दोस्तों,
चलिए आज मिल लीजिये खुद से भी यहाँ पर ...........गर्भनाल के दिसम्बर अंक में आप सबके ब्लोग्स का जिक्र है ...........जो रह जाते हैं वो अफ़सोस न करें उन्हें अगले अंकों में स्थान मिलता रहेगा.........मैंने जो चर्चा आप सबके बारे में की है उसे यहाँ लगा रही हूँ क्यूंकि पीडीऍफ़ में होने के कारण वो लिंक ओपन नहीं हो पाता और आप सब पढ़ नहीं पाते इसलिए मैंने सोचा वो आलेख पूरा यहीं लगा देती हूँ .........वैसे गर्भनाल का लिंक भी दे रही हूँ अगर आप चाहें तो उस लिंक को ओपन करके भी पेज ३२-३३ पर पढ़ सकते हैं.
https://mail-attachment.googleusercontent.com/attachment?ui=2&ik=83ac09a125&view=att&th=133f343d80300e1e&attid=0.1&disp=inline&realattid=f_gvlsgt3y0&safe=1&zw&saduie=AG9B_P-sqdOOtE1oq5h2pgM3cTYR&sadet=1322805836144&sads=RkBPSFnmQTBe-GNLxEjwP9M4qMQ
ये है आपकी चर्चा………
हम और हमारी लेखनी ब्लोग http://gita-pandit.blogspot.
सतीश सक्सैना अपने ब्लोग मेरे गीत http://satish-saxena.blogspot.
पर अपना परिचय कुछ इस प्रकार देते है जिससे उनके व्यक्तित्व की गहराई का पता चलता है , उनके ही शब्दो मे……
जब से होश संभाला, दुनिया में अपने आपको अकेला पाया, शायद इसीलिये दुनिया के लिए अधिक संवेदनशील हूँ ! कोई भी व्यक्ति अपने आपको अकेला महसूस न करे इस ध्येय की पूर्ति के लिए कुछ भी ,करने के लिए तैयार रहता हूँ ! नियमित रक्तदाता हूँ, मरने के बाद किसी के काम आ जाऊं अतः बरसों पहले अपोलो हॉस्पिटल में देहदान कर चुका हूँ ! विद्रोही स्वभाव,अन्याय से लड़ने की इच्छा, लोगों की मदद करने में सुख मिलता है ! निरीहता, किसी से कुछ मांगना, झूठ बोलना और डर कर किसी के आगे सिर झुकाना बिलकुल पसंद नहीं ! ईश्वर से प्रार्थना है कि अन्तिम समय तक इतनी शक्ति एवं सामर्थ्य अवश्य बनाये रखे कि जरूरतमंदो के काम आता रहूँ , भूल से भी किसी का दिल न दुखाऊँ और अंतिम समय किसी की आँख में एक आंसू देख प्राण त्याग कर सकूं !
और इन्ही संवेदनाओ को कभी आलेख तो कविताओ मे उतारते हैं।
संगीता स्वरुप जी अपने ब्लॉग बिखरे मोती http://gatika-sangeeta.
अपने बारे में सिर्फ इतना कहती हैं --------
कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ... मन के भावों को कैसे सब तक पहुँचाऊँ कुछ लिखूं या फिर कुछ गाऊँ । चिंतन हो जब किसी बात पर और मन में मंथन चलता हो उन भावों को लिख कर मैं शब्दों में तिरोहित कर जाऊं । सोच - विचारों की शक्ति जब कुछ उथल -पुथल सा करती हो उन भावों को गढ़ कर मैं अपनी बात सुना जाऊँ जो दिखता है आस - पास मन उससे उद्वेलित होता है उन भावों को साक्ष्य रूप दे मैं कविता सी कह जाऊं.
शायद इसके बाद कहने को कुछ नही बचता और यदि बचता है तो वो उनकी कविताओं मे परिलक्षित होता है।
स्वराज्य करुण जी अपने ब्लोग दिल कि बात
http://swaraj-karun.blogspot.
हर कविता सोचने को विवश करती है और एक प्रश्न छोड जाती है जिसमे पाठक उलझ जाता है।
घुघुती बासूती ब्लोगhttp://ghughutibasuti.
हमारी नयी ब्लोगर जैसा नाम वैसी ही लगती हैं । वैसी ही हलचल उनकी पोस्ट पर होती है रुनझुन सी………रुनझुन ब्लोगhttp://praanjalideep.blogspot.
चंद्रमा , तारामंडल , ग्रहों , सौरमंडल, खगोलीय घटनाओं के बारे में रूचि रखने वालों के लिए ये ब्लॉग एक आश्चर्यजनक खजाना है .
विज्ञानं में रूचि रखने वालों के लिए विज्ञानं विश्व http://vigyan.wordpress.com/
चलिए आज मिल लीजिये खुद से भी यहाँ पर ...........गर्भनाल के दिसम्बर अंक में आप सबके ब्लोग्स का जिक्र है ...........जो रह जाते हैं वो अफ़सोस न करें उन्हें अगले अंकों में स्थान मिलता रहेगा.........मैंने जो चर्चा आप सबके बारे में की है उसे यहाँ लगा रही हूँ क्यूंकि पीडीऍफ़ में होने के कारण वो लिंक ओपन नहीं हो पाता और आप सब पढ़ नहीं पाते इसलिए मैंने सोचा वो आलेख पूरा यहीं लगा देती हूँ .........वैसे गर्भनाल का लिंक भी दे रही हूँ अगर आप चाहें तो उस लिंक को ओपन करके भी पेज ३२-३३ पर पढ़ सकते हैं.
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ये है आपकी चर्चा………
दोस्तों
आज हिंदी और ब्लोगिंग एक दूसरे के पर्याय नज़र आते हैं । एक बार जब संभावनायें अपने लिये जमीन तैयार कर लें तो उस पर जो चाहे जैसी चाहे खेती की जा सकती है । कितनी ही फ़सलें बोयी जा सकती हैं और मनचाहे परिणाम पाये जा सकते हैं और इसका जीता जागता उदाहरण हिंदी ब्लोगिंग है जहां रोज नये पुराने ब्लोगर्स ने एक ऐसा माहौल , एक ऐसी जमीन तैयार की है कि अब हर आने वाले नये ब्लोगर को पता ही नही चलता कि कब आया और कब सबमे घुलमिल गया जैसे दूध मे शक्कर और फिर अपनी मिठास से सबके ह्रदयों पर राज करना इतना आसान हो जाता है कि कभी परायेपन का आभास ही नही होता ।
आज ब्लोगर्स ने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनायी है जो हिंदी के प्रसार मे अपना अमूल्य योगदान दे रही है साथ ही साहित्य को एक नयी दिशा……साहित्य हर युग मे बदला है हर बार साहित्य ने नये आयाम तय किये हैं और आज साहित्य की जमीन पर ब्लोगरों ने कब्ज़ा करना शुरु कर दिया है और वो दिन दूर नही जब साहित्य जगत मे ब्लोगरों की काबिलियत का परचम लहरायेगा।
अगर जानना चाहते हैं कि कैसे ब्लोगरों ने अपना आधिपत्य जमाना शुरु किया है तो सबसे पहले उनसे मिलना होगा उनकी सोच को जानना और समझना होगा इसलिये चलिये आज मिलते हैं इसी कडी मे कुछ और शानदार ब्लोग के स्वामियों से ………
सबसे पहले मिलिये ………
बी एस पाबला जी का ब्लोग कम्प्यूटर सुरक्षा http://pcsuraksha.blogspot.
साईंस ब्लोगर एसोसियेशन आफ़ इंडिया ब्लोग पर एक से बढकर एक नयी जानकारियां उपलब्ध कराई जाती है
http://sb.samwaad.com/2011/08/
राजीव जायसवाल अपने ब्लोग राजीव जायसवाल पर http://rajiv-jayaswal.
पेशे से सी ए और मन से कवि | दिल्ली में निवास | आध्यात्मिकता व परमात्मा की सार्वभौमिकता में विश्वास |
चंद शब्दों में संपूर्ण परिचय दे दिया जिसकी बानगी उनकी कविताओं में भी दिखती है ........
रोज सुबह जीते हैं/रात को मर जाते हैं/दिन के दावानल को/मेहनत के मेघ/भिगो जाते हैं/रात के सन्नाटे में/कोलाहल सपनों के/हम को जगा जाते हैं |
जीवन की किताब और दर्द के पन्ने ब्लोग http://anandkdwivedi.blogspot.
जैसे पानी का एक बुलबुला /सपना तो/बिलकुल भी नहीं था/था तो हकीकत ही .../मगर/इन कमबख्त बुलबुलों की/उम्र ही कितनी होती है/कुछ तो आवाज़ भी नहीं करते ..../मेरा प्यार..../खामोश बुलबुला तो नहीं था न ?
फिर चाहे अध्यात्मिक चिन्तन ही क्यो ना हो कितनी मिठास होती है उसे यहाँ महसूस किया जा सकता है ……
माधव !/सुना है तुम/केवल प्रेम से मिलते हो../चाहत से नही..ना ?/तो,/मेरा एक काम करदो/जब तक/मुझे प्रेम ना हो जाए/तब तक/न तो मेरी प्रेम की प्यास मिटे/न ये चाहत/देख लो/मुझे/कई जन्म लग सकते हैं !
अपने नाम को सार्थक करते आनन्द जी आनन्द की गंगा ही बहाते रहते हैं।
अविनाश वाचस्पति जी का साझा ब्लोग नुक्कड http://www.nukkadh.com/ अपने नाम के अनुरूप है जहाँ हर कोई अपनी बात रख सकता है, नयी से नयी जानकारियाँ साझा कर सकता है। जैसे गली के नुक्कड पर जाकर सारे जहाँ की जानकारी मिल जाती है वैसे ही यहाँ भी फिर चाहे ब्लोगजगत की हो या किसी साहित्य जगत की या राजनैतिक, सामाजिक या धार्मिक्……कोई भी क्षेत्र अछूता नही है ।
केवल राम ब्लोग जगत पर शोध कर रहे है दिल्ली युनिवर्सिटी से और अपना ब्लोग भी लिखते है चलते -चलते ....! http://www.chalte-chalte.com/
एक से बढ़कर एक आलेख ज़िन्दगी को दिशा देते हैं. इतनी छोटी उम्र में इतनी गहन श्रद्धा का होना काबिल ए तारीफ है . हर आलेख सार्थक दिशा देता है और जीवन को देखने और समझने का नजरिया प्रदान करता है .आज हिंदी और ब्लोगिंग एक दूसरे के पर्याय नज़र आते हैं । एक बार जब संभावनायें अपने लिये जमीन तैयार कर लें तो उस पर जो चाहे जैसी चाहे खेती की जा सकती है । कितनी ही फ़सलें बोयी जा सकती हैं और मनचाहे परिणाम पाये जा सकते हैं और इसका जीता जागता उदाहरण हिंदी ब्लोगिंग है जहां रोज नये पुराने ब्लोगर्स ने एक ऐसा माहौल , एक ऐसी जमीन तैयार की है कि अब हर आने वाले नये ब्लोगर को पता ही नही चलता कि कब आया और कब सबमे घुलमिल गया जैसे दूध मे शक्कर और फिर अपनी मिठास से सबके ह्रदयों पर राज करना इतना आसान हो जाता है कि कभी परायेपन का आभास ही नही होता ।
आज ब्लोगर्स ने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनायी है जो हिंदी के प्रसार मे अपना अमूल्य योगदान दे रही है साथ ही साहित्य को एक नयी दिशा……साहित्य हर युग मे बदला है हर बार साहित्य ने नये आयाम तय किये हैं और आज साहित्य की जमीन पर ब्लोगरों ने कब्ज़ा करना शुरु कर दिया है और वो दिन दूर नही जब साहित्य जगत मे ब्लोगरों की काबिलियत का परचम लहरायेगा।
अगर जानना चाहते हैं कि कैसे ब्लोगरों ने अपना आधिपत्य जमाना शुरु किया है तो सबसे पहले उनसे मिलना होगा उनकी सोच को जानना और समझना होगा इसलिये चलिये आज मिलते हैं इसी कडी मे कुछ और शानदार ब्लोग के स्वामियों से ………
सबसे पहले मिलिये ………
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रोज सुबह जीते हैं/रात को मर जाते हैं/दिन के दावानल को/मेहनत के मेघ/भिगो जाते हैं/रात के सन्नाटे में/कोलाहल सपनों के/हम को जगा जाते हैं |
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जैसे पानी का एक बुलबुला /सपना तो/बिलकुल भी नहीं था/था तो हकीकत ही .../मगर/इन कमबख्त बुलबुलों की/उम्र ही कितनी होती है/कुछ तो आवाज़ भी नहीं करते ..../मेरा प्यार..../खामोश बुलबुला तो नहीं था न ?
फिर चाहे अध्यात्मिक चिन्तन ही क्यो ना हो कितनी मिठास होती है उसे यहाँ महसूस किया जा सकता है ……
माधव !/सुना है तुम/केवल प्रेम से मिलते हो../चाहत से नही..ना ?/तो,/मेरा एक काम करदो/जब तक/मुझे प्रेम ना हो जाए/तब तक/न तो मेरी प्रेम की प्यास मिटे/न ये चाहत/देख लो/मुझे/कई जन्म लग सकते हैं !
अपने नाम को सार्थक करते आनन्द जी आनन्द की गंगा ही बहाते रहते हैं।
अविनाश वाचस्पति जी का साझा ब्लोग नुक्कड http://www.nukkadh.com/ अपने नाम के अनुरूप है जहाँ हर कोई अपनी बात रख सकता है, नयी से नयी जानकारियाँ साझा कर सकता है। जैसे गली के नुक्कड पर जाकर सारे जहाँ की जानकारी मिल जाती है वैसे ही यहाँ भी फिर चाहे ब्लोगजगत की हो या किसी साहित्य जगत की या राजनैतिक, सामाजिक या धार्मिक्……कोई भी क्षेत्र अछूता नही है ।
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पर अपना परिचय कुछ इस प्रकार देते है जिससे उनके व्यक्तित्व की गहराई का पता चलता है , उनके ही शब्दो मे……
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और इन्ही संवेदनाओ को कभी आलेख तो कविताओ मे उतारते हैं।
अपने बारे में सिर्फ इतना कहती हैं --------
कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ... मन के भावों को कैसे सब तक पहुँचाऊँ कुछ लिखूं या फिर कुछ गाऊँ । चिंतन हो जब किसी बात पर और मन में मंथन चलता हो उन भावों को लिख कर मैं शब्दों में तिरोहित कर जाऊं । सोच - विचारों की शक्ति जब कुछ उथल -पुथल सा करती हो उन भावों को गढ़ कर मैं अपनी बात सुना जाऊँ जो दिखता है आस - पास मन उससे उद्वेलित होता है उन भावों को साक्ष्य रूप दे मैं कविता सी कह जाऊं.
शायद इसके बाद कहने को कुछ नही बचता और यदि बचता है तो वो उनकी कविताओं मे परिलक्षित होता है।
स्वराज्य करुण जी अपने ब्लोग दिल कि बात
http://swaraj-karun.blogspot.
मनचाहे दाम पर 'सत्यवादी पुरस्कार ' !के
इस अंश में देखिये ........अर्थ का अनर्थ कर /जो जितना फैला सकता है /तरह-तरह के प्रदूषण /वो ही कहलाता है यहाँ आज/इस देश का पद्म-विभूषण !हर कविता सोचने को विवश करती है और एक प्रश्न छोड जाती है जिसमे पाठक उलझ जाता है।
घुघुती बासूती ब्लोगhttp://ghughutibasuti.
हमारी नयी ब्लोगर जैसा नाम वैसी ही लगती हैं । वैसी ही हलचल उनकी पोस्ट पर होती है रुनझुन सी………रुनझुन ब्लोगhttp://praanjalideep.blogspot.
चंद्रमा , तारामंडल , ग्रहों , सौरमंडल, खगोलीय घटनाओं के बारे में रूचि रखने वालों के लिए ये ब्लॉग एक आश्चर्यजनक खजाना है .
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रेडिओ नामा ब्लॉग http://radionamaa.blogspot.
रेडियोनामा रेडियो-विमर्श का सामूहिक-प्रयास है। अगर आप भी रेडियो-प्रेमी हैं और रेडियो से जुड़ी अपनी यादें या बातें हमारे साथ बांटना चाहते हैं तो आपका स्वागत है।
पेशे से डॉक्टर और खुद को iron lady बताने वाली दिव्या जी के ब्लॉग ज़ीलhttp://www.blogger.com/
अब मिलवाती हूँ एक ऐसी शख्सियत से जिनके ११ ब्लॉग हैं जिन पर वो सक्रिय हैं . यूँ तो वो २००९ से ही ब्लॉगजगत में पधारे हैं मगर उन्होंने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है .
ये हैं आदरणीय डॉक्टर रूप चन्द्र शास्त्री मयंक जी जिनका मुख्य ब्लॉग है -----------उच्चारणhttp://
हर विधा को आयाम दिया है शास्त्री जी ने अपने लेखन में फिर चाहे देश हो , समाज हो , प्रेम हो या मौसम कोई भी कोना, कोई भी रस उनकी दृष्टि से छूटा नहीं है और यही उनके लेखन की व्यापकता का आभास कराता है .
अब मिलवाती हूँ एक नयी ब्लोगर सर्जना शर्मा जी से जो पत्रकारिता के पेशे से जुडी हैं और २०१० में ही ब्लॉगजगत में पदार्पण किया है मगर अपनी मीठी मीठी रस भारी बातों से सबका मन मोह लेटी हैं तभी तो उन्होंने अपने ब्लॉग का नाम भी तो रखा है रसबतिया. http://rasbatiya.blogspot.com/ जिस पर कभी तो विवाह में सप्तपदी का महत्त्व बताती हैं तो कभी सावन में हरियाली तीज के महात्व को तो कभी लोहड़ी तो कभी माघ के महीने का महत्त्व बताते हुए वो अपने देश कि संस्कृति से परिचित कराती हैं और वो भी इतने मोहक और चित्ताकर्षक अंदाज़ में कि पाठक बिना रुके एक सांस में पूरा पढ़ जाता है और जब पोस्ट ख़त्म होती है तो भी उसी में खोया रहता है और यही उनके लेखन की सफलता है.
रेडियोनामा रेडियो-विमर्श का सामूहिक-प्रयास है। अगर आप भी रेडियो-प्रेमी हैं और रेडियो से जुड़ी अपनी यादें या बातें हमारे साथ बांटना चाहते हैं तो आपका स्वागत है।
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ये हैं आदरणीय डॉक्टर रूप चन्द्र शास्त्री मयंक जी जिनका मुख्य ब्लॉग है -----------उच्चारणhttp://
हर विधा को आयाम दिया है शास्त्री जी ने अपने लेखन में फिर चाहे देश हो , समाज हो , प्रेम हो या मौसम कोई भी कोना, कोई भी रस उनकी दृष्टि से छूटा नहीं है और यही उनके लेखन की व्यापकता का आभास कराता है .
अब मिलवाती हूँ एक नयी ब्लोगर सर्जना शर्मा जी से जो पत्रकारिता के पेशे से जुडी हैं और २०१० में ही ब्लॉगजगत में पदार्पण किया है मगर अपनी मीठी मीठी रस भारी बातों से सबका मन मोह लेटी हैं तभी तो उन्होंने अपने ब्लॉग का नाम भी तो रखा है रसबतिया. http://rasbatiya.blogspot.com/ जिस पर कभी तो विवाह में सप्तपदी का महत्त्व बताती हैं तो कभी सावन में हरियाली तीज के महात्व को तो कभी लोहड़ी तो कभी माघ के महीने का महत्त्व बताते हुए वो अपने देश कि संस्कृति से परिचित कराती हैं और वो भी इतने मोहक और चित्ताकर्षक अंदाज़ में कि पाठक बिना रुके एक सांस में पूरा पढ़ जाता है और जब पोस्ट ख़त्म होती है तो भी उसी में खोया रहता है और यही उनके लेखन की सफलता है.
२००९ से ब्लोगिंग में पदार्पण करने वाले पेशे से पत्रकार खुशदीप सहगल अपने ब्लॉग देशनामा
http://www.deshnama.com/2011/
पर आज कि राजनैतिक ,सामाजिक ज्वलंत समस्याओं का चित्रण अपने ब्लॉग पर करते हैं .फिर उसके लिए चाहे सरकार को ही आड़े हाथों क्यूँ ना लेना पड़े अपनी हर बात निर्भीकता से रखते हैं और यही उनके लेखन का कमाल है ।
पर आज कि राजनैतिक ,सामाजिक ज्वलंत समस्याओं का चित्रण अपने ब्लॉग पर करते हैं .फिर उसके लिए चाहे सरकार को ही आड़े हाथों क्यूँ ना लेना पड़े अपनी हर बात निर्भीकता से रखते हैं और यही उनके लेखन का कमाल है ।
 


 
27 टिप्पणियां:
वाह आपने तो पुरे ब्लॉग सागर का सागर मंथन कर दिया
निहायत ही खूबसूरत प्रस्तुति !
सबकी लेखनी का कमाल देखा आपकी लेखनी से ..बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ..आप यूं ही हमेशा अपनी कलम का जादू बिखेरती रहें ... शुभकामनाएं ।
वंदना जी क्या है ये..... एकदम अनूठा प्रयास अभिभूत हूँ आपकी टिपण्णी से जो आपने लिंक्स के साथ दिया है बहुत बहुत साधुवाद आपको !
लगभग सभी ब्लॉग घूम आया हूँ एक दो को छोड़कर आपने स्तर का विशेष ख्याल रखा है इस बार !!
एक बहुत ही श्रमसाध्य कार्य को अंजाम दिया है आपने।
वंदना जी आप की सशक्त लेखनी को सलाम..
Dear Vandana ji ,
Very nicely you have introced many bloggers of Hindi-jagat. Thanks for including me as well, but unfortunately when i clicked on my link , it didn't work.
सारे ब्लॉग बड़े स्तरीय हैं
आपकी लेखनी कमाल की है आभार
बहुत मेहनत लगी होगी, किंतु मेहनत कामयाब हुई.इतनी सुंदर पोस्ट देख मन बाग-बाग हो गया.
कल शनिवार ... 03/12/2011को आपकी कोई पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
well compiled!!!
बहुत अच्छा लगा जानकर .....
बहुत ही स्तरीय ब्लोग्स को चुनकर उनकी बात की है वंदनाजी
डॉ. मोनिका शर्मा
अच्छी समीक्षा है...
कमाल की जानकारी इकठ्ठी की है आपने...बधाई
नीरज
बढ़िया एवं अनूठा प्रयास किया है आपने , आभार !
अधिकतर लिंक्स में एक गलती है .....हटमल की जगह html होना चाहिए ! कृपया ठीक करदें अन्यथा कोई लिंक नहीं खुलेगा !
शुभकामनायें
वाह!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
वाह! वंदना जी,आपकी प्रस्तुति रोचक और अनूठी है.ब्लॉग जगत की ऊँची हस्तियों से परिचय करवा कर अनुपम जानकारियाँ दी हैं आपने.
प्रस्तुति के लिए दिल से आभार.
bahut achchhi post...
इस प्रकार की ब्लाग चर्चा की आवश्यकता महसूस हो रही थी, आपने शुरुआत की, शुभकामनाएं।
कई नये ब्लाग की लिंक आपने दी है, पढ़ने का प्रयास रहेगा।
ब्लाग मंथन का सार्थक प्रयास , आभार
मेरे ब्लॉग के बारे में लिखा अत: आभार. इतने सारे अन्य ब्लॉग्स कि जानकारी देने के लिए आपने बहुत मेहनत की होगी सो और भी अधिक आभार.कुछ नए ब्लॉग पढ़ने को मिले.
घुघूतीबासूती
सादुवाद .... सभी ब्लोगेर अपनी अलग पहचान रखते हैं ...
check my blog too.
hindipoemperls.blogspot.com
मज़ेदार,वाह.
ग़ज़ब का कवरेज़.
आंटी सबसे पहले तो मैं आपसे माफ़ी चाहूँगी कि मैं इतने दिनों बाद यहाँ आ सकी... इसके दो कारण हैं पहला तो ये कि कुछ कारणवश मैं इन दिनों ब्लॉग जगत में नहीं आ पा रही थी..और दूसरी वजह ये कि आपका ये मैसेज न जाने कैसे स्पैम में अटक गया था...आज ही मैंने इए देखा और तुरंत यहाँ आ पहुँची... यहाँ इतने अच्छे-अच्छे ब्लॉग के बीच खुद को देख कितनी खुशी हुई मैं बता नहीं सकती...आंटी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया मेरे ब्लॉग को पसंद करने और उसे यहाँ स्थान देने के लिए... उम्मीद है आगे भी आपका प्यार और आशीर्वाद यूँ ही मेरे साथ रहेगा...:)
mail dwara
"रुनझुन" ने आपकी पोस्ट " आपकी ब्लोग चर्चा यहाँ भी है " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
आंटी सबसे पहले तो मैं आपसे माफ़ी चाहूँगी कि मैं इतने दिनों बाद यहाँ आ सकी... इसके दो कारण हैं पहला तो ये कि कुछ कारणवश मैं इन दिनों ब्लॉग जगत में नहीं आ पा रही थी..और दूसरी वजह ये कि आपका ये मैसेज न जाने कैसे स्पैम में अटक गया था...आज ही मैंने इए देखा और तुरंत यहाँ आ पहुँची... यहाँ इतने अच्छे-अच्छे ब्लॉग के बीच खुद को देख कितनी खुशी हुई मैं बता नहीं सकती...आंटी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया मेरे ब्लॉग को पसंद करने और उसे यहाँ स्थान देने के लिए... उम्मीद है आगे भी आपका प्यार और आशीर्वाद यूँ ही मेरे साथ रहेगा...:)
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