कल शाम डायलाग के नाम ( 27-7-2013 )
एकेडमी आफ़ फ़ाइन आर्टस एंड लिटरेचर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लीलाधर मंडलोई जी की अध्यक्षता में अंजुम शर्मा द्वारा संचालित किया गया जिसमें अनिरुद्ध उमट , असंग घोष , सुमन केशरी, मिथिलेश श्रीवास्तव और अनिल जनविजय ने कविता पाठ किया । एक बेहतरीन शाम की कुछ यादें समेट लायी हूँ । एक से बढकर एक कविताओं ने मन मोह लिया। कविता का वृहद आकाश पंछियों को पंख पसारने के लिये उत्साहित करता है जिसकी झलक कल देखने को मिली। कौन सा क्षेत्र ऐसा है जिस पर कवि की कलम ना चली हो फिर चाहे देश हो या समाज , प्रेम हो या स्त्री विमर्श छोटी छोटी चीजों पर कवि की दृष्टि पहुँचती रही फिर चाहे किसी प्रदेश या जनपद की व्यथा हो या कोई दुर्घटना या जीवन और मृत्यु के भेद या फिर पौराणिक गाथा सभी पर कवियों की दूरदृष्टि एक संसार रचा जो हर मन को अन्दर तक छू गया। कौन कहता है कि कविता की माँग नहीं है ………जो ये कहता है उसे कल आकर देखना चाहिये था । भावुक हृदयों की भावमाला के सुमन की खुशबू हर श्रोता अपने मन में बसा कर लाया है।
लीलाधर मंडलोई जी के साथ मैं , अंजू शर्मा , सुमन केशरी और शोभा रस्तोगी
अंजुम शर्मा मंच का संचालन करते हुये
श्रोताओं के साथ अलका भारतीय
शोभा रस्तोगी
ब्यूटी विद ब्रेन इंदु सिंह के साथ अंजू शर्मा
कला का उत्कृष्ट नमूना
अनिरुद्ध उम्मट कविता पाठ करते हुये
असंग घोष कविता पाठ करते हुये
श्रोतागण कवितासिंधु में गोता लगाते हुये
सुमन केशरी कविता पाठ करते हुये
मिथिलेश श्रीवास्तव कविता पाठ करते हुये
अनिल जनविजय कविता पाठ करते हुये
लीलाधर मंडलोई जी अपने अध्यक्षीय वक्तव्य के साथ
उसके बाद विचारों का आदान प्रदान और जलपान कर सबने अपने घर को प्रस्थान किया
4 टिप्पणियां:
बढिया आयोजन..
बढिया आयोजन रहा...बधाई
बढ़िया रिपोर्ट रही ।
सुन्दर आयोजन..
एक टिप्पणी भेजें