एक चुटकी सिंदूर की कीमत……………करवाचौथ का व्रत
कुछ ज्यादा तो नहीं
जो पतिदेव ने दोहराया
सुन पत्नी रानी ने फ़रमाया
प्यारे पिया
मुझे एक डायमंड नेकलैस
हाथों में सोने की चूडियाँ
एक डिज़ाइनर साडी
किसी फ़ाइव स्टार मे भोजन
करवा देना
कौन सा कुछ अपने लिये करती हूँ
तुम्हारी लंबी उम्र की कामना करती हूँ
तुम्हारे लिये ही तो व्रत रखती हूँ
अब इतना सब करने पर
ये सब पाना तो
एक सुहागिन का
अधिकार बनता है
इसमें कौन सा तुम्हारा
बजट बिगडता है
तुम ही तो फ़लोगे फ़ूलोगे
खुशियों के फ़ूल चुनोगे
लंबा जीवन जीयोगे
और मुझे दुआयें दोगे
सुनो पतिदेव
मौके का फ़ायदा उठाओ
ऐसा पैकेज़ ना रोज-रो्ज मिलता है
गर इतना कर सको तो बता देना
फिर चाहे रोज़ ऐसे व्रत रखवा लेना
जो पति ने सुना
पसीने से लथपथ हो
धडाम से बिस्तर से गिरा
बुरे स्वप्न की नींद से जगा
और असलियत का जायज़ा लिया
गर सच मे ऐसा होने लगे तो???
प्रश्न पर आकर बुद्धि उसकी अटक गयी
हो किसी पर जवाब तो बता देना
बेचारे की पहेली सुलझा देना …………:)
23 टिप्पणियां:
घर के मामलेमें...कोई तीसरा क्यों ?:-)))
शुभकामनाएँ!
आपने इस कविता के माध्यम से भारतीय नारी की एक अलग ही छवी को दर्शाया गया है जो आने वाले दिनों मे साकार भी हो सकती है जिस तरह से हम लोग पश्च्यात संस्क्रती को अनुसरण मे रात दिन लगे है! भारतीय संस्क्रती के अनुसार तो पत्नी निस्वार्थ भाव से यह वर्त करती है ! "सुन्दर रचना लिखी है!"
वाह ... बहुत खूब !
करवा का व्रत और एक विनती - ब्लॉग बुलेटिन पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप को करवा चौथ की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
:):) .... यहाँ तो फ्री पैकेज है ..... तो भला क्या आपत्ति होगी व्रत करते रहो :)
बढ़िया प्रस्तुति
sundar prastuti "मुझे एक डायमंड नेकलैस
हाथों में सोने की चूडियाँ
एक डिज़ाइनर साडी
किसी फ़ाइव स्टार मे भोजन
करवा देना
कौन सा कुछ अपने लिये करती हूँ
तुम्हारी लंबी उम्र की कामना करती हूँ
तुम्हारे लिये ही तो व्रत रखती हूँ
अब इतना सब करने पर
ये सब पाना तो
एक सुहागिन का
अधिकार बनता है
बढिया प्रस्तुति ..
:-)))... बढ़िया है !
~सादर !
कम से कम डाइमंड नेकलेस तो चाहिए...
:-)
bhaut hi gahre bhaavo ki khubsurat rachna.....
bhav purn- utam--***
sapne hi to hakikat men badalte hain...
नया अंदाज़ ...
शुभकामनायें आपको !
शुभकामनाएँ!
आने वाले दिनों की कहानी आपने हु-ब -हु बता दी है ...निस्वार्थ भाव तो जेसे समाप्त ही हो जायेगा ... :))
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।।धन्यवाद !!
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html
रोचक प्रस्तुति बढ़िया हास्यव्यंग्य ---काश इस व्रत /उत्सव की गंभीरता बरकरार रहे शुभ शुभ !! बधाई आपको
अच्छा व्यंग है।
बहुत सुंदर,
करवाचौथ पर ढेर सारी शुभकामनाएं
हम तो हर साल देते हैं , अगले साल देने का वायदा. :)
बहुत सुन्दर और रोचक प्रस्तुति...
वाह मजेदार ...आजकल ऐसेही होता है व्रत ...
मजा आ गया ...आभार !
आज जीवन—पेकेज में बिक रहा है. कडुवी सच्चाई को
मिठास से प्रस्तुत किया है.
आज या कल ...घर में कभी तीसरे की कोई जगह नहीं होती
व्यंग्य के नज़रिए से बढिया प्रस्तुति
वाह ... बहुत खूब !
बहुत खूब !
घर के मामलेमें...कोई तीसरा क्यों
शुभकामनाएँ!
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