आपका
लिखा कभी जाया नहीं होता इसका उदाहरण है ये कि हिंदी समय पर मेरी कवितायें
शामिल हैं. वहाँ प्रोफ़ेसर संजीव जैन जी ने पढ़ीं और बिजूका समूह जो व्हाट्स
एप पर बनाया गया है उस पर शेयर कीं. उसके बाद मुझसे 10 नयी कवितायें मांगी
गयीं जिन्हें आज 'बिजूका' ब्लॉग पर स्थान मिला है. Satya Patel जी आपकी हार्दिक आभारी हूँ जो आपने कविताओं को इस लायक समझा और बिजूका पर जगह देकर मान बढाया.
आपका स्नेह मेरी कविताओं को यहाँ भी प्राप्त होगा ऐसी आशा करती हूँ.
https://bizooka2009.blogspot.in/2017/12/1.html?m=1
आपका स्नेह मेरी कविताओं को यहाँ भी प्राप्त होगा ऐसी आशा करती हूँ.
https://bizooka2009.blogspot.in/2017/12/1.html?m=1
कवितायें सिर्फ लगाईं ही न जाएँ बल्कि उन का गहन अध्ययन कर उस पर अपनी पड़ताल भी प्रेषित की जाए तो लिखने वाला बहुत प्रेरित होता है. ऐसा ही यहाँ हुआ है. ऐसे में लगता है लिखना सार्थक हुआ. बिजूका का ये प्रयास बेहद सराहनीय है . एक बार फिर से हार्दिक आभार Satya Patel जी और अनिल कुमार पाण्डेय जी .
बिजूका ब्लॉग पर अनिल कुमार पाण्डेय जी ने कविताओं की पड़ताल भी की है और उस पर गहन व विस्तृत विवेचना भी की है.
https://bizooka2009.blogspot.in/2017/12/blog-post_8.html?m=1