किसे दूँ कैसे दूँ
कौन सी दूँ कामना
जो शुभ हो जाए
बरस सच मे
नव वर्ष बन जाये
यहाँ तो खाली गिलास है
और दूध भी पास नही
प्यास कोई है नही
तो दरिया भी पास नही
कैसे भरे पैमाना
जो छलक छलक जाये
बरस सच मे
नव वर्ष बन जाये
यहाँ तो रुका हुआ कारवाँ है
और साथी ना कोई साथ है
भीड है , महफ़िल है
मगर फिर भी
तन्हाई का साथ है
किसे दूँ आवाज़
जो गीत कोई बन जाये
बरस सच मे
नव वर्ष बन जाये
12 टिप्पणियां:
नव वर्ष पर ये उदासी भरी नज़म ...
२०१२ की खुशी का जाम पीजिए और आनद लीजिए तन्हाई को भूल जाइए ...
आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की मंगल कामनाएं ...
वन्दना जी, यह धरती, आसमान और हवा सभी तो आपकी ओर निहार रहे हैं और आपके भीतर बैठा वह कान्हा भी प्रतीक्षा रत है आपकी शुभकामना के लिये...फिर हम भी तो हैं आपकी कविताओं के पाठकगण..और हमारा यह देश, इसके करोडों बाशिंदे ...सभी तो आपके अपने हैं..आपके दिल की गहराई से निकले शब्द जर्रे जर्रे पर अपना असर छोड़ते हैं...आपको पता ही नहीं कि आप क्या हैं!
मनोभावों से लबरेज़ रचना.
नया साल आपके लिए ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये.
नव वर्ष आपके लिए तमाम खुशियाँ लेकर आये.
kise doon awaaz ?
ye sawaal har saal naye saal ke pahle aataa hai
sundar
नव वर्ष के सृष्टा सूरज और धरती ही बधाई के पात्र हैं।
इनके साथ आपको भी बधाई और शुभकामनाएं।
happy new year to u madam....
meri nayi post pe aapka intezaar hai!
किसे दूँ आवाज़
जो गीत बन जाए
आगाज़ होगा तो हर आवाज़ गीत बनेगी
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ...नव वर्ष की शुभकामनाएँ ।
मिलकर मनाएं नववर्ष हम
बहुत बहुत शुभकामनाएं !
मिलकर मनाएं नववर्ष हम
बहुत बहुत शुभकामनाएं !
सच में किसे शुभकामनाये दे ?
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