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रविवार, 9 दिसंबर 2012

यादों की महकती शाम …………फ़र्गुदिया के नाम

अनुगूँज की गूँज बहुत देर तक सुनाई देती रहेगी ………सबने मिलना जो था 

फ़र्गुदिया के कार्यक्रम अनुगूँज मे अनामिका जी, वन्दना ग्रोवर, मुकेश मानस, अंजू शर्मा, असद ज़ैदी, अरुण कुमार शुक्ल, डाक्टर सुनीता कविता जी का कविता पाठ था जिसमें हम सबने शिरकत की और एक खुशनुमा शाम का आनन्द उठाया

 सरिता दास के साथ 


 संजू तनेजा अपने स्टाइल में :)


राजीव तनेजा जी 

कार्यक्रम की संचालिका और आयोजन कर्ता शोभा मिश्रा जी के साथ
संचालिका के पद को गरिमा देती शोभा जी का संचालन बेहद खूबसूरत रहा 
 वन्दना ग्रोवर जी का कविता पाठ शाम को महका गया 
क्षणिकाओं से शुरु होकर हास्य से भी मिलवा गया
पंजाबी कुडी ने रंग खू्ब जमा दिया 
जो पंजाबी कविता का तडका लगा दिया

 सीमांत सोहे्ल जी के साथ यादो भरी शाम


 दर्शकों बीच राजीव तनेजा

 वन्दना ग्रोवर का फूलों से स्वागत करते


असद ज़ैदी जी की कविताओं ने सोच को भी आईना दिखा दिया 

 पलों को सहेजते पल चेहरे से बयाँ हो रहे हैं 


 अनामिका …बस नाम ही काफ़ी है
कवितायें तो जैसे दू्सरे जहान से आयी हैं 
गहनता भी शरमा जाती है जब मौन मुखर होता है 

 ये हँसते मुस्कुराते लम्हे………हैं ना सहेजने योग्य

मज़ा तो यहाँ आया जब जो रोज़ बतियाते थे 
ना इक दूजे को पहचान पाये 
निशा कुलश्रेष्ठ , मृणाल के साथ 

 मुकेश मानस जी का स्वागत करते

 बलजीत जी के साथ राजीव तनेजा








 अंजू शर्मा कविता पाठ करते हुये 
जूते के जो गुणगान किये
सभी के चेहरे खिल गये




 आनन्द कुमार शुक्ल कविता पाठ करते हुये

 डाक्टर सुनीता कविता का स्वागत

  डाक्टर सुनीता कविता कविता पाठ करते हुये
स्त्री के अनेकों रूप का गुणगान कुछ ऐसे किया
हर स्त्री का चेहरा जैसे बयाँ हो गया 


 उपस्थित कविगण 

 एक शाम को कैमरे मे कैद करते राजीव तनेजा 







 सईद अयूब कार्यक्रम के आयोजक
 सरिता दास के साथ संजू तनेजा


 रविन्द्र के दास अपनी पत्नी के साथ 



चुलबुली  इंदु अनामिका जी का स्वागत करती


 इंदु, वन्दना ग्रोवर, सरिता दास, संजू तनेजा



 ओये होये किधर खो गये :)

 निशा के साथ 








 
 आखिर मे सईद अयूब जी ने समापन भाषण दे सबका आभार व्यक्त किया 


तो दोस्तों ये था कल की शाम का यादगार नज़ारा जहाँ काफ़ी नये चेहरों से परिचय हुआ तो साथ ही जिनसे रोज बतियाते हैं उनसे मिलने का भी लुत्फ़ उठाया ।
अंत मे राजीव तनेजा जी का आभार इन सुन्दर सुन्दर फ़ोटोग्राफ़्स के लिये अगर उन्होने ना लिये होते तो आज हम यहाँ आनन्द ना ले रहे होते :)

22 टिप्‍पणियां:

अरुन अनन्त ने कहा…

कैमरे में कैद बहुत कुछ कहता हुआ सुन्दर ऐतिहासिक दृश्य, इस आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं
अरुन शर्मा
Recent Post हेमंत ऋतु हाइकू

Arun sathi ने कहा…

सार्थक प्रयास से रूबरू हुआ, आभार।

आनंद ने कहा…

जरा पहले बताया होता तो मैं भी चल पड़ता कार्यक्रम में वंदना जी ! :)

राजीव तनेजा ने कहा…

यादगार शाम रही

एसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए

बेनामी ने कहा…

उत्कृष्ट !!

akhiri khat ने कहा…

सचमुच अपने फिर से एक शमा प्रस्तुत कर दिया वंदना .. ये यादें यूँ साथ बनी रहे जीवन पर्यंत .

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

माहौल यूँ ही दमकता रहे।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत बहुत बधाई .... बढ़िया चित्र और रिपोर्ट

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कैमरा बयान कर रहा है पूरी दास्तां ...

vandana gupta ने कहा…

@आनंद कुमार द्विवेदी आप से तो बहुत शिकायत है :)

पहले बुलाना मिन्नतें कर
फिर मेहमान से खातिर तवज्जो करवाना
अजब दोस्ती का चलन देखा यारा हमने यहाँ :)

सही कहा ना आनन्द :)

vandana gupta ने कहा…

@akhiri khat उर्फ़ निशा जी बिल्कुल ऐसा ही बना रहेगा :)

SAK ने कहा…

बहुत बहुत शुक्रिया सभी तस्वीरों के लिए. आप से वहाँ मिलकर बहुत बहुत अच्छा लगा. शुक्रिया वहाँ आने के लिए. तस्वीरों में जिन्हें आपने अरुण कुमार शुक्ल लिखा है, वे आनंद कुमार शुक्ल हैं और मेरा नाम भी थोड़ा सा अलग है,सैयद अय्यूब नहीं, सईद अय्यूब. :-)

vandana gupta ने कहा…

@SAK उर्फ़ सईद अयूब जी वो मेरे हिन्दी राइटर का कमाल है जो आपके नाम को ऐसे लिख गया वर्ना ऊपर सही लिखा है कभी कभी ऐसी मिस्टेक हो जाती हैं और ध्यान से उतर जाती हैं :) शुक्रिया आनन्द जी के नाम के लिये वो जरूर गलत लिखा गया ………अति उत्साह यही होता है ध्यान कहीं और काम गडबड :)

Vandana KL Grover ने कहा…

आपने यादों को एक एल्बम में सहेज दिया ..बहुत सुन्दर ढंग से ..राजीव तनेजा जी हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं .. अच्छा लगता है जब ऐसे दोस्त आस-पास होते हैं ..आपकी खुशमिजाजी माहौल को खुशगवार बना देती है ..आप हमेशा ऐसे ही खुश रहें !

shobha mishra ने कहा…

'अनुगूंज' कार्यक्रम की यादगार तस्वीरें ... हमेशा के लिए ..

shikha varshney ने कहा…

बढ़िया माहौल की बढ़िया तस्वीरें.

Unknown ने कहा…

khoobshurat tasbiron se susajjit aur mohak paridrishy se aacchhadit, bahut hi manmohak,smrition ke aanchal nikali khooshbu,

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

घूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा मंच
। लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज सोमवार के चर्चा मंच पर भी है!
सूचनार्थ!

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

badhiya chitra.

virendra sharma ने कहा…

रोचक नजारे विवरण निखारे ........सोमवार, 10 दिसम्बर 2012
ख़बरें सेहत की

http://veerubhai1947.blogspot.in/

कुमार राधारमण ने कहा…

लगा,मानो मैं भी शामिल हूं आयोजन में।

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

खूबसूरत पल