तलाश जारी है
हर किसी की
न जाने किसे
ढूंढ रहे हैं सब
हर कोई
जब मिल जाता है
तब फिर एक बार
कुछ नया पाने की
चाहत में
तलाश शुरू करता है
फिर एक बार
एक अंतहीन
दिशा की ओर
चलने लगता है
और उसकी
यह तलाश
ता-उम्र जारी रहती है
किसी को खोजने
की तलाश
कुछ पाने की
तलाश
मगर
तलाश है कि
कभी ख़त्म नही होती
मृत्यु के उस पार भी
उसकी यह
तलाश जारी रहती है
जब तक
ख़ुद को नही पाता
तब तक
तलाश जारी रहती है
ख़ुद को
पाये बिना
कोई तलाश
पूरी नही होती
और तब तक
तलाश जारी रहती है
हर किसी की
न जाने किसे
ढूंढ रहे हैं सब
हर कोई
कुछ न कुछ
पाना चाहता हैजब मिल जाता है
तब फिर एक बार
कुछ नया पाने की
चाहत में
तलाश शुरू करता है
फिर एक बार
एक अंतहीन
दिशा की ओर
चलने लगता है
और उसकी
यह तलाश
ता-उम्र जारी रहती है
किसी को खोजने
की तलाश
कुछ पाने की
तलाश
मगर
तलाश है कि
कभी ख़त्म नही होती
मृत्यु के उस पार भी
उसकी यह
तलाश जारी रहती है
जब तक
ख़ुद को नही पाता
तब तक
तलाश जारी रहती है
ख़ुद को
पाये बिना
कोई तलाश
पूरी नही होती
और तब तक
तलाश जारी रहती है
5 टिप्पणियां:
सुन्दर रचना है।बधाई।
khud ki talash apni phechan ko ubharne ki koshish yahi darshati hai aapki ye rachna....
bahut accha likha hai aapne phir se....
Bahut achche.
aap ki rachnaayen bahut acchi hai .
itni acchi kavita ke liye badhai..
regards,
Vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/
आपके ब्लोग पर आया तो सरसरी निगाह से देखा तो काफी अच्छी अच्छी रचनाएं मिली। पर एक " तलाश जारी हैं" ने एकदम मेरा ध्यान खींच लिया क्योंकि मेरे ब्लोग का नाम भी मेरी तलाश हैं जब पढी तो लगा जैसे मेरी भावानाओं का किसी ने यहाँ उकेर दिया हैं। बहुत अच्छी लगी। अद्भुत। बाकी रचनाओं को बाद में जरुर पढेगे।
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