कुछ अश्क तो झड़ते होंगे
आँख से तेरी भी
कुछ कहानी
मेरी भी तो
कहते होंगे
दर्द जो दिया तूने
उसे इक नया
नाम तो देते होंगे
यादों को मेरी
तेरी यादों में
संजोते तो होंगे
जो पल
साथ बिताये थे
याद दिलाते होंगे
कभी रुलाते होंगे
कभी हँसाते होंगे
कभी यादों के नश्तर
चुभाते तो होंगे
कभी ज़ख्म हरे
होते तो होंगे
कहीं कोई नासूर
भी तो होगा
उसे कुरेदते तो होंगे
अश्क मरहम बन वहां
टपक तो जाते होंगे
मुझे तडपाने की चाह में
क्या तू न तड़पता होगा
मुझे रुलाने की चाह में
क्या तू न रोता होगा
कुछ यादों के कफ़न
उम्र भर ओढ़ने पड़ते हैं
कहीं तू भी तो भटका होगा
मेरी चाह में
कभी तो सिसका होगा
एक टीस बन
दर्द कभी तो
छलछलाता होगा
कुछ न कुछ तो
दिल तेरा भी
बुदबुदाता होगा
मेरे दर्द की याद में
कुछ चाहतें तेरी भी तो
कसमसाई होंगी
कभी याद न आई हो मगर
आँख तो फिर भी
भर आई होगी
आँख तो फिर भी
भर आई होगी ............
19 टिप्पणियां:
ek ajeeb dard liye hue....ek ehsaas
बहुत ही गहरे भाव.........सुन्दर
Prem bhaavnaaon ka sundar prasfutan.
( Treasurer-S. T. )
क्या कहूँ वन्दना जी, आपकी ये रचना दिल को छु गयी। बेहतरिन.......
मेरे दर्द की चाह मे कुछ---- बहुत सही है वन्दना जी ुअपने भावों को जैसे जुबान दे दी है बहुत सुन्दर रचना है निशब्द हूँ शुभकामनाये
in aankhon ki nami mein hi to yaadon ka basera hai......bahut badhiyaa
दिल को छू गई आपकी रचना.....बहुत ही गहरे भाव छुपे है आपकी लेखनी में..ऐसे ही लिखते रहिये....मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है...
"दर्द कभी तो
छलछलाता होगा
कुछ न कुछ तो
दिल तेरा भी
बुदबुदाता होगा
मेरे दर्द की याद में
कुछ चाहतें तेरी भी तो
कसमसाई होंगी
कभी याद न आई हो मगर
आँख तो फिर भी
भर आई होगी"
सुन्दर शब्द,
बढ़िया भाव,
बेहतरीन कविता,
बहुत बधाई!
हमेशा की तरह एक अच्छी रचना। पर इतना दर्द मत लिखा कीजिए।
very nicely written.....
कुछ कहानी
मेरी भी तो
कहते होंगे
दर्द जो दिया तूने
उसे इक नया
नाम तो देते होंगे
यादों को मेरी
तेरी यादों में
संजोते तो होंगे
SACH MEIN JAB AANKHEN KAHTI HAIN TO SAB KUCH KAH JAATI HAIN ..... DARD KA SAILAAB LE ATI HAIN ..... LAJAWAAB PRABHAAVI PRASTUTI HAI ....
बधाई, रचना सुन्दर बन पड़ी है
कविता मे रवानी तो है.. । बधाई -शरद कोकास दुर्ग,छ.ग
मेरे दर्द की याद में
कुछ चाहतें तेरी भी तो
कसमसाई होंगी
बहुत खूब. क्रिया बराबर प्रतिक्रिया होती ही है. जरूर चाहते कसमसाई होगी.
बेहतरीन
गहरे भाव सुन्दर,रचना...
"ना किसी की आँख भर आयी
ना तड़पा हमारे लिए कोई,
हम उनके ख़यालों में गम रहे ,
वो औरों की बाँहों में खोते गए....."
एक भाव -आप्लावित कविता।बहुत खूब!
behadd marmik rachna.....
"वो पा लेते तो होंगे दिल पे काबू
उन्हें ये भी कमाल आता तो होगा "
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