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सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

मोहब्बत के रोजे हर किसी का नसीब नहीं होते ...........




जानती हूँ जीना चाहते हो तुम 
एक मुकद्दस ज़िन्दगी 
ख्वाबों की ज़िन्दगी 
हकीकत के धरातल पर 
सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे संग ………है ना
लिखना चाहते हो सारी कायनात पर 
मोहब्बत का फ़लसफ़ा 
अपने और मेरे नाम के साथ 
हर कण मे समेट देना चाहते हो 
अपनी मोहब्बत को 
जहाँ तक सृष्टि है और जहाँ तक दृष्टि है 
वहाँ तक हर अक्स पर उकेरना चाहते हो
एक तस्वीर , एक नाम , एक शहर मोहब्बत का
जिसकी हवा भी मोहब्बत की खुशबू से महकती हो
सांसों संग रूह में उतरती हो
जर्रे जर्रे पर एक ही नाम अंकित हो
खुदा गवाह हो उस मोहब्बत का 
जहाँ कदम दर कदम 
एक दुआ मोहब्बत की 
उसकी दरगाह पर कलमे पढ़ती हो 
फिर चाहे बहती नदी हो या 
चलता बादल या रूकती जमीं 
या फिर बदलती रुत 
हर स्पंदन में सिर्फ और सिर्फ
मोहब्बत की आवाज़ गूंजती हो
हमारे नाम के साथ.........
है ना .........यही चाहते हो ना तुम
नहीं चाहते कुछ भी आधा अधूरा
सब पूरा चाहिए तुम्हें ............
मोहब्बत आधी अधूरी कब रही है 
जब भी सुनो तुम चिड़ियों की चहचाहट 
जब भी देखो तुम उन्हें छत पर 
चुग्गा चुगते हुए 
जब भी सुनो तुम मौन स्पंदन
समझना मोहब्बत ने दस्तक दी है
मौन भी तो बोलता है 
और हम तो हमेशा मौन में ही बतियाते रहे 
शब्दों से परे रहे हमारे अस्तित्व 
तभी तो कायनात के जर्रे जर्रे पर
अंकित करने की है तुम्हारी हसरत 
हमारी मोहब्बत को चाहते हो बनाना
सारी कायनात की सबसे सुन्दर प्रेम कहानी 
सब जानती हूँ ...............
मगर शायद तुम ये नहीं जानते 
ख्वाबों के गलियारों में मोहब्बत 
सुकून नहीं पाती 
अधूरेपन में ही पूर्ण होती है मोहब्बत की जिंदगानी
शायद तभी दूरियों में भी नजदीकियां भासती हैं 
और मोहब्बत लिख देती है एक इबारत .........जुदाई की 
मोहब्बत के रोजे हर किसी का नसीब नहीं होते .................है ना सनम !!!!!!!

32 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अपूर्णता भी पूर्णता पा चुकी है अब...

मदन शर्मा ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति .... आज शिव रात्रि तथा दयानंद बोध दिवस के अवसर पर आपको हार्दिक शुभकामनाये

shikha varshney ने कहा…

वाह ..मोहब्बत के रोज़े ..क्या बिम्ब है.

Rajesh Kumari ने कहा…

bahut umda prastuti

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत सुन्दर भावाभिय्यक्ति..शिव रात्रि पर हार्दिक बधाई...

Aruna Kapoor ने कहा…

मोहब्बत का बहुत सुन्दर अहसास!...शिवरात्रि के पावन पर्व पर हादिक शुभ कामनाएं!

Anita ने कहा…

सच है विरह के बिना प्रेम पूर्ण नहीं होता...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत लाजवाब ... ये कमबख्त मुहब्बत जुदाई के साथ ही आती है अक्सर ... कमाल का लिखा है ...

vidya ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

M VERMA ने कहा…

अधूरेपन में पूर्णता का एहसास ही तो मोहब्बत है
बहुत सुन्दर

India Darpan ने कहा…

बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,

India Darpan ने कहा…

बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,
शिवरात्रि की शुभकामनाएँ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ओम् नमः शिवाय!
महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

मोहब्बत ... हों ना हों नसीब में , ख़्वाबों में होते हैं ... कोई बिना मोहब्बत के नहीं चलता

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सुंदर प्रवाहमयी रचना

Atul Shrivastava ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच
पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

वाणी गीत ने कहा…

अधूरेपन में ही पूर्ण होती है मुहब्बत की जिंदगी !
क्योकि मुहब्बत के रोज़े रोज़ नहीं होते !
वाह !

Dev ने कहा…

विरह में संयोग

kanu..... ने कहा…

sahmat...bahut hi acchi kavita hai

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

मुहब्बत के एहसास जैसे ही खुमार भरे जज़्बात........

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" ने कहा…

pyar beeraan ko gulistaan bana deta hai..pyar haiwano ko insaan bana deta hai.payr ko bhakti banakar dekho..pyar patthar ko bhee bhagwan bana deta hai...premi premika ka sanidhya prem kee sarvocchata ka ahshash nahi hone deta hai..birah se chintan apni sarvocchata ko prapat karta hai..aao dua karein kee har muhabbat ka ant milan hee ho...sadar badhayee ke sath

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

अधूरेपन में ही पूर्ण होती मुहब्बत की कहानी....
वाह! बहुत सुन्दर रचना.
सादर.

Shona ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति

सदा ने कहा…

वाह ...बहुत खूब ।

Shona ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति

v.p.singh ने कहा…

very good and nice dear

मेरा साहित्य ने कहा…

khvabon ke galiyare me mohabbat ...............
lajavab pankti hai
bahut khoob
rachana

चंदन ने कहा…

बहुत हि सुन्दर रचना

नीरज गोस्वामी ने कहा…

गहरे और सुन्दर शब्द...इस भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारें

नीरज

virendra sharma ने कहा…

मोहब्बत के रोज़े हर किसी के नाम नहीं होते .बहुत खूब .लेखनी आपकी दिनानुदिन निखार पर है .

जितेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा…

अत्तयंत सुंदर .

जितेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा…

अत्तयंत सुंदर .