दिल के सोये तारों को जगा गया कोई
मुझे मुझसे फिर मिला गया कोई
फिर एक बार तमन्ना है जगी
फिर एक बार महफिल है सजी
यादों को गुलजार कर गया कोई
दिल की हर धड़कन को भिगो गया कोई
सोये अरमानों को आइना दिखा गया कोई
कुछ इस तरह एक बार फिर
मुझे मुझसे मिला गया कोई
मुझे मुझसे फिर मिला गया कोई
फिर एक बार तमन्ना है जगी
फिर एक बार महफिल है सजी
यादों को गुलजार कर गया कोई
दिल की हर धड़कन को भिगो गया कोई
सोये अरमानों को आइना दिखा गया कोई
कुछ इस तरह एक बार फिर
मुझे मुझसे मिला गया कोई
5 टिप्पणियां:
bahut sundar geet hai.
दिल की हर धड़कन को भिगो गया कोई
सोये अरमानों को आइना दिखा गया कोई
कुछ इस तरह एक बार फिर
मुझे मुझसे मिला गया कोई
bahut sunder rachana
वाह बहोत ही खूब लिखा है
अर्श
कुछ इस तरह एक बार फिर
मुझे मुझसे मिला गया कोई
khud se milna kitna suhawna lgata hai ...hai.na?
bahut hi pyari si rachna dil ko chuti hai......
अक्षय-मन
bahut sundar ...
kya baat hai ... bhav ji uthe hai
badhai
vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/
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