जब कोई
कहता है
रुकना ज़रा
एक मिनट !
आह - सी
निकल जाती है
ये एक मिनट
कितने सितम
ढाता है
ज़रा पूछो उससे
जो इंतजार
के पल
बिताता है
इस एक
मिनट में
वो कितने
जन्म जी
जाता है
ये एक मिनट
किसी के लिए
एक युग बन
जाता है
और उस युग में
दिल ना जाने
कितने जन्म
जी जाता है
और हर जन्म
किसी के
इंतज़ार में
गुज़र जाता है
मगर वो
एक मिनट
वहीं रुक
जाता है
30 टिप्पणियां:
"ये एक मिनट
किसी के लिए
एक युग बन
जाता है
और उस युग में
दिल ना जाने
कितने जन्म
जी जाता है "
वन्दना जी क्या कहु इस से अधिक कि आपने मेरे मन की कविता कह डाली... एक मिनट बहुत भारी होते है.. दो दिलो के लिये.. सुन्दर कविता...
bahut hi behtareen rachna....
sach mein intzaar to intzaar hai, chahe ek minut ka ho ya ek janam ka...
ज़रा पूछो उससे
जो इंतजार
के पल
बिताता है
इस एक
मिनट में
वो कितने
जन्म जी
जाता है
बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
वाकई समय का अपना महत्त्व है और इसे सब को समझना चाहिए.
बहुत अच्छी कविता.
ऐसा होता है एक मिनट .. सुंदर अभिव्यक्ति !!
पढ़ते हुए दिमाग कहीं खो गया था ... ऐसा एक मिनट अक्सर सभी ने महसूस किया होता है
यहीं आकर सारे मानव मस्तिष्क एक हो जाते हैं .. पिन ड्रॉप साइलेंस की एक सीटी भी बजती है कईं बार
इस रचना के लिए बहुत बहुत आभार
बहुत अच्छा बांधा है शब्दों में आपने इस एक मिनट को
जिसे महसूस करना हो ... बस इस रचना को पढने के लिए एक मिनट दो
पढ़ते हुए दिमाग कहीं खो गया था ... ऐसा एक मिनट अक्सर सभी ने महसूस किया होता है
यहीं आकर सारे मानव मस्तिष्क एक हो जाते हैं .. पिन ड्रॉप साइलेंस की एक सीटी भी बजती है कईं बार
इस रचना के लिए बहुत बहुत आभार
बहुत अच्छा बांधा है शब्दों में आपने इस एक मिनट को
जिसे महसूस करना हो ... बस इस रचना को पढने के लिए एक मिनट दो
यह एक मिनट
वाकई बहुत मुश्किल है इस एक मिनट को काट पाना.
वाह!
वंदना जी मैं भी एक मिनट में आता हूं..चलिए मैं अपनी बात कहकर ही जाता हूं नहीं तो सदियां बीत जाएंगीं। इसका उल्टा भी होता है ऐसे ही किसी एक मिनट के लिए हम घंटों नहीं सालों तक इंतजार करते हैं। और जब वह मिनट आता है तो पता ही नहीं चलता कि कब बीत गया।
sirf ek minat- namaste ji , dil se namaste ji sirf ek minat ka samay dijiye hardik dhanyabad !bahut bahut hardik dhanybad !ek minat samay dene ke liye
arganikbhagyoday.blogspot.com
is ek minat mein jo bhi padha wo sada yaad rahega ....bahut shaandar rachna!behtarin abhivyakti
सच है यह एक मिनट न जाने क्या क्या ख़याल ले आता है मन में ..बहुत सटीक रचना ...
आपकी यह रचना कल के साप्ताहिक काव्य मंच ....चर्चा मंच पर ली जा रही है ..शुक्रिया
मगर वो
एक मिनट
वहीं रुक
जाता है
--
बहुत ही भावपूर्ण रचना!
--
पूरी रचना में सुन्दर गवेषणा निहित है!
इंतहा हो गई ----इंतजार की ---।
गम्भीर अवलोकन परिवेश का।
waiting is always so strainful!
nice expression!
regards,
सच में .....यह एक मिनट जान निकाल देता है...
intzaar ki tadap ko bayan karati sundar rachana...
सापेक्षता सिद्धांत को व्याख्यायित करती कविता -क्या खूब !
बहुत जबरदस्त!
एक युग बन
जाता है
और उस युग में
दिल ना जाने
एक मिनट का यह भावमयी पोस्ट बहोत ही अच्छा लगा......धन्यवाद
आने वाले पल,
जाने वाला है,
हो सके तो इसमें,
ज़िंदगी बिता दो,
पल ये जो जाने वाला है,
आने वाला पल,
जाने वाला है...
जय हिंद...
जनाब ग़ालिब ने ठीक ही फरमाया है .........
उम्र-ए-दराज मांग कर लाए थे चार दिन ,
दो आरजू में कट गए दो इंतजार में .
सही कहा इन्तेज़ार का एक मिनट एक युग की तरह बीतता है और मिलन का एक युग एक मिनट की तरह...
बेहतरीन रचना.
नीरज
सुंदर रचना.
अच्छा विश्लेषण किया इस एक मिनट के इंतज़ार का.
सुंदर अभिव्यक्ति.
ये एक मिनट
किसी के लिए
एक युग बन
जाता है
और उस युग में
दिल ना जाने
कितने जन्म
जी जाता है "
दिल को छू लेने वाली रचना
बधाई ...
ये एक मिनट
कितने सितम
ढाता है
ज़रा पूछो उससे
जो इंतजार
के पल
बिताता है
इस एक
मिनट में
वो कितने
जन्म जी
जाता है
Waah waaah kyaa darshnik andaaz aaj dikhlaaya hai aapne Vandana ji. Samay bada bewafa hai, rahasymayi hai. kabhi - kabhi yah ek minut bhari pad jaata hai aur kabhi ek poora ka poora yug bhi bahur kam. yah to ehsaas karne ki baat hai. Samvedansheelta ka bahur jabardast prashn hai yah. Badhaii .........
i can understand this poem ...
waah vandana Di !barhia...waisa hi thought hai ye jaisa maine kaha tha ! hai na?
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