पेज

मेरी अनुमति के बिना मेरे ब्लॉग से कोई भी पोस्ट कहीं न लगाई जाये और न ही मेरे नाम और चित्र का प्रयोग किया जाये

my free copyright

MyFreeCopyright.com Registered & Protected

मंगलवार, 4 जून 2013

ढूँढता हूँ शहर मैं जो बरसों पहले खो गया

ढूँढता हूँ शहर मैं जो बरसों पहले खो गया 
जाने किस सभ्यता में दफ़न कैसे हो गया 

जहाँ तिलिस्मों के बाज़ार में बिकती हों ख्वाहिशें 
उन ख्वाहिशों का कोई खरीदार कैसे हो गया 

इक अंगरखे के नकाब में निकलते हैं जो सड़कों पर 
पैरों की जूतियों का कोई तलबगार कैसे हो गया 

ये मौसमों की बदलती सीरत जो देखी हर तरफ 
जाने उन हवाओं का कोई पहरेदार कैसे हो गया 

वक्त की नुमाइशे जो क़त्ल भी किया करती थीं कभी 
जाने उन चौबारों पर आज ऐतबार कैसे हो गया 

15 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

वाह जी
अच्छी रचना
सुबह सुबह मन प्रसन्न हुआ रचना पढ़कर !

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

आज ०४/०६/२०१३ को आपकी यह पोस्ट ब्लॉग बुलेटिन - काला दिवस पर लिंक की गयी हैं | आपके सुझावों का स्वागत है | धन्यवाद!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर रचना।

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

ati sundar ....

Unknown ने कहा…

बेहद सुन्दर रचना वन्दना जी।

Kailash Sharma ने कहा…

वक्त की नुमाइशे जो क़त्ल भी किया करती थीं कभी जाने उन चौबारों पर आज ऐतबार कैसे हो गया

...बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (05-06-2013) के "योगदान" चर्चा मंचःअंक-1266 पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

बहुत बढ़िया -सुन्दर प्रस्तुति !

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

बहुत बढ़िया -सुन्दर प्रस्तुति !
latest post मंत्री बनू मैं
LATEST POSTअनुभूति : विविधा ३

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

वाह !

Anita ने कहा…

ये मौसमों की बदलती सीरत जो देखी हर तरफ जाने उन हवाओं का कोई पहरेदार कैसे हो गया
वक्त की नुमाइशे जो क़त्ल भी किया करती थीं कभी जाने उन चौबारों पर आज ऐतबार कैसे हो गया
बहुत खूब...प्रभावशाली रचना...

Neeraj Neer ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना, प्रस्तुति का ढंग, प्रयोग किये गए शब्द और उनका प्रभाव सब अति उत्तम.

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह बहुत खूब

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खूबसूरत गज़ल

Asha Joglekar ने कहा…

उस शहर को तो हम भी खोज रहे हैं ।