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शनिवार, 28 जुलाई 2012

आयाम बिंधने के

कभी कभी
बिना बिंधे भी
बिंध जाता है कहीं कुछ
सूईं धागे की जरूरत ही नहीं होती
शब्दों की मार
तलवार के घाव से
गहरी जो होती है
मगर
कभी कभी
शब्दों की मार से भी परे
कहीं कुछ बिंध जाता है
और वो जो बिंधना होता है ना
शिकायत से परे होता है
क्या तो तलवार करेगी
और क्या शब्द

नज़र की मार के आगे
बिना वार किये भी वार करने का अपना ही लुत्फ़ होता है ........है ना जानम !!!!

18 टिप्‍पणियां:

सदा ने कहा…

वाह ... बेहतरीन

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

:):)

किसी ने कहा भी है :):)
तीर क्यों मारते हो तलवार मार दो
हम तो यूं ही मर जाएँगे , बस ज़रा सी आँख मार दो :):)

रश्मि प्रभा... ने कहा…

एक लफ्ज़- वाह

Anita ने कहा…

नजर से बिंधने वाला भी घायल होता है और बींधने वाला भी...तो लुत्फ़ दोनों को बराबर का मिलता है...

नीरज गोस्वामी ने कहा…

वंदना जी आपके ब्लॉग पर देरी से आने के लिए पहले तो क्षमा चाहता हूँ. कुछ ऐसी व्यस्तताएं रहीं के मुझे ब्लॉग जगत से दूर रहना पड़ा...अब इस हर्जाने की भरपाई आपकी सभी पुरानी रचनाएँ पढ़ कर करूँगा....कमेन्ट भले सब पर न कर पाऊं लेकिन पढूंगा जरूर

आपकी इस रचना के लिए ये ही कहूँगा कि कमाल किया है आपने...वाह...


ज़ख्‍म जो देती है ये, ताउम्र वो भरते नहीं
खंज़रों से तेज़ होती हैं, ज़बां की आरियाँ



नीरज

Unknown ने कहा…

सुन्दर और गहन प्रस्तुति बधाई

बेनामी ने कहा…

करके घायल मुझे उसका भी बुरा हाल हुआ :-))

Kailash Sharma ने कहा…

कभी कभी
बिना बिंधे भी
बिंध जाता है कहीं कुछ
सूईं धागे की जरूरत ही नहीं होती

....बहुत सच कहा है...हर पंक्ति के गहन भाव दिल को छू जाते हैं..बहुत सुन्दर

शिवनाथ कुमार ने कहा…

बहुत खूब ...

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

शब्दों की चोट बहुत गहरी होती हैं ....अद्भुत लेखनी

विभूति" ने कहा…

.शब्दों की अनवरत खुबसूरत अभिवयक्ति...... .

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

एक एक शब्द बिंध जाता है..

ZEAL ने कहा…

waah...loving it...

vijay kumar sappatti ने कहा…

वंदना , बहुत खूबसूरत ... प्यारी सी कविता

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

क्या बात है... वाह!
[सादर क्षमा निवेदन सहित... अजय देवगन गाता नजर आने लगा है पढ़ के...:))]

Kunwar Kusumesh ने कहा…

गहन भाव दिल को छू जाते हैं.बहुत सुन्दर.

Asha Lata Saxena ने कहा…

"शब्दों की मार
तलवार के धार से
गहरी होती है "
बहुत सुन्दर रचना है |
आशा

Shona ने कहा…

बेहतरीन