" लो जी बच्चा बड़ा हो गया " .२० वर्ष पूरे होते ही टीन एज ख़त्म .......... :)
नव प्रभात ने घूंघट खोला
नव रश्मियों से स्वागत कर
उन्नति का मार्ग प्रशस्त करे
मनोकामना पूर्ण हो तुम्हारी
मगर हृदय में भान रहे
शोषित उपेक्षित वर्ग के प्रति
मन में सदा सम्मान रहे
जीवन के नए अर्थ ग्रहण कर
आगे बढ़ते जाना
पर मूल्यों और संस्कृति का भी
ह्रास न होने पाये
इतना ध्यान भी देते रहना
उम्र के नाजुक दौर से निकल चुके हो
हर नारी का सम्मान करना और
माँ का सिर न कभी झुकने देना
बस अब यही दुआ और सीख दे सकती हूँ
माँ हूँ न सिर्फ दुआएं देकर ही
न कर्त्तव्य की इतिश्री कर सकती हूँ
दुआओं के साथ उचित मार्गदर्शन करना ही
एक माँ का कर्तव्य होता है
या शायद यही माँ होने का वास्तविक अर्थ होता है
सफल सार्थक खुशहाल जीवन की शुभकामनाओं के साथ नए विचारों , नयी खुशियों से ओत -प्रोत नव जीवन में स्वागत है तुम्हारा
चाहती तो थी आज ग्रैंड सैलीब्रेशन हो मगर बेटे ने ही मना कर दिया ये कहकर कि इतना पैसा जो आप लगाओगे वो कहीं दान कर देना किसी जरूरतमंद को दे देना तो उसके बाद कुछ कहने को बचा ही नहीं ईश्वर उसे इसी तरह सदबुद्धि प्रदान करता रहे ………इसके बाद एक माँ को और क्या चाहिये भला :)
11 टिप्पणियां:
भाई को जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक।
ईश्वर उन्हें हमेशा सफलता प्रदान करें।
सादर
माँ और बेटे दोनों को ढेर सारी बधाई !
पुत्र को 20 वर्ष का होने पर जन्म दिन की हार्दिक बधायी और आपको शुभकामनाएँ।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (06-07-2014) को "मैं भी जागा, तुम भी जागो" {चर्चामंच - 1666} पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया
शुभकामनाऐं ।
वास्तव में रचना भावप्रधान है !
वास्तव में रचना भावप्रधान है !
वास्तव में रचना भावप्रधान है !
माँ के दिये संस्कार बेटे ने जीवन में उतार लिए -दोनों को बधाई और शुभ कामनाएँ !
बेटे के लिए बहुत बढ़िया सीख। .
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत शुभकामनायें भाई को!
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