जो एक कली को फूल बना दे
और उसे ज़िन्दगी भर काँटों पर सुला दे
और चोट लगने पर आह भी करने न दे
उसी का नाम दुनिया है
जो तेरे दुःख पर खुशियाँ मनाये
और सुख में बाधाएं डाले
उसी का नाम दुनिया है
जो तुझे बेईमानी,धोखेबाजी
चालबाजी,भ्रष्टाचार सिखा दे
तेरी मासूमियत को
इनके नीचे दबा दे
उसी का नाम दुनिया है
जो तेरे होठों की हँसी को छीन ले
और आंखों में आंसू भर दे
उसी का नाम दुनिया है
जो जीतने का हर गुर सिखा दे
तुझे तेरे अपनों से जुदा करा दे
और गैरों को अपना बना दे
उसी का नाम दुनिया है
जो तेरे अस्तित्व को मिटा दे
तेरे हर सच को झूठ बना दे
उसी का नाम दुनिया है
जो तेरी खुशी को देख जल जाए
और गम में तेरे आंसू न बहाए
उसी का नाम दुनिया है
जो तेरी मासूमियत को मिटा दे
तुझे इंसान से पत्थर बना दे
उसी का नाम दुनिया है
जो तेरी हर चाहत को मिटटी में मिला दे
तेरे हर अरमान को कफ़न उढा दे
उसी का नाम दुनिया है
जो तेरी हर साँस पर पहरे लगा दे
तेरी हर आह पर खुशी के दीप जलाये
उसी का नाम दुनिया है
जो अपने सुख के लिए
इंसान को भगवान बना दे
और अपने मतलब के लिए
भगवान को भी पत्थर बता दे
उसी का नाम दुनिया है
जो तुझे अपना बनाकर
ठोकरों पर इतनी ठोकरें मारे
कि तुझे भगवान से मिला दे
उसी का नाम दुनिया है
10 टिप्पणियां:
हाँ यही तो है दुनियां
लिखा तो बहुत ही अच्छा है। और सच भी है। शुरु की चार लाईन बहुत ही अच्छी लगी। पर शायद मेरे सवाल का जवाब अभी भी नही मिला। मैंने तो ये कहा था "दुनियादारी हर काम के बीच में क्यों आ जाती है? कभी इस पर भी लिखना?" खैर इस बहाने एक अच्छी रचना पढने को मिल गई।
वन्दना जी!
आपने नारि की मनोव्यथा का
सुन्दर चित्रण किया है।
इसी का नाम जिन्दगी है।
मगर इतना तो लिखना ही चाहूँगा
कि गुलाब काँटों की सेज पर ही खिलता है।
उसका असली बिछौना वही तो होता है।
सच्चा साथी भी वही है।
बधाई।
बहुत सुन्दर रचना है।बधाई स्वीकारें।
वाह जी आज की दुनिया का सटीक विवरण दिया है आपने बहुत ही सुंदर चित्रण बधाई
वन्दना जी!
बहुत ही सुंदर चित्रणके लिए मै आपका अभिवादन करता हु
हे प्रभु यह तेरा-पथ का आभार और जयजिनेन्द्र!
बहुत सुन्दरता से समझा दिया आपने कि क्या दुनिया है!
दुनिया ओ दुनिया तेरा जवाब नहीं....ये गाना याद आ गया आप की कविता पढ़ कर...बहुत ही अच्छी रचना...बधाई
नीरज
जो तेरे दुःख पर खुशियाँ मनाये
और सुख में बाधाएं डाले
उसी का नाम दुनिया है......laajawaab
Vandana ji,
" usi ka naam duniya hai" bahut achchhi lagi aapki kavta aur aapke blog ka jo title "Jakhm" hai mujhe achchha lagaa...
Regards
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