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सोमवार, 16 दिसंबर 2013

पानी का भी कोई आकार होता है क्या ?

कुछ तस्व्वुर सिर्फ़ ख्यालों की धरोहर ही होते हैं

आकार पाते ही नहीं......
............
लफ़्ज़ भी बेमानी हो जाते हैं वहाँ 

और तुम परे हो इन सबसे 

ना लफ़्ज़ , ना आकार , ना रूप , ना रंग

मगर फिर भी हो तुम यहीं कहीं 

मेरे हर पल मे, हर सांस मे, हर धडकन मे 

बताओ तो ज़रा बिना तस्व्वुर की मोहब्बत का हश्र 

पानी का भी कोई आकार होता है क्या ?

10 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सच है..

Rajesh Kumari ने कहा…

आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १७/१२/१३को चर्चामंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहाँ हार्दिक स्वागत है

Dr. sandhya tiwari ने कहा…

bahut hi sundar bhav

वाणी गीत ने कहा…

पानी , हवा, धूप का आकार कहाँ , जिस से होकर गुजरे , जिसमे समाये , उस जैसा ही !

Anita ने कहा…

रहिमन पानी राखिये...पानी सा ढल जाना आ जाये जिसे वह प्रेम बच जाता है

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…

पानी तो पानी होता,रूप रंग में ग्यानी होता है
रूप हजारों इसके होते, जीवन का दानी होता है

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

बहुत खूब

Unknown ने कहा…

सुन्दर दार्शनिक भावों का संचार करती प्रस्तुति

Unknown ने कहा…

bahut shi

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

कल 19/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!