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रविवार, 14 दिसंबर 2008

मुझे मुझसे मिला गया कोई

दिल के सोये तारों को जगा गया कोई
मुझे मुझसे फिर मिला गया कोई
फिर एक बार तमन्ना है जगी
फिर एक बार महफिल है सजी
यादों को गुलजार कर गया कोई
दिल की हर धड़कन को भिगो गया कोई
सोये अरमानों को आइना दिखा गया कोई
कुछ इस तरह एक बार फिर
मुझे मुझसे मिला गया कोई

5 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

bahut sundar geet hai.

makrand ने कहा…

दिल की हर धड़कन को भिगो गया कोई
सोये अरमानों को आइना दिखा गया कोई
कुछ इस तरह एक बार फिर
मुझे मुझसे मिला गया कोई

bahut sunder rachana

"अर्श" ने कहा…

वाह बहोत ही खूब लिखा है

अर्श

!!अक्षय-मन!! ने कहा…

कुछ इस तरह एक बार फिर
मुझे मुझसे मिला गया कोई
khud se milna kitna suhawna lgata hai ...hai.na?
bahut hi pyari si rachna dil ko chuti hai......


अक्षय-मन

vijay kumar sappatti ने कहा…

bahut sundar ...

kya baat hai ... bhav ji uthe hai

badhai

vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/