पेज

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लॉग से कोई भी पोस्ट कहीं न लगाई जाये और न ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

रविवार, 19 अगस्त 2012

हे भ्रष्टाचार ! तुम्हें नमन है ..........

अब आदत हो गयी है घोटालों की
इस देश के गद्दारों की
असर नही अब होता हम पर
मोटी चमडी हमारी भी है
तभी तो छूटे कलमाडी भी है
मै ,मेरा घर ,मेरे बच्चे से इतर
जब तक ना सोच पायेंगे
यूँ ही सिर्फ़ सियासतदारों को कोसे जायेंगे
जब तक खुद ना हाथ मे
मशाल उठायेंगे
एक नया बिगुल नही बजायेंगे
यूँ ही लूटे खसोटे जायेंगे
थ्री जी हो या खेल घोटाला
या हो कोयला आबंटन
क्या फ़र्क पड जायेगा
कल दूजा रूप बदल कर फिर
नया घोटाला  नज़र आयेगा
अब इस देश मे कोई भी
भ्रष्टाचारी बनने से ना बच पायेगा
क्योंकि यथा राजा तथा प्रजा का गुण
तो हर देशवासी अपनायेगा
वैसे भी जब सैंयां भये कोतवाल
तो डर काहे का ……कह
हर कोई भ्रष्टाचार का परचम लहरायेगा
मगर भ्रष्टाचार ना मिट पायेगा
वैसे भी क्या मिल जायेगा  ईमानदारी से
दो वक्त की रोटियों का जुगाड़ भी ना हो पायेगा
मगर सफेदपोश भ्रष्टाचारियों को तो
कोई ना हाथ लगाएगा
जो ये सच जान जायेगा
क्यों ईमानदारी की आँच पर सिंकने जायेगा
हल खोजना हो तो इतिहास खंगालना पड़ेगा
फिर एक भगतसिंह पैदा करना पड़ेगा
तब कहीं जाकर मुखौटा बदलेगा
जब तक ना सोई आत्मा जागेगी
जब तक ना फिर से कोई
भगतसिंह सा
सियासतदारों के कानों मे
बम ना फ़ोडेगा
तब तक ना मौसम यहाँ का बदलेगा
तब तक यूँ ही मेरा मन गाता रहेगा
अब आदत हो गयी है घोटालों की
इस देश के गद्दारों की…………
हे भ्रष्टाचार ! तुम्हें नमन है ..........

21 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

ईद मुबारक !
आप सभी को भाईचारे के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएँ!
--
इस मुबारक मौके पर आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (20-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत सही सर्थक रचना..

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

जय जय जय जय, तुम्हें नमन है।

India Darpan ने कहा…

बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
बधाई

इंडिया दर्पण
की ओर से ईद की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

कलमाड़ी को तो छूटना ही था ..... वर्ण न जाने किस किस का नाम आता सामने .... जिसकी लाठी उसकी भैंस ....

मदन शर्मा ने कहा…

हे गुरुवर भ्रस्टाचार तुम्हे नमन .....
आप ने बिलकुलसही दिशा को इंगित किया है !

udaya veer singh ने कहा…

ईद मुबारक,बहुत बढ़िया प्रस्तुति ... हार्दिक शुभकामनाएँ!

RITU BANSAL ने कहा…

सही बात है अब इसी महापुरुष को नमन करना पड़ेगा ...
सुन्दर कटाक्ष

कुमार राधारमण ने कहा…

हम स्वयं भी भीतर से कम भ्रष्ट नहीं हैं। औरों को क्या कोसें!

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

अब इस देश मे कोई भी भ्रष्टाचारी बनने से ना बच पायेगा
क्योंकि यथा राजा तथा प्रजा का गुण तो हर देशवासी अपनायेगा
वैसे भी जब सैंयां भये कोतवालतो डर काहे का
बहुत खूब ! सार्थक रचना .... !!
ईद की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ :)

pran sharma ने कहा…

SAAMYIK KAVITA KE LIYE BADHAAEE .

pran sharma ने कहा…

SAAMYIK KAVITA KE LIYE BADHAAEE .

Pallavi saxena ने कहा…

यथार्थ का आईना दिखती पोस्ट एक डैम सही शीर्षक दिया है अपने इस पोस्ट को...

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

जय भ्रष्टाचार... बहुत खूब, बधाई.

बेनामी ने कहा…

बेहद सशक्त पोस्ट।

सदा ने कहा…

बिल्‍कुल सही कहा है आपने ... बेहद सशक्‍त रचना आभार

ashok andrey ने कहा…

aapne kavita ke madhyam se bhrashtaachar par achchhi v sarthak rachna pesh kee hai, badhai.

Rajesh Kumari ने कहा…

आपकी किसी पुरानी बेहतरीन प्रविष्टि की चर्चा मंगलवार २८/८/१२ को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी मंगल वार को चर्चा मंच पर जरूर आइयेगा |धन्यवाद

दिगम्बर नासवा ने कहा…

इन भ्रष्टों का ही बोलबाला है आज ... इन्हें तो नमन करना ही होगा ...

swarnakar setu ने कहा…

बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
बधाई

Dr Prakash Soni

swarnakar setu ने कहा…

बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
बधाई