जहाँ ना पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे पाबला जी .......अगर ये कहूं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं .....देखिये हमें खबर भी नहीं और पाबला जी ने घर बैठे बता दिया ........दिल से शुक्रगुजार हूँ उनकी .......और मै ही क्या हर वो ब्लोगर होगा जिसे भी वो घर बैठे खबर देते हैं । इतनी मेहनत करना और सूचित करना वो भी बिना किसी स्वार्थ के ………ये सिर्फ़ पाबला जी ही कर सकते हैं।
सोमवार ७ मई २०१२ में पब्लिश पेज ४ पर
आई आई टी का हाल: हरिभूमि में ‘ज़िन्दगी एक खामोश सफ़र’
चाहें तो इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं .
19 टिप्पणियां:
badhayi aur sirf badhayi ..
hame chahiye is baat kee mithayi
सार्थक प्रश्न उठाया गया था .... तुम्हारी बात समाचार पत्र के माध्यम से लोगों तक पहुंची ॥बधाई
हार्दिक बधाई...
मुबारक हो जी.
बहुत बहुत बधाई हो...
बधाई!...बहुत सार्थक लेख था!.. समाचार पत्र के माध्यम से इसे प्रचारित किया गया...बहुत अच्छा लगा!
बहुत ही सुन्दर लिखा है
बहुत ही सुन्दर लिखा है
बहुत ही सुन्दर लिखा है
badhaai
bahut bahut badhi ho vandana ji
बधाई जी।
बधाई जी।
bahut badhiyaa...congrats!!
बहुत बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
बहुत बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
पाबला महान हैं....
बहुत - बहुत बधाई सहित शुभकामनाएं ।
बधाई
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