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शुक्रवार, 23 जनवरी 2009

अब तो दर्द को भी दर्द होता है

आज हम हँसते हैं और दर्द रोता है
अब तो दर्द को भी दर्द होता है
जो दर्द कभी किसी का न हुआ
वो आज दर्द के सागर में डूबा है
अब हमें दर्द क्या डराएगा
जो ख़ुद हर पल छटपटाता हैं
हमने जीने का ढंग सीख लिया
ज़हर को भी अमृत समझ पी लिया
अब तो दर्द सहते सहते हम
पत्थर के सनम हो गए
अब हमारे दर्द पर हम नही
हमारा दर्द रोता है
अब तो दर्द को भी दर्द होता है

15 टिप्‍पणियां:

Vinay ने कहा…

बहुत ही मनभावन कविता है

---आपका हार्दिक स्वागत है
गुलाबी कोंपलें

---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम

ss ने कहा…

"जो दर्द कभी किसी का न हुआ
वो आज दर्द के सागर में डूबा है"

हमेशा की तरह गहरी भावनाएं|

मोहन वशिष्‍ठ ने कहा…

वाह जी बेहतरीन कविता लिखी है आपने दर्द से ओतप्रोत


अब तो दर्द सहते सहते हम
पत्थर के सनम हो गए
अब हमारे दर्द पर हम नही
हमारा दर्द रोता है
अब तो दर्द को भी दर्द होता है
बहुत खूब

suraj khanna ने कहा…

बहुत खूब.. जब दर्द को दर्द का अहसास होता है तब ही दर्द ,दर्द बनता है वरना किसी का दर्द .... किसी के लिए हँसी बन जाती है

suraj khanna ने कहा…

बहुत खूब.. जब दर्द को दर्द का अहसास होता है तब ही दर्द ,दर्द बनता है वरना किसी का दर्द .... किसी के लिए हँसी बन जाती है

द्विजेन्द्र ‘द्विज’ ने कहा…

बधाई

अच्छी अभिव्यक्ति के लिए
.

द्विजेन्द्र द्विज

संगीता पुरी ने कहा…

वाह !!! दर्द ही दर्द है इस कविता में....बहुत अच्‍छी रचना ।

Udan Tashtari ने कहा…

दर्द की दास्तान!!

समय चक्र ने कहा…

बेहतरीन...कविता है..

अनिल कान्त ने कहा…

वाह वाह ....बहुत ही मनभावन


अनिल कान्त
मेरा अपना जहान

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

Wah..achhi kavita hai...

सुशील छौक्कर ने कहा…

अब तो दर्द को भी दर्द होता है।
वाह जी वाह क्या लिखा है। आपकी लेखनी में सच्चाई बहुत होती है और क्या कहें अद्भुत है जी।

daanish ने कहा…

kisi shaayar ne kahaa tha kabhi..
dard ka hadd se guzarna hai,
dawaa ho jaana.....
aur wohi kamaal iss nazm mei saaf nazar aata hai...dard ki shiddat aur dard ki intehaa ka bahot hi asardaar byaan...
ek khoobsurat kavita...!
---MUFLIS---

Renu Sharma ने कहा…

dard ko bhi dard hota hai .
bahut khoob .
vandana ji , aapne meri nai rachnayen nahi padhi shayad .

vijay kumar sappatti ने कहा…

vandana ji , kya baat kahi hai ..

bahut hi bhaavpoorn tarike se aapne dard ki abhivyuakthi ki hai ..


हमने जीने का ढंग सीख लिया
ज़हर को भी अमृत समझ पी लिया

wah ji wah

badhai ..