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सोमवार, 27 जुलाई 2015

'अतिथि देवो भव '


आइये आपका स्वागत है 
हमारे देश में 

कीजिए आतंकी हमला 
हम आपको सलाम ठोकेंगे 
सालों केस चलाएंगे 
फाँसी की सजा मुक़र्रर करेंगे 
और फिर आपके कुछ नपुंसक हमदर्द 
मानवाधिकार का हवाला दे 
फाँसी के विरोध में याचिका दे छुडवा ले जायेंगे 

यहाँ इंसान नहीं बसते 
आपके कत्लो गारत के लिए 
थाली में सजा पेश करते 
स्वीकारिये और हमें नवाजिये
आइये आपका स्वागत है 

ये देश है नपुंसकों गद्दारों का 
आतंकियों को बचाने  वालों का 
इनकी डिग्निटी का क्या कहना 
ये देश है आतंकियों  का गहना 
तो फिर आइये आपका स्वागत है 

क्योंकि
हम तो बस इतना ही जानते हैं 
'अतिथि देवो भव ' ...........

( सन्दर्भ : पंजाब आतंक हमला और याकूब मेनन फाँसी )

आखिर कब तक ये सब चलता रहेगा ?
आखिर कब तक हम अपनों के दर्द को भूल दुश्मन से सहानुभूति रखते रहेंगे ?
दिल में होली जल रही है :(

3 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

पोस्ट दिल को छू गयी.......

Unknown ने कहा…

सही तंज.. कुछ लोग पता नहीं क्यों भारत की खाकर भी भारत की नहीं सोचते..

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

क्या बात कही है वन्दना जी वाह ...