ये आस्तीन के साँपों की दुनिया
ये झूठे चालबाजों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
कभी झूठी बातें कभी झूठे चेहरे
कभी इन्सान को मिटाने के
करते हैं बखेड़े
हर एक शख्स झूठा
हर इक शय है धोखा
अपनों की भीड़ में छुपा है वो चेहरा
गर इसे पहचान भी जायें तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
कभी पीठ में खंजर भोंकती है दुनिया
कभी सच्चाइयों को रौंदती है दुनिया
हर तरफ फैली है नफ़रत की आँधी
हर ओर जैसे बिखरी हो तबाही
बंजर चेहरों में अक्स छुपाती ये दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये झूठे चालबाजों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
कभी झूठी बातें कभी झूठे चेहरे
कभी इन्सान को मिटाने के
करते हैं बखेड़े
हर एक शख्स झूठा
हर इक शय है धोखा
अपनों की भीड़ में छुपा है वो चेहरा
गर इसे पहचान भी जायें तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
कभी पीठ में खंजर भोंकती है दुनिया
कभी सच्चाइयों को रौंदती है दुनिया
हर तरफ फैली है नफ़रत की आँधी
हर ओर जैसे बिखरी हो तबाही
बंजर चेहरों में अक्स छुपाती ये दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
अब चाहे मिटाओ या फूंक डालो ये दुनिया
मेरे किसी काम की नहीं है ये दुनिया
बारूद के ढेर पर बैठी ये दुनिया
किसी की कभी न होती ये दुनियाकितना बचके चलना यहाँ पर
किसी को कभी न बख्शती ये दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है