धन्य हो गया देश मेरा
धन्य हो गयी जनता
जो ऐसे नेताओं के
पाँव पलोटा करती है
जो स्त्री पुरुष के अस्तित्व में
भेद किया करते हैं
कैसे इन हुक्मरानों को
तख़्त मिला करते हैं
क्यों नहीं बाकी दलों को
ये सच दिखा करते हैं
जो गठजोड़ के लिए
बलात्कारी मानसिकता को
पोषण दिया करते हैं
जिनके लिए स्त्री का अस्तित्व
महज खिलौना भर हुआ करता है
जो उस कोख को गाली देते हैं
जिससे जन्म लिया करते हैं
क्या महज कुर्सी के लिए
सभी आँख बंद किया करते हैं
क्या इसी बूते पर ये
शासन करने का दम्भ भरा करते हैं
क्या इसी बूते ये
एक सुशासन देने का वादा किया करते हैं
जाने किस मिटटी के बने होते हैं
जो अपनी बहन बेटियों सा न
हर स्त्री को समझा करते हैं
सुना है यादवों के कुल के कहलाते हो
सुना है इसी में कृष्ण ने जन्म लिया था
सुना है उसी कृष्ण ने भरी सभा में
द्रौपदी की लाज बचाने को वस्त्रवतार लिया था
फिर कहाँ वो बीज लुप्त हुए
जो तुम इतने संवेदनहीन हुए
जिसके लिए स्त्री का न कोई महत्त्व हुआ
बस बलात्कार तो महज एक खेल हुआ
किस मानसिकता को पोषित कर रहे हो
क्यों यादव कुल को भी कलंकित कर रहे हो
कैसे कहें बदल गया ज़माना
कैसे कहें मुक्त हो गया समाज परंपरागत रूढ़ियों से
क्या यही नारी मुक्ति है
क्या यही स्त्री विमर्श का नतीजा है
जो आज भी स्त्री को महज
प्राप्तव्य भोग्या ही समझा गया
जहाँ बलात्कारियों को पोषण मिलता हो
वो कैसे सभ्य समाज गिना जाएगा
कैसे कह सकते हैं आज
जो इतिहास पर काला धब्बा है
उससे मुक्त हो गए हम
कैसे कह सकते हैं हम
आज नहीं दुर्योधन जन्म लिया करते हैं
जब शासक ही गलत परम्पराओं को
पोषण दिया करते हैं
युग बदलने से नहीं बदला करतीं पैठी हुयी मान्यताएं
वो चली आती हैं पीढ़ी दर पीढ़ी
एक नपुंसक पीढ़ी को जन्म देती
जिसके पास होता है तो सिर्फ दम्भ और व्यभिचार
भला ऐसे समाज में कहो तो
कहाँ है स्त्री सुरक्षित ?
हर स्त्री के गुनहगार हो तुम …… ओ पुरुष समाज
जिस कोख से जन्मते हो
जब उसी को लांछित करते हो
तब कैसे आँख मिला लेते हो
कैसे साँस भर लेते हो
कैसे सुकून से जी लेते हो
समझ नहीं आता है
जाने कैसा भयावह समय फिर आया है
क्या किस कलुषता का साया है
आज फिर सारा समाज मौन है
क्या फिर किसी धर्मयुद्ध का आह्वान है
या एक बार फिर इसी सड़ी गली राजनीति की
भेंट चढ़ना होगा
स्त्री को न उसका स्वर्णिम किसी युग में मिलेगा
प्रश्न आदिकाल से दौड़ रहा है ……मुक्ति की खोज में
1 टिप्पणी:
बहुत ही सुन्दरता एवं प्रभावशाली तरीके से आपने अपने भावों को अभिव्यक्त किया .. बहुत खूब.
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