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गुरुवार, 2 जून 2011

अब बुकमार्क जरूरी हो गया है

मैंने चाहा था
चाहतों पर
इक निशाँ
लगा दूं
तुम्हारे लिए
वैसे मोहब्बत को
निशानों की
जरूरत नहीं होती
मगर तुम ही
रास्ता भूलने लगे हो
शायद इसलिए
अब बुकमार्क
जरूरी हो गया है

41 टिप्‍पणियां:

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

वाह, वन्दना जी, क्या गजब की क्षणिका है ...

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

मगर तुम ही
रास्ता भूलने लगे हो
शायद इसलिए
अब बुकमार्क
जरूरी हो गया है

सही रास्ते पर लाने के लिए बुकमार्क करना बहुत ज़रूरी है :)
बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने.

सादर

BrijmohanShrivastava ने कहा…

चाहा था चाहतों पर अलंकार । भटकन के लिये बुकमार्क । चन्द लाइनों में गंभीर बात

सदा ने कहा…

सहज व कम शब्‍दों में बिल्‍कुल सच कहा ..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

:):) बहुत बढ़िया ..बुकमार्क की जगह लवमार्क .. :):)

अमिताभ मीत ने कहा…

Good one !

Coral ने कहा…

बहुत सुन्दर

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

वर्तमान संदर्भो के परिपेक्ष्य में यथार्थ की सुन्दर अभिव्यक्ति !

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

सुन्दर रचना........

रश्मि प्रभा... ने कहा…

book mark ... khyaal sahi hai

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

Bahut Sundar.
............
प्यार की परिभाषा!
ब्लॉग समीक्षा का 17वां एपीसोड--

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

अब बुक मार्क
जरूरी हो गया है '
...........क्या कल्पना है वाह !

Anupama Tripathi ने कहा…

कम शब्दों में उम्दा प्रस्तुति ...!!

Anita ने कहा…

गागर में सागर चरितार्थ होता है आपकी कविता पर, बधाई !

Kailash Sharma ने कहा…

गज़ब की सोच..लाज़वाब प्रस्तुति..आभार

राज भाटिय़ा ने कहा…

अति सुंदर...

shikha varshney ने कहा…

ओए होए गज़ब उसे बुकमार्क का.
बहुत बढिया.

shikha varshney ने कहा…

उसे = यूज

Maheshwari kaneri ने कहा…

मगर तुम ही
रास्ता भूलने लगे हो
शायद इसलिए
अब बुकमार्क
जरूरी हो गया है
बहुत सुन्दर रचना........

Mohinder56 ने कहा…

सुन्दर भावाव्यक्ति.

पर बुकमार्क तो बहुत से भी हो सकते हैं ना
:)

Unknown ने कहा…

सही कहा आज कल बुकमार्क बहुत जरूरी है :)

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

बुकमार्क शब्द में ही विम्ब निहित है..बढ़िया कविता...

रजनीश तिवारी ने कहा…

bahut sundar ...

Arunesh c dave ने कहा…

बुकमार्क जरूरी है टैटू भी लगाया जा सकता है

Unknown ने कहा…

बढ़िया लिखा है

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कभी कभी तो बहुत ही आवश्यक हो जाता है।

Unknown ने कहा…

बुकमार्क जरूरी है , भावनामयी पंक्तियाँ

Dr Varsha Singh ने कहा…

शायद इसलिए
अब बुकमार्क जरूरी हो गया है ...

बुकमार्क शब्द का अच्छा प्रयोग किया है आपने.

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रतीक का प्रयोग किया है आपने।

M VERMA ने कहा…

लाजवाब ...
शायद बुकमार्क से ढूढने में आसानी होगी.

अजय कुमार झा ने कहा…

बहुत ही सुंदर , कमाल की पंक्तियां हैं ..वाह ।ऐसा बुकमार्क तो यादों का बुकमार्क होता है , बहुत ही बढिया जी , लगे रहिए । शुभकामनाएं दोस्त

Asha Lata Saxena ने कहा…

वन्दना जी नन्हीं सी कविता में बहुत गंभीर बात कही है |
आशा

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

एक कड़वा सच जिसे आपने बखूबी बयान किया. प्रशंसनीय

bilkul sahi kaha apne..सारगर्भित पोस्ट , आभार

25,000 houries 'हूरों की दुनिया में' अनवर जमाल का स्वागत हुआ गुलाब के फूलों से

वाणी गीत ने कहा…

बिलकुल जरुरी है फिर तो !

Urmi ने कहा…

बहुत खूब लिखा है आपने !सही में अगर कोई रास्ता भूल जाए तब तो बुकमार्क लगाना आवश्यक है!

prerna argal ने कहा…

मगर तुम ही
रास्ता भूलने लगे हो
शायद इसलिए
अब बुकमार्क
जरूरी हो गया हैbahut sunder chadikaa.badhaai aapko.


please visit my blog.

Amrita Tanmay ने कहा…

बुकमार्क ...मार्केबल है...

मदन शर्मा ने कहा…

सुन्दर रचना......

Vijuy Ronjan ने कहा…

Vandana ji,bimbon ka itna sateek prayog maine kam hi dekha hai...

Maza aa gaya padh kar...

बेनामी ने कहा…

नि:शब्‍द कर दिया आपने तो ।

pallavi trivedi ने कहा…

bahut badhiya...