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बुधवार, 2 सितंबर 2009

आँख तो फिर भी भर आई होगी

कुछ अश्क तो झड़ते होंगे
आँख से तेरी भी
कुछ कहानी
मेरी भी तो
कहते होंगे
दर्द जो दिया तूने
उसे इक नया
नाम तो देते होंगे
यादों को मेरी
तेरी यादों में
संजोते तो होंगे
जो पल
साथ बिताये थे
याद दिलाते होंगे
कभी रुलाते होंगे
कभी हँसाते होंगे
कभी यादों के नश्तर
चुभाते तो होंगे
कभी ज़ख्म हरे
होते तो होंगे
कहीं कोई नासूर
भी तो होगा
उसे कुरेदते तो होंगे
अश्क मरहम बन वहां
टपक तो जाते होंगे
मुझे तडपाने की चाह में
क्या तू न तड़पता होगा
मुझे रुलाने की चाह में
क्या तू न रोता होगा
कुछ यादों के कफ़न
उम्र भर ओढ़ने पड़ते हैं
कहीं तू भी तो भटका होगा
मेरी चाह में
कभी तो सिसका होगा
एक टीस बन
दर्द कभी तो
छलछलाता होगा
कुछ न कुछ तो
दिल तेरा भी
बुदबुदाता होगा
मेरे दर्द की याद में
कुछ चाहतें तेरी भी तो
कसमसाई होंगी
कभी याद न आई हो मगर
आँख तो फिर भी
भर आई होगी
आँख तो फिर भी
भर आई होगी ............

19 टिप्‍पणियां:

अनिल कान्त ने कहा…

ek ajeeb dard liye hue....ek ehsaas

ओम आर्य ने कहा…

बहुत ही गहरे भाव.........सुन्दर

Arshia Ali ने कहा…

Prem bhaavnaaon ka sundar prasfutan.
( Treasurer-S. T. )

Mithilesh dubey ने कहा…

क्या कहूँ वन्दना जी, आपकी ये रचना दिल को छु गयी। बेहतरिन.......

निर्मला कपिला ने कहा…

मेरे दर्द की चाह मे कुछ---- बहुत सही है वन्दना जी ुअपने भावों को जैसे जुबान दे दी है बहुत सुन्दर रचना है निशब्द हूँ शुभकामनाये

रश्मि प्रभा... ने कहा…

in aankhon ki nami mein hi to yaadon ka basera hai......bahut badhiyaa

satish kundan ने कहा…

दिल को छू गई आपकी रचना.....बहुत ही गहरे भाव छुपे है आपकी लेखनी में..ऐसे ही लिखते रहिये....मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

"दर्द कभी तो
छलछलाता होगा
कुछ न कुछ तो
दिल तेरा भी
बुदबुदाता होगा
मेरे दर्द की याद में
कुछ चाहतें तेरी भी तो
कसमसाई होंगी
कभी याद न आई हो मगर
आँख तो फिर भी
भर आई होगी"

सुन्दर शब्द,
बढ़िया भाव,
बेहतरीन कविता,
बहुत बधाई!

सुशील छौक्कर ने कहा…

हमेशा की तरह एक अच्छी रचना। पर इतना दर्द मत लिखा कीजिए।

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

very nicely written.....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कुछ कहानी
मेरी भी तो
कहते होंगे
दर्द जो दिया तूने
उसे इक नया
नाम तो देते होंगे
यादों को मेरी
तेरी यादों में
संजोते तो होंगे

SACH MEIN JAB AANKHEN KAHTI HAIN TO SAB KUCH KAH JAATI HAIN ..... DARD KA SAILAAB LE ATI HAIN ..... LAJAWAAB PRABHAAVI PRASTUTI HAI ....

Vinay ने कहा…

बधाई, रचना सुन्दर बन पड़ी है

शरद कोकास ने कहा…

कविता मे रवानी तो है.. । बधाई -शरद कोकास दुर्ग,छ.ग

M VERMA ने कहा…

मेरे दर्द की याद में
कुछ चाहतें तेरी भी तो
कसमसाई होंगी
बहुत खूब. क्रिया बराबर प्रतिक्रिया होती ही है. जरूर चाहते कसमसाई होगी.
बेहतरीन

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

गहरे भाव सुन्दर,रचना...

kshama ने कहा…

"ना किसी की आँख भर आयी
ना तड़पा हमारे लिए कोई,
हम उनके ख़यालों में गम रहे ,
वो औरों की बाँहों में खोते गए....."

Sushil Kumar ने कहा…

एक भाव -आप्लावित कविता।बहुत खूब!

Dr. Amarjeet Kaunke ने कहा…

behadd marmik rachna.....

aarkay ने कहा…

"वो पा लेते तो होंगे दिल पे काबू
उन्हें ये भी कमाल आता तो होगा "