कुसुम कुसुम से
कुसुमित सुमन से
तेरे मेरे मधुरिम पल से
अधरों की भाषा बोल रहे हैं
दिलों के बंधन खोल रहे हैं
लम्हों को अब हम जोड़ रहे हैं
भावों को अब हम तोल रहे हैं
नयन बाण से घायल होकर
दिलों की भाषा बोल रहे हैं
हृदयाकाश पर छा रहे हैं
मेघों से घुमड़ घुमड़ कर
तन मन को भिगो रहे हैं
पल पल सुमन से महक रहे हैं
मधुरम मधुरम ,कुसुमित कुसुमित
दिवास्वप्न से चहक रहे हैं
तेरे मेरे अगणित पल
तेरे मेरे अगणित पल
दोस्तो,
ये रचना आप लोगों ने नहीं पढ़ी होगी और जिन्होंने पढ़ी है उनमे से अब सिर्फ २-३ ही होंगे बाकी सब ब्लॉग जगत से जा चुके हैं इसलिए अब दोबारा लगाई है ..........उम्मीद है पसंद आएगी
28 टिप्पणियां:
bahut sundar rachna Vandan ji..
dhaywaad aapka
aapne dobara post ki yah rachna
.............vrna hum to padh hi nai pate
बहुत सुंदर भाव युक्त कविता
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं ...
बहोत ही अच्छी रचना
आप को सपरिवार दिपोत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ
आप मेरी पहली लघु कहानी पढ़ने के लिये सरोवर पर सादर आमंत्रित हैं
बहोत ही अच्छी रचना
आपको सपरिवार दिपोत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ
मेरी पहली लघु कहानी पढ़ने के लिये आप सरोवर पर सादर आमंत्रित हैं
bahut hi khubsurat kavita hai vandana ji....
आपको और आपके परिवार को दिवाली की शुभकामनाएं.. मेरे ब्लॉग पर इस बार संगीता जी की रचना..
सुनहरी यादें :-३ ...
"तेरे मेरे मधुरिम पल से
अधरों की भाषा बोल रहे हैं
दिलों के बंधन खोल रहे हैं
लम्हों को अब हम जोड़ रहे हैं
भावों को अब हम तोल रहे हैं
नयन बाण से घायल होकर
दिलों की भाषा बोल रहे हैं"... प्रेम के सभी लक्षण आपने सहजता से व्यक्त कर रहे हैं जो हर पाठक स्वयं से जोड़ कर देकता है.. सुन्दर और भावपूर्ण कविता.. सुन्दर
यादगार पल।
बहुत सुन्दर!
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामना!
बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति!
आप को सपरिवार दिवाली की शुभ कामनाएं.
mujhe bahut acchi lagi . hindi ka prayog soft effect paida kar raha hai ..padhkar hi man me soft emotions ka flow ho jata hai ..
keep it up ji.
दीदी ,
बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति है
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आपको, आपके परिवार और सभी पाठकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
रचना सुन्दर है !
जी हाँ!
जिन्होंने यह रचना पढ़ी है! उनमें मैं बचा हुआ हूँ ईश्वर की कृपा से!
रचना बहुत ही सुन्दर है! सच पूछा जाये तो रचना कभी पुरानी होती ही नही है!
आपने इसे बहुत ही पावन अवसर पर पुनर्प्रकाशित किया है!
--
प्रेम से करना "गजानन-लक्ष्मी" आराधना।
आज होनी चाहिए "माँ शारदे" की साधना।।
अपने मन में इक दिया नन्हा जलाना ज्ञान का।
उर से सारा तम हटाना, आज सब अज्ञान का।।
आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
अच्छी रचना जितनी बार भी पढी जाये अच्छी लगती है सुन्दर प्रेममय रचना के लिये बधाई।आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
sundar rachna!!!
deepotsav ki shubhkamnayen!
इसे तो बार-बार पढा जा सकता है। बहुत अच्छी रचना।
चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
श्रीमान महोदय / महोदया जी,
आप व आपके परिवार को दीपावली, गोबर्धन पूजा और भैया दूज की हार्दिक शुभकामनायें. शुभाकांक्षी-रमेश कुमार सिरफिरा. विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com, http://rksirfiraa.blogspot.com, http://mubarakbad.blogspot.com, http://aapkomubarakho.blogspot.com, http://aap-ki-shayari.blogspot.com, जल्द ही शुरू होगा http://sachchadost.blogspot.com) ब्लोगों का भी अवलोकन करें. हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें. हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं.
खूबसूरत भाव ....दीपावली की शुभकामनाएं
मधुरिम पल महका जायेंगे,
जीवन के मुखरित अंगों को।
प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें
DIPAWALI KI SHUBHKAMNAYEN !
अद्भुत रचना है..आपने सही कहा पहले नहीं पढ़ी थी...
दीपावली की शुभकामनाएं
नीरज
एक खूबसूरत और भाव प्रवण रचना. आभार.
सादर,
डोरोथी.
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति..शब्द चयन और भाव प्रस्तुति दोनों बेहतरीन...बधाई
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें ...
एक टिप्पणी भेजें