जब कोई मुझे अपना कहता है
जाने क्यूँ भरम सा लगता है
हर प्यार भरा लफ्ज़ किसी का
जाने क्यूँ शूल सा चुभता है
जब रात की खामोशी बढती है
जाने क्यूँ अपनी सी लगती है
हर दिन यादों से भरा
जाने क्यूँ तन्हा सा लगता है
जाने क्यूँ भरम सा लगता है
हर प्यार भरा लफ्ज़ किसी का
जाने क्यूँ शूल सा चुभता है
जब रात की खामोशी बढती है
जाने क्यूँ अपनी सी लगती है
हर दिन यादों से भरा
जाने क्यूँ तन्हा सा लगता है
2 टिप्पणियां:
जब कोई मुझे अपना कहता है
जाने क्यूँ भरम सा लगता है
वाह बहुत खूब।
main susheel se sahmat hoon , aur kya kahun ...
badhai
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