubhkamnayen......
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !
badhaai ho ... aapne badee hi khoobsurti se parichay diya hai...
फिलहाल तो यह लिंक नहीं खुल पाई है किन्तु आपके द्वारा संग्रहणीय गुलदस्ते में इस और खुशबूदार फूल की अतिरिक्त मौजूदगी हेतु बधाई व शुभकामनाएँ...
ब्लागजगत के लिये अच्छी खबर ।
bhaut hi safal sarthak pryas....
आपके इस सहयोग को ब्लॉगजगत कभी नहीं भुला सकेगा...........शुक्रिया आपका|
बड़ा सुन्दर कार्य होगा यह, शुभकामनायें।
बहुत बहुत आभार ! अभी पत्रिका पढ़ नहीं पायी हूँ जल्दी ही पढूंगी. आप को बहुत बहुत शुभकामनाये आगे आने वाले त्योहारों के लिए !
अच्छा लगा जानकारी प्राप्त कर।
इस नए कार्य के लिए आपको बधाई एवं शुभकामनाएँ । आपका लेख भी बहुत अच्छा लगा । पत्रिका में ब्लॉग चर्चा को मिला स्थान देख कर भी सुखद अनुभूति हुई ।
जान कर बहुत खुशी हुई. वन्दना जी.आप को बहुत बहुत बधाई...
congrats!
आपकी पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (११) के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आप इसी तरह मेहनत और लगन से हिंदी की सेवा करते रहें यही कामना है /आपका
ब्लोगर्स मीट वीकली
के मंच पर स्वागत है /जरुर पधारें /
Dhanyawaad Vandana ji.. ye link aasaan rahega-
http://www.garbhanal.com/Garbhanal%2059.pdf
shubhkaamnaayen
बधाई और शुभकामनायें!
vandana ji garbhnal ka pata dena ke liye sukriya
madhu tripathi MM
tripathi873@gmail.com
http://kavyachitra.blogspot.com
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