प्यार महकता है
मोहब्बत की सौंधी सौंधी महक
इश्क की खुशबू
कुछ भी कहूँ
बात तो एक ही है
बस जरूरत है तो इतनी सी
वो तुम तक पहुँचे
वो ' तुम '
कोई भी हो सकते हो
न मैंने नहीं देखा तुम्हें
नहीं जानती कौन हो
कहाँ हो , कैसे हो
बस महकते हो मुझमे साँसों से
चहकते हो , बहकते हो
और मैं बेबस सी
तुम्हारी अनजानी अनदेखी मोहब्बत में गिरफ्तार
युगों से प्रतीक्षा की दहलीज पर
सजदा किये बैठी हूँ
एक कभी न बुझने वाली चिर परिचित प्यास का घूँट पीकर
जबकि जानती हूँ
तुम नहीं हो कहीं
न यहाँ न कहीं और इस पूरे ब्रह्माण्ड में
सिवाय मेरे अनचीन्हे ख्याल की पुआल पर बैठे एक जोगी की तरह
सदायें बिना पंखों की वो पंछी हैं
जिन्हें उड़ने को न आकाश चाहिए
और न ही धड़कने को दिल
पहुँच ही जाती हैं मंजिल तक
जाने क्यों फिर भी कहने को दिल करता है
मृग की नाभि में कस्तूरी सा
लव ब्लॉसम्स हेयर जानां ...........
युगों से प्रतीक्षा की दहलीज पर
सजदा किये बैठी हूँ
एक कभी न बुझने वाली चिर परिचित प्यास का घूँट पीकर
जबकि जानती हूँ
तुम नहीं हो कहीं
न यहाँ न कहीं और इस पूरे ब्रह्माण्ड में
सिवाय मेरे अनचीन्हे ख्याल की पुआल पर बैठे एक जोगी की तरह
सदायें बिना पंखों की वो पंछी हैं
जिन्हें उड़ने को न आकाश चाहिए
और न ही धड़कने को दिल
पहुँच ही जाती हैं मंजिल तक
जाने क्यों फिर भी कहने को दिल करता है
मृग की नाभि में कस्तूरी सा
लव ब्लॉसम्स हेयर जानां ...........