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शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

एक चुटकी सिंदूर की कीमत……………



एक चुटकी सिंदूर की कीमत……………करवाचौथ का व्रत
कुछ ज्यादा तो नहीं
जो पतिदेव ने दोहराया
सुन पत्नी रानी ने फ़रमाया
प्यारे पिया
मुझे एक डायमंड नेकलैस
हाथों में सोने की चूडियाँ
एक डिज़ाइनर साडी
किसी फ़ाइव स्टार मे भोजन
करवा देना
कौन सा कुछ अपने लिये करती हूँ
तुम्हारी लंबी उम्र की कामना करती हूँ
तुम्हारे लिये ही तो व्रत रखती हूँ
अब इतना सब करने पर
ये सब पाना  तो
एक सुहागिन का
अधिकार बनता है
इसमें कौन सा तुम्हारा
बजट बिगडता है
तुम ही तो फ़लोगे फ़ूलोगे
खुशियों के फ़ूल चुनोगे
लंबा जीवन जीयोगे
और मुझे दुआयें दोगे

सुनो पतिदेव
मौके का फ़ायदा उठाओ
ऐसा पैकेज़ ना रोज-रो्ज मिलता है
गर इतना कर सको तो बता देना
फिर चाहे रोज़ ऐसे व्रत रखवा लेना

जो पति ने सुना
पसीने से लथपथ हो
धडाम से बिस्तर से गिरा
बुरे स्वप्न की नींद से जगा
और असलियत का जायज़ा लिया
गर सच मे ऐसा होने लगे तो???
प्रश्न पर आकर बुद्धि उसकी अटक गयी

हो किसी पर जवाब तो बता देना
बेचारे की पहेली सुलझा देना …………:)

23 टिप्‍पणियां:

अशोक सलूजा ने कहा…

घर के मामलेमें...कोई तीसरा क्यों ?:-)))
शुभकामनाएँ!

Unknown ने कहा…

आपने इस कविता के माध्यम से भारतीय नारी की एक अलग ही छवी को दर्शाया गया है जो आने वाले दिनों मे साकार भी हो सकती है जिस तरह से हम लोग पश्च्यात संस्क्रती को अनुसरण मे रात दिन लगे है! भारतीय संस्क्रती के अनुसार तो पत्नी निस्वार्थ भाव से यह वर्त करती है ! "सुन्दर रचना लिखी है!"

शिवम् मिश्रा ने कहा…

वाह ... बहुत खूब !

करवा का व्रत और एक विनती - ब्लॉग बुलेटिन पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप को करवा चौथ की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

:):) .... यहाँ तो फ्री पैकेज है ..... तो भला क्या आपत्ति होगी व्रत करते रहो :)

बढ़िया प्रस्तुति

Unknown ने कहा…

sundar prastuti "मुझे एक डायमंड नेकलैस
हाथों में सोने की चूडियाँ
एक डिज़ाइनर साडी
किसी फ़ाइव स्टार मे भोजन
करवा देना
कौन सा कुछ अपने लिये करती हूँ
तुम्हारी लंबी उम्र की कामना करती हूँ
तुम्हारे लिये ही तो व्रत रखती हूँ
अब इतना सब करने पर
ये सब पाना तो
एक सुहागिन का
अधिकार बनता है

संगीता पुरी ने कहा…

बढिया प्रस्‍तुति ..

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

:-)))... बढ़िया है !
~सादर !

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

कम से कम डाइमंड नेकलेस तो चाहिए...
:-)

विभूति" ने कहा…

bhaut hi gahre bhaavo ki khubsurat rachna.....

Aditya Tikku ने कहा…

bhav purn- utam--***

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

sapne hi to hakikat men badalte hain...

Satish Saxena ने कहा…

नया अंदाज़ ...
शुभकामनायें आपको !

Rohitas Ghorela ने कहा…

शुभकामनाएँ!
आने वाले दिनों की कहानी आपने हु-ब -हु बता दी है ...निस्वार्थ भाव तो जेसे समाप्त ही हो जायेगा ... :))



मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं।।धन्यवाद !!
http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.html

Rajesh Kumari ने कहा…

रोचक प्रस्तुति बढ़िया हास्यव्यंग्य ---काश इस व्रत /उत्सव की गंभीरता बरकरार रहे शुभ शुभ !! बधाई आपको

Kunwar Kusumesh ने कहा…

अच्छा व्यंग है।

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर,
करवाचौथ पर ढेर सारी शुभकामनाएं

डॉ टी एस दराल ने कहा…

हम तो हर साल देते हैं , अगले साल देने का वायदा. :)

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और रोचक प्रस्तुति...

Suman ने कहा…

वाह मजेदार ...आजकल ऐसेही होता है व्रत ...
मजा आ गया ...आभार !

मन के - मनके ने कहा…

आज जीवन—पेकेज में बिक रहा है. कडुवी सच्चाई को
मिठास से प्रस्तुत किया है.

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

आज या कल ...घर में कभी तीसरे की कोई जगह नहीं होती

व्यंग्य के नज़रिए से बढिया प्रस्तुति

Unknown ने कहा…

वाह ... बहुत खूब !

Unknown ने कहा…



बहुत खूब !

घर के मामलेमें...कोई तीसरा क्यों

शुभकामनाएँ!