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शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

यूँ तेरी मोहब्बत में.............

कुछ पल का मिलना
फिर बिछड़ जाना 
क्या जरूरी है ?
कुछ देर रुके होते 
दो बात की होती
कुछ अपनी कही होती
कुछ मेरी सुनी होती
कुछ दर्द लिया होता 
कुछ दर्द दिया होता
कुछ अपनी बेचैनियों का 
कोई राज़ दिया होता
कुछ वादे मोहब्बत के किये होते
कुछ शिकवे वफाओं के किये होते
कुछ अपने भरम तोड़े होते
कुछ नए भरम दिए होते
कुछ दिल के टुकड़े किये होते
कुछ चुन लिए होते
कुछ बिखर गए होते
कुछ पल यूँ ही तेरे आगोश में
हम जी लिए होते 
कुछ पल तो मोहब्बत की 
बरखा में भीग लिए होते
मिलने की हसरतों के
हर अरमान जी लिए होते
जुदाई के लम्हों को
फिर हम सह लिए होते
यूँ तेरी मोहब्बत में
कुछ जी लिए होते
कुछ मर लिए होते

18 टिप्‍पणियां:

POOJA... ने कहा…

बहुत बढ़िया...
काश तुम आये होते तो कुछ अश्क हमने भी बहा लिए होते...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

ख्वाहिशें जैसे बस ख्वाहिशें ही रह गयीं ...ऐसा स कुछ चित्रण ..प्रवाहमयी रचना ..

Coral ने कहा…

Bahut sundar
कुछ पल का मिलना
फिर बिछड़ जाना
क्या जरूरी है ?....
जुदाई के लम्हों को
फिर हम सह लिए होते
यूँ तेरी मोहब्बत में
कुछ जी लिए होते
कुछ मर लिए होते....

आप ने तो मेरी कहानी बया कर दी...:-(

रानीविशाल ने कहा…

Bahut khubsurat bhavpurn abhivyakti...Shubhkaamnaae!!

Arvind Mishra ने कहा…

उदात प्रेम की एक और दास्तान -बहुत खूबसूरत !

शारदा अरोरा ने कहा…

सुन्दर ...वक्त की अपनी मजबूरी होती है ...कवियत्री जी का मन तो अपनी पंक्तियाँ खोज ही लेगा ।

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

क्‍या बात है वन्‍दनाजी दिल से निकली कविता है। बधाई।

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

प्रेम को कितने गहरे जा कर लिखा है आपने.. अंतिम पंकितयां दिल में उतर गई..
"...यूँ तेरी मोहब्बत में
कुछ जी लिए होते
कुछ मर लिए होते "

वाणी गीत ने कहा…

यूँ ही जी लिए होते ...
सुन्दर अभिव्यक्ति ..!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आज की पोस्ट की मैं मन से प्रशंसा करता हूँ!
आपके लेखन में वाकई में सुधार आया है!
--
बहुत-बहुत बधाई!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़ी भावुक रचना।

CS Devendra K Sharma "Man without Brain" ने कहा…

good one....

आपका अख्तर खान अकेला ने कहा…

vndnaa bahn ji aadaab chnd kliyaa chun kr nishaat ki ,muddton mehle yaas rhte hen
unse milnaa khushi ki baat shi
unse milkr aksr udaas rhte hen isis anaaz men aapne isse behtr kvitaa likhe he so bdhayi ho . akhtar khan akela kota rajsthan

Udan Tashtari ने कहा…

काश!!!

बहुत सुन्दरता से भाव उकेरे.

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर रचना। शुभकामनायें

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत भावपूर्ण .. सुंदर अभिव्‍यक्ति !!

vijay kumar sappatti ने कहा…

ek mohabbat ki zindagi me jitna bhi hota honga , wo sab to aapne likh hi diya hai , shabd , shabd na hokar , jazbaat bane hue hai ..

सुशील छौक्कर ने कहा…

एक मोहब्बत में इतना कुछ। सच मोह्ब्बत में बहुत कुछ होता है एक वो जो दिखता है और दूसरा वो दिखता नही है।
कुछ पल तो मोहब्बत की
बरखा में भीग लिए होते

सबसे सुन्दर लगी ये लाईन।