अब आदत हो गयी है घोटालों की
इस देश के गद्दारों की
असर नही अब होता हम पर
मोटी चमडी हमारी भी है
तभी तो छूटे कलमाडी भी है
मै ,मेरा घर ,मेरे बच्चे से इतर
जब तक ना सोच पायेंगे
यूँ ही सिर्फ़ सियासतदारों को कोसे जायेंगे
जब तक खुद ना हाथ मे
मशाल उठायेंगे
एक नया बिगुल नही बजायेंगे
यूँ ही लूटे खसोटे जायेंगे
थ्री जी हो या खेल घोटाला
या हो कोयला आबंटन
क्या फ़र्क पड जायेगा
कल दूजा रूप बदल कर फिर
नया घोटाला नज़र आयेगा
अब इस देश मे कोई भी
भ्रष्टाचारी बनने से ना बच पायेगा
क्योंकि यथा राजा तथा प्रजा का गुण
तो हर देशवासी अपनायेगा
वैसे भी जब सैंयां भये कोतवाल
तो डर काहे का ……कह
हर कोई भ्रष्टाचार का परचम लहरायेगा
मगर भ्रष्टाचार ना मिट पायेगा
वैसे भी क्या मिल जायेगा ईमानदारी से
दो वक्त की रोटियों का जुगाड़ भी ना हो पायेगा
मगर सफेदपोश भ्रष्टाचारियों को तो
कोई ना हाथ लगाएगा
जो ये सच जान जायेगा
क्यों ईमानदारी की आँच पर सिंकने जायेगा
हल खोजना हो तो इतिहास खंगालना पड़ेगा
फिर एक भगतसिंह पैदा करना पड़ेगा
तब कहीं जाकर मुखौटा बदलेगा
जब तक ना सोई आत्मा जागेगी
जब तक ना फिर से कोई
भगतसिंह सा
सियासतदारों के कानों मे
बम ना फ़ोडेगा
तब तक ना मौसम यहाँ का बदलेगा
तब तक यूँ ही मेरा मन गाता रहेगा
अब आदत हो गयी है घोटालों की
इस देश के गद्दारों की…………
हे भ्रष्टाचार ! तुम्हें नमन है ..........
इस देश के गद्दारों की
असर नही अब होता हम पर
मोटी चमडी हमारी भी है
तभी तो छूटे कलमाडी भी है
मै ,मेरा घर ,मेरे बच्चे से इतर
जब तक ना सोच पायेंगे
यूँ ही सिर्फ़ सियासतदारों को कोसे जायेंगे
जब तक खुद ना हाथ मे
मशाल उठायेंगे
एक नया बिगुल नही बजायेंगे
यूँ ही लूटे खसोटे जायेंगे
थ्री जी हो या खेल घोटाला
या हो कोयला आबंटन
क्या फ़र्क पड जायेगा
कल दूजा रूप बदल कर फिर
नया घोटाला नज़र आयेगा
अब इस देश मे कोई भी
भ्रष्टाचारी बनने से ना बच पायेगा
क्योंकि यथा राजा तथा प्रजा का गुण
तो हर देशवासी अपनायेगा
वैसे भी जब सैंयां भये कोतवाल
तो डर काहे का ……कह
हर कोई भ्रष्टाचार का परचम लहरायेगा
मगर भ्रष्टाचार ना मिट पायेगा
वैसे भी क्या मिल जायेगा ईमानदारी से
दो वक्त की रोटियों का जुगाड़ भी ना हो पायेगा
मगर सफेदपोश भ्रष्टाचारियों को तो
कोई ना हाथ लगाएगा
जो ये सच जान जायेगा
क्यों ईमानदारी की आँच पर सिंकने जायेगा
हल खोजना हो तो इतिहास खंगालना पड़ेगा
फिर एक भगतसिंह पैदा करना पड़ेगा
तब कहीं जाकर मुखौटा बदलेगा
जब तक ना सोई आत्मा जागेगी
जब तक ना फिर से कोई
भगतसिंह सा
सियासतदारों के कानों मे
बम ना फ़ोडेगा
तब तक ना मौसम यहाँ का बदलेगा
तब तक यूँ ही मेरा मन गाता रहेगा
अब आदत हो गयी है घोटालों की
इस देश के गद्दारों की…………
हे भ्रष्टाचार ! तुम्हें नमन है ..........
21 टिप्पणियां:
ईद मुबारक !
आप सभी को भाईचारे के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएँ!
--
इस मुबारक मौके पर आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (20-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत सही सर्थक रचना..
जय जय जय जय, तुम्हें नमन है।
बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
बधाई
इंडिया दर्पण की ओर से ईद की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
कलमाड़ी को तो छूटना ही था ..... वर्ण न जाने किस किस का नाम आता सामने .... जिसकी लाठी उसकी भैंस ....
हे गुरुवर भ्रस्टाचार तुम्हे नमन .....
आप ने बिलकुलसही दिशा को इंगित किया है !
ईद मुबारक,बहुत बढ़िया प्रस्तुति ... हार्दिक शुभकामनाएँ!
सही बात है अब इसी महापुरुष को नमन करना पड़ेगा ...
सुन्दर कटाक्ष
हम स्वयं भी भीतर से कम भ्रष्ट नहीं हैं। औरों को क्या कोसें!
अब इस देश मे कोई भी भ्रष्टाचारी बनने से ना बच पायेगा
क्योंकि यथा राजा तथा प्रजा का गुण तो हर देशवासी अपनायेगा
वैसे भी जब सैंयां भये कोतवालतो डर काहे का
बहुत खूब ! सार्थक रचना .... !!
ईद की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ :)
SAAMYIK KAVITA KE LIYE BADHAAEE .
SAAMYIK KAVITA KE LIYE BADHAAEE .
यथार्थ का आईना दिखती पोस्ट एक डैम सही शीर्षक दिया है अपने इस पोस्ट को...
जय भ्रष्टाचार... बहुत खूब, बधाई.
बेहद सशक्त पोस्ट।
बिल्कुल सही कहा है आपने ... बेहद सशक्त रचना आभार
aapne kavita ke madhyam se bhrashtaachar par achchhi v sarthak rachna pesh kee hai, badhai.
आपकी किसी पुरानी बेहतरीन प्रविष्टि की चर्चा मंगलवार २८/८/१२ को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी मंगल वार को चर्चा मंच पर जरूर आइयेगा |धन्यवाद
इन भ्रष्टों का ही बोलबाला है आज ... इन्हें तो नमन करना ही होगा ...
बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
बधाई
Dr Prakash Soni
बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
बधाई
एक टिप्पणी भेजें