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मंगलवार, 3 मार्च 2015

उसने कहा

उसने कहा 
सबसे छोटी प्रेम कविता लिखो 
मैंने उसका नाम लिख दिया 

उसने कहा 
सबसे उदास प्रेम कविता लिखो 
मैंने अपना नाम लिख दिया 

उसने कहा 
सबसे दर्दभरी प्रेम कविता लिखो 
मैंने सजदे में सिर झुका लिया 

भला इसके बाद भी  प्रेम का और कोई मानी बचा है क्या ?

6 टिप्‍पणियां:

lori ने कहा…

khubsoorat, udaas, khauf zada.... :)

Anita ने कहा…

वाह...प्रेम का और कोई मतलब होता भी नहीं...बहुत सुंदर !

दिगम्बर नासवा ने कहा…

प्रेम और उनका नाम सब एक ही तो है ...

Sanju ने कहा…

Bahut umda rachna..
holi ki shubhkamnaye.

satish ने कहा…

amazing!

satish ने कहा…

वाह! सुन्दर रचना

Satish