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शुक्रवार, 16 मार्च 2012

लम्हों को जो कैद किया अफ़साना नया बन गया ……पुस्तक मेले के सफ़र मे

दोस्तों ,
२५ फरवरी एक यादगार लम्हा बनकर यादों में कैद हो गयी चलिए आपको ले चलती हूँ अपने उस सफ़र पर 
पुस्तक मेला -----2012

सबसे पहला पड़ाव ..........हिंद युग्म 

 चेहरे कैसे खिल गए
ब्लॉगर जो मिल गए 





मैडम जी एक नज़र इधर भी   

मस्ती भरा है समां 
सबका है अन्दाज़-ए-अदा और 

किस किस का ख्याल रखें

कुर्बान जायें इस मुस्कान पर 
 गोपियों मे फ़ंस गया कृष्ण कन्हैया ……चारो तरफ़ गोपियाँ
 ओये होये क्या अन्दाज़ है
 तीन दिग्गज………अरे अरे दिग्गी राजा नही :)

सोये जाओ सोये जाओ विमोचन का आनन्द लिये जाओ

तुम मुझे देख कर फोटो खींचते रहो 
मैं तुम्हें देखकर फोटो खींचता रहूँ 
विमोचन के दृश्य  
संबोधित करते  
 यहाँ ज़िन्दगी का सबब समझ आया 

जब एक झोंके ने दामन उडा डाला

 उस दिन २५ फरवरी २०१२ पुस्तक मेले में 
काफी लोग "इमरोज" के हस्ताक्षर ले रहे थे 
अपनी किताबों पर ...........
मगर मैं ना ले सकी ........कहाँ लेती ?


मैंने वो तख्तियां बनाई ही नहीं जिन पर कुछ लिखा जा सके .............
जाने क्यूँ लोग मोहब्बत के हस्ताक्षर लेते हैं.............

क्या सच में मोहब्बत के भी कोई हस्ताक्षर होते हैं ?

मोहब्बत मोहब्बत से मिल गयी और जज़्ब हो गयी …अब शब्द कहाँ ? 


 यादों की धरोहर बन गया 

लम्हा जो उम्र मे बदल गया




और यहाँ आकर सारी कायनात थम गयी 
शायद ज़िन्दगी मिल गयी 
कुछ लम्हों में सिमट गयी 


ये था पहले दिन के सफ़र की कुछ झलकियाँ 



पहले दिन सिर्फ मिलना मिलाना हुआ और हम खाली हाथ घर आ गये 
लगा कि ये तो गलत हुआ कुछ मनपसंद किताबें भी नहीं देख पाए सिर्फ विमोचन और सबसे मिलने में ही दिन निकल गया तो फिर दूसरे दिन फिर अपनी बेटी के साथ गयी और कुछ मनपसन्द किताबें लेकर आई तब जाकर कुछ सुकून आया 



 ये देखिये आराम फरमाते नींद का लुत्फ़ उठाते 
प्रकाशक ब्लॉगर अरुण राय जी 
अब ऐसा सुनहरी मौका हम कैसे छोड़ते 
सो कैमरे में कैद कर लिया 

तो दोस्तों ये तो था दो दिन का सफ़र मगर इस सफ़र में भी बहुत कुछ सीखने और जानने को मिला साथ ही कुछ प्रश्न मन में छोड़ गया 
अब ये पोस्ट काफी बड़ी हो जाएगी इसलिए उसका जिक्र अगली पोस्ट में करुँगी .

28 टिप्‍पणियां:

सदा ने कहा…

बहुत ही बढि़या ... इस सचित्र प्रस्‍तुति के लिए आभार

रविकर ने कहा…

NICE

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बढ़िया रिपोर्ट

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

मैं ऐसे सोता हूं.... कभी तस्वीर देखी नहीं थी अपनी सोते हुए...बहुत बहुत आभार.. बढ़िया सचित्र चर्चा...

Anita ने कहा…

बहुत रोचक और मोहक प्रस्तुति...

Anupama Tripathi ने कहा…

उस सुहाने से दिन कि याद दिला दी आपने ...!
समय है के फिर भागने सा लग गया है ....!
कुछ रुक कर उन लम्हों को याद करना भी कितना अच्छा लग रहा है ...!
वंदना जी आभार ...उस दिन कि याद दिलाने का ....!!

आनंद ने कहा…

कभी तो चूक जाया करो वंदना जी ...कहीं तो बक्स दिया होता ..:)

वाणी गीत ने कहा…

बढ़िया फोटो शूट :)

Maheshwari kaneri ने कहा…

बढिया रिपोर्ट ,सुन्दर चित्र..

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

चित्र सब कुछ व्यक्त करते हुये।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति!
बधाई हो!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!

shikha varshney ने कहा…

चलिए आपके बहाने एक बार फिर पुस्तक मेला देख लिया आभार.

jadibutishop ने कहा…

badhiya sachitra prastuti ...
http://jadibutishop.blogspot.com

jadibutishop ने कहा…

badhiya prastuti aapki....
http://jadibutishop.blogspot.com

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

क्या बात है... मैं बाहर था, पुस्तक मेले में इस बार नहीं जा सका। पर यहां आकर लगा कि मै भी इस मेले में शामिल था।
बहुत बढिया

Atul Shrivastava ने कहा…

तस्‍वीरों के जरिए सुंदर प्रस्‍तुतिकरण।

संगीता पुरी ने कहा…

वाह ..
सुंदर प्रस्‍तुति !!

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

बढ़िया रिपोर्ट बोलते चित्रों के साथ, अगली पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी....

आशा बिष्ट ने कहा…

achhi prastuti

दिगम्बर नासवा ने कहा…

मज़ा आ गया आपका काव्यात्मक सफर का लेखा जोखा ... सभी फोटो अपने कहानी कह रहे हैं... पर आपकी जुबानी कह रहे हैं ...

palash ने कहा…

अच्छी रिपोर्टिंग की आपने......... ऐसा लगा जैसे हम भी वही कही हो....

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

आज 18/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Brijendra Singh ने कहा…

reporting ka anootha andaaz achchha laga.. :)

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

सुंदर चित्रमय वर्णन।
चित्रों ने सब कुछ बयां कर दिया है।
काश हम भी वहां होते।

Ramakant Singh ने कहा…

BEAUTIFUL REPORTIG WITH NICE PICTURE.

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

केप्‍शन में सभी के नाम भी दे देती तो और अच्‍छा होता।

Kunwar Kusumesh ने कहा…

बढ़िया फ़ोटोज़.
अविस्मर्णीय पल.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

खुबसूरत पलों की खुबसूरत प्रस्तुति...