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मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

प्रेम दिवस की फूलझडी






वैलेन्टाइन के बहाने से



आशिकी झाड़ने वालों




बच के रहना




जिस दिन कोई




सिरफिरी टकरा जाएगी




आशिकी की सारी




भूतनियाँ उतार जाएगी




जेब के पैसे जब




डकार जाएगी




तब घरवाली भी




हाथ से निकल जाएगी




वैलेन्टाइन की माला




जपने वाले एक बार में ही




तेरा वैलेन्टाइन मना जाएगी




फिर हर औरत में तुम्हें




माँ , बहन ही नज़र आएगी




तेरी आशिकी की फूलझड़ी में




कंगाली का बम लगा जाएगी




इस बार की होली में




अपनी दिवाली और




तेरा दिवाला निकाल जाएगी




दोस्तों आज ये पोस्ट दोबारा लगा रही हूँ ........क्यूंकि आज के दिन पर 

फिट बैठती है .......पढ़िए और एन्जॉय कीजिये 






और एक रंग ये भी देखिये प्रेम दिवस का 






चलो हमने प्रेम दिवस माना लिया 





प्यार का कैसा खुमार छाया


देखो देखो प्रेम दिवस आया


सुबह ट्वीट किया छैला ने


बनोगी लैला मेरी एक दिन के लिए


जवाब में लैला का मोबाइल खनखनाया


और दोपहर तक तो प्रेम ने अपना रंग दिखाया


शाम को क्लब में मिलने का प्रोग्राम बनाया


कुछ गुलाब, कुछ चौकलेट और कुछ गिफ्ट्स ने 


अपना रंग दिखाया 


रात होते- होते तो खुमार दिल से जिस्म तक छाया


प्रेम का आदान - प्रदान किया 


और बारह बजते - बजते तक तो 


सारा नशा हवा हुआ


फिर तू कौन मैं कौन का चलन हुआ


तू मेरी वैलेन्टाइन मैं तेरा वैलेन्टाइन का नशा हिरन हुआ 



अब मिले फिर ना मिलेंगे का वादा किया 


चलो हमने प्रेम दिवस माना लिया 

कह दिल को सुकून दिया ............:)


28 टिप्‍पणियां:

अशोक सलूजा ने कहा…

प्यार का अहसास..सब दिन एक समान !
प्रेम-दिवस या आशिकी भूत दिवस :-) बढिया चेतावनी :-)))))
शुभकामनाएँ!

vandana gupta ने कहा…

padm singh dwara ::::::

Padm Singh कृपया मेरा कमेन्ट ब्लॉग तक पहुंचा दिया जाय... मै ब्लॉग खोल नहीं पा रहा हूँ


Padm Singh हम डर रहे हैं सारे मज़े वे मना रहे हैं
मस्ती मे मगन वैलेंटाइन डे मना रहे हैं
वो लोग जो बहका रहे हैं प्रेम वेम से
हम जानते हैं वो हमें उल्लू बना रहे हैं

vidya ने कहा…

आपकी फुलझड़ी ने अच्छी झाड लगाई आशिकों की...
:-)

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

:):)

Manish Khedawat ने कहा…

bAS MAJA AA GAYA PADHKAR :)

सदा ने कहा…

वाह ... बहुत खूब ।

कल 15/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्‍वागत है !
क्‍या वह प्रेम नहीं था ?

धन्यवाद!

बेनामी ने कहा…

:-))))

रश्मि प्रभा... ने कहा…

:) मस्त -

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

बहुत अच्छे !

shikha varshney ने कहा…

हा हा हा क्या फुलझड़ी है .

विभूति" ने कहा…

प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति........

नीरज गोस्वामी ने कहा…

बहुत आनंद आया आपकी रचना पढ़ कर...वाह

नीरज

sangita ने कहा…

maja aa gaya .

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

waah bahut badhiyaa vandana jee.

virendra sharma ने कहा…

बेहतरीन पोस्ट .विस्तृत कवरेज समीक्षित विषय वस्तु.का .प्रासंगिक पोस्ट वेलेंताइनों को पानी पिलाती .कृपया फुलझड़ी कर लें 'फूलझड़ी 'के स्थान पर .

वाणी गीत ने कहा…

ये फुलझड़ियाँ कहाँ बम पटाखे हैं :)

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हा हा हा हा, क्या खबर ली है..

राजेश उत्‍साही ने कहा…

लेकिन हम तो गब्‍बर के शब्‍दों में यही कहेंगे कि ..जो डर गया,समझो मर गया।
और यह भी जो्ड़ दें कि ...जो डटा रहा,समझो तर गया।

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

uff har baat ka jabab hota hai aapke passs:))

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

waise ye fuljhariyan nahi bomb hain...

rashmi ravija ने कहा…

हाहा ..क्या खूब लिखा है

Maheshwari kaneri ने कहा…

सही कहा ...

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत खूब! मजा आ गया...

Aditya ने कहा…

Apki chetaavni padh kar hum to bache bache phir rahe hain .. :D
bahut sundar rachna :)

palchhin-aditya.blogspot.in

Atul Shrivastava ने कहा…

सावधान.............

मेरा साहित्य ने कहा…

wah kya baat hai aanand aaya.
badhai
rachana

Rakesh Kumar ने कहा…

यह फूल झड़ी तो गजब की है.
आखिर वंदना जी ने जो छोड़ी है.

बच के रहना रे बाबा बच के रहना रे.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

चेतावनी और मधुर एहसास ... दोनों साथ साथ ...
बेमिसाल ...