दिल के टूटने की आवाज़ वो सुनकर भी नही सुनता ,
सब कुछ समझ कर भी वो कुछ भी नही समझता,
किसी के दिल पर क्या बीती है ----वो जानता है ,
इतना भी नासमझ नही ------फिर क्यों वापस बुलाता नही ,
दर्द जब हद से बढ़ जाएगा वो तब भी न वापस आएगा ,
जब हम न रहेंगे -------यह जानकर भी ,
वो हमको न वापस बुलाएगा।
5 टिप्पणियां:
jakhm apne kured diye hai . bahut badhiya .dhanyawaad.
yahi to risto ki ahiymat pata chalti hai...her tarf yahi hai..but chah kar bhi koi age nhi badta....
वन्दना जी।
यह आपका कोरा बहम है।
कोई किसी को नही बुलाता है।
ऐसा ही होता है ...
दर्द को परिभाषित करती खूबसूरत रचना |
बहुत सुंदर रचना दोस्त :)
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