पेज

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लॉग से कोई भी पोस्ट कहीं न लगाई जाये और न ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

शनिवार, 30 मार्च 2013

होती है "लाइफ़ आफ़्टर डैथ" भी

सुना था
लाइफ़ आफ़्टर डैथ के बारे में
मगर आज रु-ब-रु हो गया ………तुम्हारे जाने के बाद
ज़िन्दगी जैसे मज़ाक
और मौत जैसे उसकी खिलखिलाती आवाज़
गूँज रही है अब भी कानों में
भेद रही है परदों को
अट्टहास की प्रतिध्वनि
और मैं सोच में हूँ
क्या बदला ज़िन्दगी में मेरी
और तुम्हारी ………जब तुम नही हो कहीं नहीं
फिर भी आस पास हो मेरे
मेरे ख्यालों में ख्याल बनकर
तब आया समझ इस वाक्य का अर्थ
होती है "लाइफ़ आफ़्टर डैथ" भी  ……अगर कोई समझे तो!!!

22 टिप्‍पणियां:

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

kash hota life after death...!!

सूबेदार ने कहा…

मगर आज रु-बरु हो गया ---------
बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति.

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति....

Gyan Darpan ने कहा…

शानदार प्रस्तुती

shalini rastogi ने कहा…

सही कहा वंदना जी ...शारीरिक उपस्थिति न सही पर यादों में जो जीवित रहता ही है वह शख्स ... भावपूर्ण काविता!

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…


कल दिनांक 31/03/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!

Anita ने कहा…

मृत्यु के बाद भी यादें जीवंत रहकर उपस्थिति का अहसास कराती हैं..मार्मिक रचना..

रश्मि प्रभा... ने कहा…

ज़िन्दगी आत्मा की होती है,नश्वर है - तो होगी ही न हमेशा . मुक्तिविधाएँ तो एक प्रयोजन है श्रद्धांजली का और अपने उत्तरदायित्व से मुक्त होने का

अरुन अनन्त ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (31-03-2013) के चर्चा मंच 1200 पर भी होगी. सूचनार्थ

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सब कुछ ही तो बदल जाता है।

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

अगर ऐसा होता तो मरने के बाद भी जिंदगी बेहाल हो जाती ...मौत को तो सुकून लेने दो

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

लाइफ आफ्टर डेथ कोई मखौल नहीं सत्य है | बहुत सुनार प्रस्तुति | आभार

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

लाइफ आफ्टर डेथ कोई मखौल नहीं सत्य है | बहुत सुनार प्रस्तुति | आभार

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

Saras ने कहा…

एक बिलकुल ही नया नजरिया ...वाह क्या बात है !

sangita ने कहा…

मौत के बाद की जिंदगी ,जाने वाले की उपस्थिति का निरंतर एहसास और नहीं होने का गम ,रीता कर जाता है मन को । सुन्दर रचना है आपकी , बधाई ।

sangita ने कहा…

मौत के बाद की जिंदगी ,जाने वाले की उपस्थिति का निरंतर एहसास और नहीं होने का गम ,रीता कर जाता है मन को । सुन्दर रचना है आपकी , बधाई ।

Akhil ने कहा…

maulik vichar..ek nayi tarah ki baat sochne par mazboor kar diya aapne..bahut bahut badhai.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

किसी की उपस्थिति का एहसास ... हमेशा ... जीवन की माया नहीं तो क्या है ...
बहुत खूब ...

Kailash Sharma ने कहा…

बेहतरीन भावपूर्ण रचना...

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

ओह, क्या बात है
बहुत सुंदर

Pratibha Verma ने कहा…

बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति!!
पधारें कैसे खेलूं तुम बिन होली पिया...

Amrita Tanmay ने कहा…

सुन्दर रचना..