दुःख दर्द आंसू आहें पुकार
सब गए बेकार
न खुदी बुलंद हुई
न खुदा ही मिला
ज़िन्दगी को न कोई सिला मिला
यहाँ
रब एक सम्मोहन है
और ज़िन्दगी एक पिंजर
और तू
महज साँस लेती
भावनाओं से जकड़ी एक बदबूदार लाश
ये जानते हुए
कि यहाँ कोई नहीं तेरा
चल फकीरा उठा अपना डेरा
और गुनगुनाता रह ज़िन्दगी के हर मोड़ पर
ये ब्रह्म वाक्य
यहाँ मैं अजनबी हूँ ...मैं जो हूँ बस वही हूँ
डिसक्लेमर
रब एक सम्मोहन है
और ज़िन्दगी एक पिंजर
और तू
महज साँस लेती
भावनाओं से जकड़ी एक बदबूदार लाश
ये जानते हुए
कि यहाँ कोई नहीं तेरा
चल फकीरा उठा अपना डेरा
और गुनगुनाता रह ज़िन्दगी के हर मोड़ पर
ये ब्रह्म वाक्य
यहाँ मैं अजनबी हूँ ...मैं जो हूँ बस वही हूँ
डिसक्लेमर
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©वन्दना गुप्ता vandana gupta इस पोस्ट या इसका कोई भी भाग बिना लेखक की लिखित अनुमति के शेयर, नकल, चित्र रूप या इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रयोग करने का अधिकार किसी को नहीं है, अगर ऐसा किया जाता है निर्धारित क़ानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।