उमंगों का हर दीप अब बुझा दिया है
सिर्फ एक आत्मदीप जला लिया है
यहाँ ना पाया कोई अपना
सब जगत है इक बुरा सपना
जिसे भी जाना हमने अपना
उसने ही दिया है हमको धोखा
अँधेरे ने पाँव यूँ फैलाए
हमें ना दिखे उजालों के साये
एक मुट्ठी में अँधियारा घना है
दूजी में उजियारा भरा है
कुछ पाने को कुछ खोना होगा
मिथ्या जगत को छोड़ना होगा
तभी आत्मदीप प्रज्ज्वलित होगा
और वो ही सार्थक दीपोत्सव होगा
32 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर भाव ...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
सार्थक पहल करनी होगी।
आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
दिवाली के दिए की रौशनी दूर तक दिलों में उजाला करने में सक्षम है,आस पास बिखरी उजाले की किरण को दूलों में प्रवेश करने की देरी है. बेहद सुन्दर काव्य. आपको एवं आपके परिवार को दीपावाली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
350वीं पोस्ट के लिए बधाई!
आत्मदीप रौशन रहे!
बिल्कुल सही... शुभकामनायें
350वीं पोस्ट की बहुत बधाई हो!
साथ ही-
आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
सही है ..
.. आपको दीपपर्व की असीम शुभकामनाएं !!
मन उजियारा तो जग उजियारा।
350वीं पोस्ट की बधाई और आगे भी लिखें लिखते रहें नई ऊंचाइयों को छुएं इसकी शुभकामाना।
दीप पर्व की आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
भावपूर्ण रचना…दीपोत्सव के चौथे दिन "गोवर्धन पूजा" की बहुत बहुत बधाई।
bahut hee saarthak post ke saath aapne 350th post ka anaavran kiyaa aur diwali ki shubhkaamnaaein aapko...!!
बहुत सुन्दर........सही मायनो में तो यही दीप जल जाये तो रास्ता सुगम हो जाता है विराट से जुड़ जाने का............हैट्स ऑफ इस पोस्ट के लिए आपको|
सफल प्रयास.... सुन्दर अभिवयक्ति.... शुभ दिवाली....
kya gahan abhivyakti hai.....maan gaye.
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-680:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
भावपरक कविता
आपको दीपावली एवं नववर्ष की सपरिवार ढेरों शुभकामनाएं !
३५० पोस्ट की बधाई ...
सुन्दर भाव लिए ... दीपावली की मंगल कामनाएं ...
350वीं पोस्ट की बधाई
आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!
संजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
आत्मदीप ही सार्थक दीप है
very expressive.
झिलमिलाती, जगमगाती पोस्ट.
बहुत सुंदर ! मन में जला आत्मा का दीपक जीवन की हर राह को प्रकाशित कर जाता है...
सुन्दर कविता... ३५०वि पोस्ट की हार्दिक बधाई... आप हजारों रचनाएँ लिखे यही कामना है...
सृजन-प्रवाह यूँ ही अनवरत चलता रहे । बधाई व दीपावली की मंगल-कामनाएं
सुन्दर भाव..३५९वी पोस्ट की बधाई..
350वीं पोस्ट की हार्दिक बधाई...आत्मदीप का प्रकाश ही सच्चा प्रकाश है..बहुत सुन्दर
आत्मदीप जल गया
जीवन हो सफल गया
दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें....
वन्दना जी नमस्कार, सुन्दर भाव उम्मीदों का-----मेरे ब्लाग पर भी आपका स्वागत है।
बहुत ही सुन्दर भाव..
350वीं पोस्ट की बधाई
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