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सोमवार, 15 जुलाई 2013

भुंजे तीतर सा मेरा मन

भुंजे तीतर सा मेरा मन 
वक्त की सलीब चढ़ता ही नहीं 

कोई आमरस जिह्वा पर 
स्वाद अंकित करता ही नहीं 

ये किन पैरहनों के मौसम हैं 
जिनमे कोई झरना अब झरता ही नहीं 

मैं उम्र की फसल काटती रही 
मगर ब्याज है कि चुकता ही  नहीं 

खुद से लडती हूँ बेवजह रोज ही 
मगर सुलह का कोई दर दिखता ही नहीं 



17 टिप्‍पणियां:

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत बढिया वंदना झी.

kuldeep thakur ने कहा…

बहुत सुंदर भाव...
काफी दिनों बाद आप की रचना पढ़ने का सौभाग्य मिला...

सुंदर प्रस्तुति...
मुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक 19-07-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल पर भी है...
आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाएं तथा इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और नयी पुरानी हलचल को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी हलचल में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान और रचनाकारोम का मनोबल बढ़ाएगी...
मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।



जय हिंद जय भारत...


मन का मंथन... मेरे विचारों कादर्पण...


यही तोसंसार है...

yashoda Agrawal ने कहा…

आपने लिखा....
हमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 17/07/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!

Anita ने कहा…

खुद से लड़ने पर हार तो अपने ही हिस्से में आएगी..सो खुद से लड़ना नहीं है मित्रता करनी है...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति..

अरुन अनन्त ने कहा…

आपकी यह रचना कल मंगलवार (16-07-2013) को ब्लॉग प्रसारण : नारी विशेष पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

Rajesh Kumari ने कहा…

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार१६ /७ /१३ को चर्चामंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बढिया, बहुत सुंदर

Unknown ने कहा…

bade achhe bhaav hain ....

Unknown ने कहा…

bade achhhe bhaav hain .....

अरुण वर्मा "ऎ.वी." ने कहा…

bahut badia....

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह ...एक नया सा प्रयोग

Unknown ने कहा…

Bhut sunder

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…


बहुत सुन्दर भाव !
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post सुख -दुःख

hindi ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिवक्ति वंदना जी

Dr. sandhya tiwari ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना ................

Anamikaghatak ने कहा…

bahut hi badhiya .....uttam